भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से पहली बार मुलाकात की। व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस में दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई। बातचीत के दौरान बाइडन ने मोदी की तारीफ की और कहा, "आपका स्वागत है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी। हम आपको काफी समय से जानते हैं। हमें खुशी है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व्हाइट हाउस आए हैं। मोदी ने भी गर्मजोशी से स्वागत के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति का आभार जताया। मोदी ने कहा कि भारत और अमेरिका व्यापार में एक-दूसरे के पूरक हैं। उन्होंने महात्मा गांधी के अभिभावकता (ट्रस्टीशिप) के सिद्धांत का जिक्र करते हुए कहा कि भारत और अमेरिका को भी इस भावना के साथ आगे आकर सहयोग करना होगा। इस दौरान तालिबान से भी अपनी धरती का इस्तेमाल आंतकवाद के लिए नहीं करने का आह्वान किया गया।
#WATCH Prime Minister Narendra Modi receives a warm welcome from US President Joe Biden at the White House pic.twitter.com/SEp29Rrl5g
— ANI (@ANI) September 24, 2021
तालिबान से यूएनएससी के प्रस्ताव का पालन करने की अपील
भारत और अमेरिका ने तालिबान से अपनी प्रतिबद्धताओं का पालन करने और महिलाओं, बच्चों और अल्पसंख्यक समूहों सहित सभी अफगानों के मानवाधिकारों का सम्मान करने का आह्वान किया है। साथ ही भारत-अमेरिका ने तालिबान से काबुल की धरती को किसी देश को धमकाने या हमला करने या आतंकियों को शरण देने के लिए नहीं करने की अपील की है। शुक्रवार को व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के बीच हुई द्विपक्षीय बैठक के बाद संयुक्त बयान जारी किया गया। इसमें तालिबान से यूएनएससी के प्रस्ताव 2593 (2021) का पालन करना करने की अपील की गई, जिसमें अफगान क्षेत्र का इस्तेमाल कभी किसी देश को धमकाने, हमला करने या आतंकवादियों को शरण देने या प्रशिक्षित करने, या आतंकवादी हमलों की योजना बनाने या वित्तपोषित करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए।
'भारत की प्रतिभाएं अमेरिका की विकास यात्रा में सहभागी हों, इसके लिए आपका योगदान अहम'
मैं देख रहा हूं कि यह दशक आपके नेतृत्व में जो बीज हम बोएंगे। यह पूरा दशक भारत, अमेरिका के संबंधों में, विश्व के लोकतांत्रिक देशों के लिए बदलाव वाला कालखंड रहेगा। मैं देख रहा हूं कि लोकतांत्रिक परंपराओं और मूल्यों को लेकर जो हम जी रहे हैं और जिसके प्रति हम समर्पित हैं, उस परंपरा का अपना महात्मय और अधिक बढ़ेगा। उसी प्रकार से आपने उल्लेख किया कि 40 लाख से ज्यादा भारतीय अमेरिका की विकास यात्रा में सहभागी है। इस दशक में टैलेंट का एक अपना महत्व है। पीपुल टू पीपुल ये टैलेंट इस दशक में बेहद प्रभावी भूमिका अदा करेगा। भारत के टैलेंट अमेरिका के विकास यात्रा में पूरी तरह सहभागी होती चली जाए, उसमें आपका योगदान काफी अहम है। इस दशक में भारत और अमेरिका के रिश्तों में तकनीक और वो भी पूरी मानवता के लिए उपयोगी हो, उस दिशा में हम टेक्नोलॉजी के माध्यम से बहुत बड़ी सेवा कर सकते हैं।
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