न्यूज डेस्क, अमर उजाला, वाराणसी Published by: गीतार्जुन गौतम Updated Mon, 15 Mar 2021 12:04 PM IST
वाराणसी के संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय परिसर में स्थित वेधशाला का गौरव फिर से लौटेगा। देशभर के संस्कृत विश्वविद्यालयों में सबसे पहले यहां स्थापित यह वेधशाला फिर से ग्रहों की सूक्ष्म गणना करेगी। दो दशक के लंबे अंतराल के बाद महामहोपाध्याय पं. सुधाकर द्विवेदी वेधशाला को खोलने की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। इस पहल पर इंटैक ने वेधशाला के खराब पत्थर बदलने और यंत्रों को दुरुस्त करने के लिए आर्थिक मदद की है। वर्तमान सत्र में छात्रों को इस वेधशाला का लाभ मिल सकेगा