350 साल से चली आ रही परंपरा के तहत वाराणसी में एक बार फिर महाश्मशान पर घुंघरूओं की झनकार गूंज उठी। मणिकर्णिका घाट पर पूरी रात सजने वाली इस महफिल को देखने के लिए सैंकड़ों की तादाद में लोग जुटे। आपको बता दें कि 16वीं शताब्दी में राजा मान सिंह ने यहां मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया था, लेकिन श्मशान होने की वजह से यहां किसी भी कलाकार ने भजन कीर्तन करने से मना कर दिया। तब नगर वधुओं ने यहां कार्यक्रम किया। तब से लेकर अब तक ये परंपरा यूं ही कायम है। नृत्य के जरिए ये लोग भगवान से अपने लिए अगले जन्म में बेहतर जिंदगी की प्रार्थना करते हैं।