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कहते हैं कि हर दल के पीछे कुछ ऐसे चेहरे होते है जो पर्दे के पीछे तो होते हैं लेकिन वही पार्टी और दल के रणनीतिकार होते हैं। लगभग सभी दल में इस तरह के चेहरे पर्दे के पीछे से अपना काम करते हैं और एक धुन के साथ कि वह एक सिपाही है और उन्हें अपने दल के लिए सिर्फ जीत के साथ काम करना है। चुनावी समर है और सभी राजनीतिक दल कमर कस के तैयार हैं लगभग हर चुनाव में सभी दल अपने कुछ रणनीतिकार के साथ आगे बढ़ते हैं फिर चाहे भाजपा हो, कांग्रेस, समाजवादी पार्टी या फिर बसपा। यूपी चुनाव के रण में सभी प्रमुख दलों के ऐसे ही सिपहलालार हैं जो पार्टी के रिपोट कंट्रोल की तरह हैं और पार्टी इन्हीं की रणनीति पर चुनावी फैसले कर रही है। आइये आपको बताते हैं कि वो कौन से नाम हैं जो हैं तो पर्दे के पीछे पर पार्टी के लिए अगुआ की तरह काम कर रहे हैं।
सबसे पहले बात करेंगे भाजपा की भाजपा के कई ऐसे चेहरे हैं जो अपने पार्टी के सिपाही हैं लेकिन फिर भी पर्दे के पीछे से पार्टी को मजबूत करने का काम करने वाले हैं। धर्मेंद्र प्रधान यूपी के चुनाव प्रभारी हैं इससे पहले महाराष्ट्र बिहार में भी भाजपा के चुनाव प्रभारी रह चुके हैं। चुनाव की घोषणा से पहले भाजपा नेताओं सांसदों और केंद्रीय मंत्रियों के साथ तालमेल बिठाने में धर्मेंद्र प्रधान की भूमिका एवं रही है।
इस फेहरिस्त में दूसरा नाम आता है अनुराग ठाकुर केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री हैं और भाजपा ने उप चुनावी प्रभारी नियुक्त किया है। अनुराग ठाकुर युवाओं को भाजपा के पक्ष में लामबंद करने पर और पार्टी के प्रचार प्रसार पर रणनीति तैयार करते रहे हैं।
जैसा कि हमने बताया कि भाजपा में ऐसे कई नाम है जो पर्दे के पीछे से अपना काम करते हैं और इसी कड़ी में अगला नाम है सुनील बंसल का। सुनील बंसल 2013 में अमित शाह के साथ सह प्रभारी रह चुके हैं। 2017 विधानसभा चुनाव हो या 2019 में इनकी भूमिका हमेशा से अहम रही है। 100 दिन 100 काम की योजना तैयार करना या चुनावी रणनीति को धरातल पर उतारना यह सब सुनील बंसल ने पार्टी के लिए किया है।
भाजपा के चुनावी रणनीतिकार का नाम है अंकित सिंह चंदेल…सोशल मीडिया के प्रचार-प्रसार की कमान अंकित कई सालों करते रहें हैं। ‘सोच ईमानदार काम दमदार’ जैसे अभियान चलाने का श्रेय अंकित सिंह चंदेल को ही जाता है और विपक्षी दलों को गिरकर उनके खिलाफ मोर्चा खोलना भी अंकित सिंह चंदेल की रणनीति का एक हिस्सा है। 3 लाख से अधिक व्हाट्सएप ग्रुप पर प्रचार और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लाइव प्रचार प्रसार कर पार्टी को मजबूत करने का पूरा श्रेय अंकित सिंह चंदेल को ही जाता है।
अब बात करते हैं कांग्रेस की…कांग्रेस के भीतर भी कई चाणक्य हैं जिनमें सबसे पहले नाम आता है सचिन नायक का …सतिन नायक ने यूथ कांग्रेस को मजबूत करने के साथ ही कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। कांग्रेस के रणनीतिकारों में दूसरा नाम है धीरज गुर्जर का…त्वरित मुद्दों पर सत्ता धारी दल को घेरने और राहुल, प्रियंका को सक्रियता से शामिल कराने का काम हमेशा से धीरज ही करते रहें हैं।
अगली पार्टी है समाजवादी पार्टी…सपा से राजेन्द्र चौधरी ऐसा नाम हैं जो पार्टी के साथ सालों से जुड़े हैं और पार्टी के बड़े सिपहसालार हैं। माना जाता है कि परछाई की तरह सपा और अखिलेश यादव के साथ ये रहते हैं और नीतिगत फैसलों में हमेशा काम करते हैं। सपा के ही उदयवीर सिंह सियासी गणित बैठाकर सपा को मजबूत करते रहें हैं। सुनील सिंह यादव साजन भी अखिलेश यादव के लिए दाहिने हाथ की तरह काम करते हैं।
इधर बहुजन समाज पार्टी में भी कुछ ऐसे नाम हैं जो पार्टी के सलाहकार और रणनीतिकार दोनों ही है इनमें मेवा लाल गौतम,आरएल मित्तल,कपिल मिश्रा ये बसपा के वो संतंभ हैं जो परदे के पीछे से कताम करते रहें हैं और पार्टी को मजबूत करते रहे हैं।