रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से अपनी शिखर वार्ता से ठीक पहले ये साफ कर दिया है कि वो बाइडन की तरफ से तय की गई शर्तों के मुताबिक बातचीत नहीं करेंगे। अमेरिकी टीवी चैनल एनबीसी को दिए इंटरव्यू में ये बातें उन्होंने कूटनीतिक अंदाज में साफ कीं। संदेश दिया कि उनके लिए वे मुद्दे अहम नहीं हैं, जिन्हें उनके साथ बातचीत में बाइडन उठाना चाहते हैं। उन्होंने दो टूक कहा कि इस वक्त रूस और अमेरिका के संबंध अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच चुके हैं।
इसके पहले क्रेमलिन (रूसी राष्ट्रपति के कार्यालय) के प्रवक्ता ने भी दो टूक कहा था कि इस शिखर वार्ता से रूस को ज्यादा उम्मीद है। प्रवक्ता ने भी कहा था कि दोनों देशों के संबंध अपने न्यूनतम स्तर पर हैं। ऐसे में सिर्फ एक वार्ता से उनके सुधरने की उम्मीद रखना ठीक नहीं है। पुतिन और जो बाइडन की शिखर वार्ता बुधवार को जिनेवा में होगी। व्हाइट हाउस ने कहा है कि इस शिखर वार्ता के दौरान जो बाइडन ‘रूस से हो रहे रैनसमवेयर हमलों’ (साइबर हमलों), यूक्रेन के खिलाफ रूस के आक्रामक रुख और रूस में सरकार विरोधियों को जेल में डालने के मुद्दे उठाएंगे। एनबीसी को दिए इंटरव्यू के दौरान पुतिन ने संदेश देने की कोशिश की कि वे इन मुद्दों पर बचाव की मुद्रा में नहीं हैं।
इसके उलट उन्होंने ऐसी टिप्पणियां कीं, जिन्हें अमेरिका की अंदरूनी राजनीति के बारे में बोलना कहा जाएगा। मसलन, उन्होंने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तारीफ करते हुए उन्हें ‘असाधारण व्यक्ति और प्रतिभाशाली राजनेता’ बताया। कहा कि ट्रंप बेसब्र थे, जबकि बाइडन एक राजनीतिक करियर वाले नेता हैं, जो ‘रंगारंग’ ट्रंप से बिल्कुल अलग हैं। अमेरिका में डेमोक्रेटिक पार्टी में ट्रंप को लेकर जैसा विरोध भाव है, उसके बीच ये टिप्पणियां अहम हैं। पर्यवेक्षकों के मुताबिक बाइडन से मुलाकात से ठीक पहले पुतिन का ट्रंप की तारीफ करने का मतलब यही है कि उन्होंने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति के बारे में बाइडन और डेमोक्रेटिक पार्टी की संवेदनशीलताओं का ख्याल करने की जरूरत महसूस नहीं की। या ऐसा दिखाना चाहा कि वे ऐसा नहीं करते हैं।
गौरतलब है कि अतीत में पुतिन और ट्रंप दोनों एक दूसरे की सार्वजनिक तारीफ कर चुके हैं। पुतिन पर ये इल्जाम लगा था कि उन्होंने 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव को ट्रंप के हक में प्रभावित करने की कोशिश की। इसके लिए रूसी एजेंसियों ने अमेरिका में सोशल मीडिया पर मुहिम चलाई। रूस की मदद लेने के आरोप में ही ट्रंप के खिलाफ डेमोक्रेटिक पार्टी ने महाभियोग लगाने की कोशिश की थी। ताजा इंटरव्यू में पुतिन ने ट्रंप के बारे में अपनी अच्छी राय फिर जताई। बाइडन के बारे में उन्होंने कहा कि बाइडन के करियर पॉलिटिशियन होने के कुछ लाभ हैं, तो कुछ नुकसान भी। लेकिन उन्होंने कहा कि अब अमेरिकी राष्ट्रपति की तरफ से बेसब्री में कदम नहीं उठाए जाएंगे।
जो बाइडन ने यूरोप रवाना होने से पहले वाशिंगटन में कहा था कि अमेरिका रूस के साथ टकराव नहीं चाहता है। वह एक स्थिर संबंध चाहता है। लेकिन अगर रूसी सरकार हानिकारक गतिविधियों में शामिल हुई, तो उसे मजबूत और सार्थक जवाब दिया जाएगा। बाइडन ने राष्ट्रपति बनने के कुछ ही दिन बाद एक टीवी इंटरव्यू में इस सवाल से सहमति जताई थी कि क्या वे पुतिन को हत्यारा मानते हैं। ये सवाल एनबीसी ने पुतिन से पूछा। इस पर पुतिन ने कहा- ‘ये ऐसा कुछ नहीं है, जिससे मैं चिंतित होता हूं।’ उन्होंने कहा कि ये टिप्पणी को उस तरह के ‘मर्दाना व्यवहार’ का हिस्सा है, जो हॉलिवुड में बहुत आम है। जाहिर है, उन्होंने बाइडन की उस राय का मखौल उड़ाया।
