केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने 15 फरवरी से नेशनल हाईवे (राष्ट्रीय राजमार्गों) पर टोल प्लाजा में सभी लेन को 'फीस प्लाजा का फास्टैग लेन' घोषित कर दिया है। सरकारी आदेश के मुताबिक अब देशभर में राष्ट्रीय राजमार्गों पर सभी लेन फास्टैग लेन हैं। जिसके बाद अब वाहनों पर FASTag लगाना अनिवार्य हो गया है। हालांकि आपके वाहन में फास्टैग नहीं लगे होने पर आप अभी भी नकद भुगतान कर सकते हैं, लेकिन इसके ऐसा करना आपकी जेब पर भारी पड़ेगा। अब बिना RFID स्टीकर लगी किसी भी गाड़ी को इलेक्ट्रॉनिक टोल प्लाजा पार करने के लिए दोगुना शुल्क अदा करना पड़ेगा।
राष्ट्रीय राजमार्गों पर यात्रा के दौरान निर्धारित टोल फीस की दोगुनी रकम के भुगतान से बचने का सबसे आसान तरीका यह है कि आप अपनी गाड़ी पर फास्टैग तुरंत लगवा लें। इतना ही नहीं वाहन चालक को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि उसके फास्टैग में पर्याप्त राशि के साथ रिचार्ज भी किया गया हो।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी किए गए एक बयान के मुताबिक, "एनएच शुल्क नियम 2008 के अनुसार, कोई भी वाहन जिसमें फास्टैग नहीं लगा हुआ है, या जो बिना वैध, या ठीक से काम करने वाले फास्टैग के साथ फीस प्लाजा के फास्टैग लेन में घुस जाता है, तो उसे उस श्रेणी के लिए लागू शुल्क के दोगुना के बराबर शुल्क का भुगतान करेगा।"
मंत्रालय ने 1 जनवरी 2021 से मोटर वाहनों के M and N (एम एंड एम) श्रेणियों में फास्टैग को लगाने का आदेश दिया था।
M श्रेणी में कम से कम चार पहियों वाले मोटर वाहन आते हैं और यह यात्रियों को ले जाने के लिए इस्तेमाल की जाती हैं। जबकि N श्रेणी में कम से कम चार पहियों वाले वाहन आते हैं और इसका इस्तेमाल सामान ढोने के लिए किया जाता है।
अगर आपकी गाड़ी में फास्टैग नहीं लगा है और आप FASTag खरीदना चाहते हैं तो इसकी प्रक्रिया बहुत ही आसान है। देश के ज्यादातर टोल प्लाजा के बगल में बनाए गए बूथों में फास्टैग मिल जाएगा। इसके अलावा RFID (आरएफआईडी) स्टिकर को किसी भी अधिकृत बैंक और ई-पेमेंट पोर्टल के जरिए भी खरीदा जा सकता है।
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फास्टैग उन कई तरीकों में से एक है, जिसके जरिए सरकार देश में डिजिटल भुगतान की प्रक्रिया को बढ़ावा देना चाहती है। फास्टैग टोल प्लाजा पर वाहनों की लगने वाली लंबी लाइन को छोटा करके समय, ईंधन और पैसा बचाने का वादा करती है।
जब भी कोई वाहन टोल प्लाजा को पार करने के दौरान बूम बैरियर के पास पहुंचता है तो वाहन के विंडस्क्री पर लगे आरएफआईडी स्टिकर को स्कैन किया जाता है। जिसके बाद आपके फास्टैग एकाउंट से पैसे ऑटोमैटिक तरीके से कट जाते हैं और बूम बैरियर अपने आप खुल जाता है।
प्रवर्तन एजेंसियां होंगी तैनात
वर्तमान में प्रत्येक टोल प्लाजा पर दोनों दिशा में एक-एक हाईब्रिड लेन है। यानी, उस लेन में फास्टैग के अलावा नकद भी भुगतान किया जा सकता है। फास्टैग लेन में बिना फास्टैग के आने पर दोगुना टैक्स लिए जाने का प्रावधान है।
केंद्रीय मंत्रालय ने 15 फरवरी से टोल प्लाजा पर नकद भुगतान की सुविधा खत्म कर दी है। किसी भी लेन में नकद भुगतान की सुविधा नहीं मिलेगी। अगर कोई वाहन बिना फास्टैग के आएगा तो उससे नकदी में दोगुना टोल टैक्स लिया जाएगा।
फास्टैग व्यवस्था लागू करने में राज्य सरकारों से सहयोग करने के लिए प्रवर्तन एजेंसियों को लगाने के लिए कहा गया है। सड़क परिवहन मंत्रालय व एनएचएआई उक्त एजेंसियों को जरूरी सुविधाएं मुहैया कराएगा। जिससे बगैर फास्टैग वाहनो के टोल प्जाज की फास्टैग लेन में आने पर दोगुना टैक्स वसूला जा सके।
एनएचएआई के अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल 90 फीसदी तक टोल टैक्स फास्टैग के माध्यम से ही आ रहा है। हालांकि, राजमार्गों पर नियमित रूप से न चलने वाले लोग अभी भी नकद भुगतान कर रहे हैं। इन्हें भी जागरूक करने के लिए अभियान चलाए जा रहे हैं।
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टोल प्लाजा पर ऐसे रिचार्ज कराएं फास्टैग
एनएचएआई के यूपी में क्षेत्रीय अधिकारी अब्दुल बासित ने बताया कि हर प्लाजा पर फास्टैग की बिक्री की व्यवस्था की जा चुकी है। फास्टैग रिचार्ज करने की व्यवस्था भी कर रहे हैं। अगर किसी वाहन का फास्टैग रिचार्ज नहीं है तो वाहन स्वामी या चालक को प्लाजा से 200 मीटर पहले वाहन रोकना होगा। वह बूथ पर आकर अपने फास्टैग को रिचार्ज करवा सकेंगे।
एनएचएआई, आगरा के प्रोजेक्ट डायरेक्टर अरुण यादव ने बताया कि कभी-कभी रिचार्ज होने पर फास्टैग को एक्टिव होने में थोड़ा समय लग जाता है। इसलिए यह भी व्यवस्था होगी कि वह वाहन टोल प्लाजा को क्रॉस कर जाए और अगले टोल पर पिछला बकाया भी कट जाएगा।
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केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने 15 फरवरी से नेशनल हाईवे (राष्ट्रीय राजमार्गों) पर टोल प्लाजा में सभी लेन को 'फीस प्लाजा का फास्टैग लेन' घोषित कर दिया है। सरकारी आदेश के मुताबिक अब देशभर में राष्ट्रीय राजमार्गों पर सभी लेन फास्टैग लेन हैं। जिसके बाद अब वाहनों पर FASTag लगाना अनिवार्य हो गया है। हालांकि आपके वाहन में फास्टैग नहीं लगे होने पर आप अभी भी नकद भुगतान कर सकते हैं, लेकिन इसके ऐसा करना आपकी जेब पर भारी पड़ेगा। अब बिना RFID स्टीकर लगी किसी भी गाड़ी को इलेक्ट्रॉनिक टोल प्लाजा पार करने के लिए दोगुना शुल्क अदा करना पड़ेगा।