कोविड के हमले से बचने के लिए मास्क को कवच के तौर पर प्रचारित किया जाता रहा है, लेकिन, ओमिक्रॉन वैरिएंट जिस तेजी से कोविड संक्रमण फैला रहा है उसे देखते हुए मास्क की सलाह पर पुनर्विचार की जरूरत है। ऑस्ट्रिया ने महामारी की शुरुआत के कुछ समय बाद से ही सार्वजनिक जगहों पर रेस्पिरेटर पहनना अनिवार्य कर रखा है। अब अमेरिका के रोग नियंत्रण व रोकथाम केंद्र (सीडीसी) ने रेस्पिरेटर को मास्क की तुलना में अधिक सुरक्षित माना है, साथ ही सुझाव दिया है कि कोविड से सुरक्षा के लिए मास्क को अपग्रेड करने का समय है।
स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और प्रयोगशाला में काम करने वाले लोगों पर हुए अध्ययनों में इस बात के पुख्ता सुबूत मिले हैं रेस्पिरेटर स्रोत नियंत्रण और व्यक्तिगत सुरक्षा के मास्क की तुलना में काफी प्रभावी हैं। अगर संक्रमित व संपर्क में आने वाले व्यक्ति ने पूरी तरह से फिट रेस्पिरेटर मास्क पहना है, तो 25 घंटे तक संक्रमण से सुरक्षित रहा जा सकता है। वहीं, अगर संक्रमित और संपर्क में आए व्यक्ति ने कपड़े का मास्क पहना है, तो 26 मिनट के भीतर संक्रमित होने का खतरा होगा।
संक्रमित ने पहना है |
(संक्रमण का रिसाव) |
समय |
कुछ नहीं |
100% |
15 मिनट |
कपड़े का मास्क |
75% |
20 मिनट |
सर्जिकल मास्क |
50% |
30 मिनट |
एन-95 रेस्पिरेटर |
20% |
1.25 घंटे |
फिट-एन95 रेस्पिरेटर |
10% |
2.5 घंटे |
कुछ नहीं |
100% |
2.5 घंटे |
कपड़े का मास्क |
75% |
3.3 घंटे |
सर्जिकल मास्क |
50% |
5 घंटे |
एन-95 रेस्पिरेटर |
20% |
12.5 घंटे |
फिट-एन95 रेस्पिरेटर |
10 % |
25 घंटे |
संक्रमित से मिलने वाले ने पहना है (संक्रमण की संभावना प्रतिशत में)
रेस्पिरेटर मास्क नहीं होते
रेस्पिरेटरों को अक्सर मास्क मान लिया जाता है, लेकिन यह विशेष मानकों को पूरा करने वाले व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण होते हैं, जो वायुजनित खतरनाक बैक्टीरिया, वायरस व प्रदूषकों को सांस में मिलेने से रोकने के लिए बनाए जाते हैं। एक एन95 मानक वाला रेस्पिरेटर उच्च प्रवाह दर पर सबसे अधिक घातक आकार के 95 फीसदी कणों को रोकने में सक्षम होता है।
पहले कपड़े के मास्क लगाने को क्यों कहा गया
शुरुआत में कोविड को खांसी और छींक के जरिये फैलने वाला माना गया, जिसके आधार पर मास्क को स्रोत पर नियंत्रण का एक कुशल व किफायती तरीका माना गया। लेकिन, अब साफ है कि वायरस हवा के जरिये फैलता है। सांस लेने और बोलने के दौरान खासतौर पर बंद जगहों पर यह लंबे समय तक हवा मौजूद रह सकता है।
कीमत बनाम सुरक्षा
भारत में रेस्पिरेटर की कीमत चार-पांच हजार रुपये से शुरू होती है। वहीं, आईसीयू में एक दिन का न्यूनतम औसत खर्च करीब 10 हजार रुपये है। जाहिर है यह आईसीयू की तुलना में किफायती है और मास्क के बजाय कई गुना प्रभावी।
वैक्सीन की तरह मुहैया कराएं
संक्रामक रोगों की डॉक्टर व अल्बर्टा विश्वविद्यालय में शोधकर्ता लेयला असदिक, किर्बी इंस्टीट्यूट में ग्लोबल बायोसिक्योरिटी के प्रोफेसर सी रैना मैकइंटायर ने कहा कि सरकारें वैक्सीन की तरह ही रेस्पिरेटर भी मुहैया कराएं या इनकी उपल्ब्धता व वहनीयता को आसान बनाएं तो संक्रमण पर बहुत जल्दी पूरी तरह से काबू पाया जा सकता है। इसके साथ ही वे इस तरफ भी ध्यान दिलाते हैं कि डब्ल्यूएचओ वैक्सीन प्लस रणनीति की वकालत करता है।
विस्तार
कोविड के हमले से बचने के लिए मास्क को कवच के तौर पर प्रचारित किया जाता रहा है, लेकिन, ओमिक्रॉन वैरिएंट जिस तेजी से कोविड संक्रमण फैला रहा है उसे देखते हुए मास्क की सलाह पर पुनर्विचार की जरूरत है। ऑस्ट्रिया ने महामारी की शुरुआत के कुछ समय बाद से ही सार्वजनिक जगहों पर रेस्पिरेटर पहनना अनिवार्य कर रखा है। अब अमेरिका के रोग नियंत्रण व रोकथाम केंद्र (सीडीसी) ने रेस्पिरेटर को मास्क की तुलना में अधिक सुरक्षित माना है, साथ ही सुझाव दिया है कि कोविड से सुरक्षा के लिए मास्क को अपग्रेड करने का समय है।
स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और प्रयोगशाला में काम करने वाले लोगों पर हुए अध्ययनों में इस बात के पुख्ता सुबूत मिले हैं रेस्पिरेटर स्रोत नियंत्रण और व्यक्तिगत सुरक्षा के मास्क की तुलना में काफी प्रभावी हैं। अगर संक्रमित व संपर्क में आने वाले व्यक्ति ने पूरी तरह से फिट रेस्पिरेटर मास्क पहना है, तो 25 घंटे तक संक्रमण से सुरक्षित रहा जा सकता है। वहीं, अगर संक्रमित और संपर्क में आए व्यक्ति ने कपड़े का मास्क पहना है, तो 26 मिनट के भीतर संक्रमित होने का खतरा होगा।