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सालों से सूखे की मार झेल रहे बुन्देलखंड में एकबार फिर एक किसान ने आत्महत्या की। किसानों को खेत में देने के लिए पानी नहीं मिला जिससे कम पैदावार होने की वजह से किसान कर्ज में डूब गया है। सरकारी उपेक्षा के शिकार यहां के किसानों के लिए आखिरी रास्ता आत्महत्या ही बचा हुआ है।