Hindi News
›
World
›
Why did TTP calls off ceasefire with Pakistan?
{"_id":"63888a0c0cc9743c7f5f63f4","slug":"why-did-ttp-calls-off-ceasefire-with-pakistan","type":"story","status":"publish","title_hn":"TTP calls off ceasefire: टीटीपी ने पाकिस्तान के साथ अपना युद्धविराम क्यों तोड़ा?","category":{"title":"World","title_hn":"दुनिया","slug":"world"}}
TTP calls off ceasefire: टीटीपी ने पाकिस्तान के साथ अपना युद्धविराम क्यों तोड़ा?
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, काबुल
Published by: Harendra Chaudhary
Updated Thu, 01 Dec 2022 05:12 PM IST
सार
लेटेस्ट अपडेट्स के लिए फॉलो करें
TTP calls off ceasefire: टीटीपी ने आरोप लगाया है कि पाकिस्तान की सुरक्षा और खुफिया एजेंसियां लगातार युद्धविराम की शर्तों का उल्लंघन कर रही थीं। उसने कहा- ‘हमने वार्ता जारी रखने के मकसद से लंबे समय तक सब्र दिखाया। लेकिन पाकिस्तान सरकार ने अपने वादों को पूरा नहीं किया।’
TTP calls off ceasefire: तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (सांकेतिक तस्वीर)
- फोटो : Agency (File Photo)
आतंकवादी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के पाकिस्तान के साथ अपना युद्धविराम खत्म करने की घोषणा से अफगानिस्तान से लगे पाकिस्तान के इलाकों में डर फैल गया है। इधर अफगानिस्तान और पाकिस्तान के रिश्तों में इससे तनाव बढ़ने का अंदेशा पैदा हुआ है। टीटीपी ने मंगलवार को युद्धविराम खत्म करने का एलान करते हुए अपने ‘फील्ड कमांडरों’ को निर्देश दिया था कि पाकिस्तान में अपने हमले फिर शुरू कर दें।
टीटीपी ने आरोप लगाया है कि पाकिस्तान की सुरक्षा और खुफिया एजेंसियां लगातार युद्धविराम की शर्तों का उल्लंघन कर रही थीं। उसने कहा- ‘हमने वार्ता जारी रखने के मकसद से लंबे समय तक सब्र दिखाया। लेकिन पाकिस्तान सरकार ने अपने वादों को पूरा नहीं किया।’ टीटीपी की तरफ से बयान उसके “रक्षा मंत्रालय” ने जारी किया, जिस पर टीटीपी के रणनीतिकार मुफ्ती मुजाहिम के दस्तखत हैं। ये बयान जारी होने के एक दिन बाद टीटीपी के ‘मिलिट्री कमीशन’ के प्रमुख मुफ्ती बरजान ने एलान किया कि अब पाकिस्तान के सैनिक कमांडरों के साथ कोई बातचीत नहीं होगी।
पाकिस्तान की सेना और टीटीपी के बीच युद्धविराम इस वर्ष जून में हुआ था। ये समझौता अफगानिस्तान के गृह मंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी की मध्यस्थता से हुआ था। लेकिन विश्लेषकों के मुताबिक ये समझौता आपसी भरोसा पैदा करने की प्रक्रिया से आगे नहीं बढ़ पाया। टीटीपी ने जो मांगें रखी थीं, उन पर कभी गंभीरता से बातचीत नहीं हुई।
टीटीपी की मांग है कि पाकिस्तान के खैबर पख्तूनवा प्रांत में संघ प्रशासित कबीलाई इलाकों (फाटा) का विलय खत्म किया जाए। साथ ही उस पूरे इलाके से पाकिस्तानी सेना को वापस बुलाया जाए। पाकिस्तान सरकार इन मांगों को मानने को तैयार नहीं है। उसका कहना है कि इन मांगों को मानने का मतलब उन इलाकों पर पाकिस्तान की संप्रभुता को छोड़ना होगा।
रक्षा मामलों के जानकार नवीद हुसैन ने पाकिस्तान के अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून में अपनी एक टिप्पणी में लिखा है कि टीटीपी के साथ उसकी शर्तों पर किया गया कोई समझौता पाकिस्तान की जनता को मान्य नहीं होगा। इसलिए भी शहबाज शरीफ सरकार ने युद्धविराम के बाद शांति समझौते की दिशा में कदम आगे नहीं बढ़ाए। इससे टीटीपी का सब्र दे गया।
पाकिस्तान सरकार का आकलन है कि टीटीपी की आतंकवादी गुट आईएसआईएस के साथ मिलीभागत है। इसलिए वह चाहती थी कि टीटीपी को किसी तरह युद्धविराम पर राजी रखा जाए। अब टीटीपी के युद्धविराम खत्म कर देने के बाद पाकिस्तान पर इस खूंखार गुट के हमलों का अंदेशा भी गहरा गया है।
विज्ञापन
तालिबान सूत्रों के मुताबिक टीटीपी ने बीते अगस्त में ही युद्धविराम तोड़ने का मन बना लिया था। उस समय उसके दो कमांडरों की अफगानिस्तान सीमा के भीतर रहस्यमय ढंग से हत्या कर दी गई थी। उनमें टीटीपी का प्रमुख कमांडर अब्दुल वली उर्फ उमर खालिद खोरासानी भी था। सूत्रों के मुताबिक तब अफगान तालिबान के दबाव के कारण टीटीपी ने युद्धविराम से बाहर आने का एलान नहीं किया। अफगान तालिबान को आशा थी कि पाकिस्तान सरकार इस मौके का फायदा उठाएगी। लेकिन शांति वार्ता शुरू नहीं हुई। उसका नतीजा युद्धविराम की समाप्ति के रूप में आया है। अब खैबर पख्तूनवा समेत पूरे पाकिस्तान में घातक हमलों का भय पैदा हो गया है।
विज्ञापन
विज्ञापन
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get latest World News headlines in Hindi related political news, sports news, Business news all breaking news and live updates. Stay updated with us for all latest Hindi news.
विज्ञापन
विज्ञापन
एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें
Disclaimer
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।