विस्तार
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से अपनी शिखर वार्ता से ठीक पहले ये साफ कर दिया है कि वो बाइडन की तरफ से तय की गई शर्तों के मुताबिक बातचीत नहीं करेंगे। अमेरिकी टीवी चैनल एनबीसी को दिए इंटरव्यू में ये बातें उन्होंने कूटनीतिक अंदाज में साफ कीं। संदेश दिया कि उनके लिए वे मुद्दे अहम नहीं हैं, जिन्हें उनके साथ बातचीत में बाइडन उठाना चाहते हैं। उन्होंने दो टूक कहा कि इस वक्त रूस और अमेरिका के संबंध अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच चुके हैं।
इसके पहले क्रेमलिन (रूसी राष्ट्रपति के कार्यालय) के प्रवक्ता ने भी दो टूक कहा था कि इस शिखर वार्ता से रूस को ज्यादा उम्मीद है। प्रवक्ता ने भी कहा था कि दोनों देशों के संबंध अपने न्यूनतम स्तर पर हैं। ऐसे में सिर्फ एक वार्ता से उनके सुधरने की उम्मीद रखना ठीक नहीं है। पुतिन और जो बाइडन की शिखर वार्ता बुधवार को जिनेवा में होगी। व्हाइट हाउस ने कहा है कि इस शिखर वार्ता के दौरान जो बाइडन ‘रूस से हो रहे रैनसमवेयर हमलों’ (साइबर हमलों), यूक्रेन के खिलाफ रूस के आक्रामक रुख और रूस में सरकार विरोधियों को जेल में डालने के मुद्दे उठाएंगे। एनबीसी को दिए इंटरव्यू के दौरान पुतिन ने संदेश देने की कोशिश की कि वे इन मुद्दों पर बचाव की मुद्रा में नहीं हैं।
इसके उलट उन्होंने ऐसी टिप्पणियां कीं, जिन्हें अमेरिका की अंदरूनी राजनीति के बारे में बोलना कहा जाएगा। मसलन, उन्होंने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तारीफ करते हुए उन्हें ‘असाधारण व्यक्ति और प्रतिभाशाली राजनेता’ बताया। कहा कि ट्रंप बेसब्र थे, जबकि बाइडन एक राजनीतिक करियर वाले नेता हैं, जो ‘रंगारंग’ ट्रंप से बिल्कुल अलग हैं। अमेरिका में डेमोक्रेटिक पार्टी में ट्रंप को लेकर जैसा विरोध भाव है, उसके बीच ये टिप्पणियां अहम हैं। पर्यवेक्षकों के मुताबिक बाइडन से मुलाकात से ठीक पहले पुतिन का ट्रंप की तारीफ करने का मतलब यही है कि उन्होंने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति के बारे में बाइडन और डेमोक्रेटिक पार्टी की संवेदनशीलताओं का ख्याल करने की जरूरत महसूस नहीं की। या ऐसा दिखाना चाहा कि वे ऐसा नहीं करते हैं।
गौरतलब है कि अतीत में पुतिन और ट्रंप दोनों एक दूसरे की सार्वजनिक तारीफ कर चुके हैं। पुतिन पर ये इल्जाम लगा था कि उन्होंने 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव को ट्रंप के हक में प्रभावित करने की कोशिश की। इसके लिए रूसी एजेंसियों ने अमेरिका में सोशल मीडिया पर मुहिम चलाई। रूस की मदद लेने के आरोप में ही ट्रंप के खिलाफ डेमोक्रेटिक पार्टी ने महाभियोग लगाने की कोशिश की थी। ताजा इंटरव्यू में पुतिन ने ट्रंप के बारे में अपनी अच्छी राय फिर जताई। बाइडन के बारे में उन्होंने कहा कि बाइडन के करियर पॉलिटिशियन होने के कुछ लाभ हैं, तो कुछ नुकसान भी। लेकिन उन्होंने कहा कि अब अमेरिकी राष्ट्रपति की तरफ से बेसब्री में कदम नहीं उठाए जाएंगे।
जो बाइडन ने यूरोप रवाना होने से पहले वाशिंगटन में कहा था कि अमेरिका रूस के साथ टकराव नहीं चाहता है। वह एक स्थिर संबंध चाहता है। लेकिन अगर रूसी सरकार हानिकारक गतिविधियों में शामिल हुई, तो उसे मजबूत और सार्थक जवाब दिया जाएगा। बाइडन ने राष्ट्रपति बनने के कुछ ही दिन बाद एक टीवी इंटरव्यू में इस सवाल से सहमति जताई थी कि क्या वे पुतिन को हत्यारा मानते हैं। ये सवाल एनबीसी ने पुतिन से पूछा। इस पर पुतिन ने कहा- ‘ये ऐसा कुछ नहीं है, जिससे मैं चिंतित होता हूं।’ उन्होंने कहा कि ये टिप्पणी को उस तरह के ‘मर्दाना व्यवहार’ का हिस्सा है, जो हॉलिवुड में बहुत आम है। जाहिर है, उन्होंने बाइडन की उस राय का मखौल उड़ाया।