भारत में लगातर इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने की बात कही जा रही है ब्लूमबर्ग द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, पिछले छह वर्षों के दौरान लगभग 8,000 से अधिक ईवी बेचे गए थे। ब्लूमबर्गएनईएफ के अनुमानों के अनुसार, चीन दो दिनों में इससे अधिक की बिक्री करता है। हाल ही में Hyundai ने अपनी पहली इलेक्ट्रिक कार कोना को भारत में लॉन्च किया था लेकिन लगभग 150 मिलियन ड्राइवरों के एक राष्ट्र में, अगस्त के माध्यम से डीलरों को केवल 130 Kona एसयूवी बेची गईं।
भारत जोकि दुनियां का चौथा सबसे बड़ा ऑटो बाजार है और यहां पर इलेक्ट्रिक गाड़ियों की धीमी रफ्तार निराश करती है। ऐसे में सवाल यह आता है कि आखिर क्यों भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की रफ्तार इतनी सुस्त है? दरअसल भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए मौजूदा इन्फ्रास्ट्रक्चर अभी बहुत अच्छा नहीं है।
भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशनों की कमी है। इस बारे में मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के चेयरमैन आरसी भार्गव ने कहा, "भारत में इलेक्ट्रिक कारों की कीमत अभी नहीं है।"मुझे नहीं लगता कि सरकार या कार फर्मों को उम्मीद है कि अगले दो से तीन वर्षों में EVs की कोई वास्तविक खरीद होगी।
अगर देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को कामयाब बनाना है तो इन वाहनों को लोगों की पहुंच में लाना होगा। इलेक्ट्रिक वाहनों के इन्फ्रास्ट्रक्चर पर अभी और काम करना बाकी है। ई-वाहनों की रेंज में विस्तार करना होगा और साथ ही इनकी कीमत को सही रखना होगा ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इन्हें खरीदने में दिलचस्पी लें
भारत में लगातर इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने की बात कही जा रही है ब्लूमबर्ग द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, पिछले छह वर्षों के दौरान लगभग 8,000 से अधिक ईवी बेचे गए थे। ब्लूमबर्गएनईएफ के अनुमानों के अनुसार, चीन दो दिनों में इससे अधिक की बिक्री करता है। हाल ही में Hyundai ने अपनी पहली इलेक्ट्रिक कार कोना को भारत में लॉन्च किया था लेकिन लगभग 150 मिलियन ड्राइवरों के एक राष्ट्र में, अगस्त के माध्यम से डीलरों को केवल 130 Kona एसयूवी बेची गईं।
भारत जोकि दुनियां का चौथा सबसे बड़ा ऑटो बाजार है और यहां पर इलेक्ट्रिक गाड़ियों की धीमी रफ्तार निराश करती है। ऐसे में सवाल यह आता है कि आखिर क्यों भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की रफ्तार इतनी सुस्त है? दरअसल भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए मौजूदा इन्फ्रास्ट्रक्चर अभी बहुत अच्छा नहीं है।
भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशनों की कमी है। इस बारे में मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के चेयरमैन आरसी भार्गव ने कहा, "भारत में इलेक्ट्रिक कारों की कीमत अभी नहीं है।"मुझे नहीं लगता कि सरकार या कार फर्मों को उम्मीद है कि अगले दो से तीन वर्षों में EVs की कोई वास्तविक खरीद होगी।
अगर देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को कामयाब बनाना है तो इन वाहनों को लोगों की पहुंच में लाना होगा। इलेक्ट्रिक वाहनों के इन्फ्रास्ट्रक्चर पर अभी और काम करना बाकी है। ई-वाहनों की रेंज में विस्तार करना होगा और साथ ही इनकी कीमत को सही रखना होगा ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इन्हें खरीदने में दिलचस्पी लें