न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: कुमार संभव
Updated Fri, 23 Oct 2020 12:09 PM IST
पीएम मोदी आज बिहार में पहली चुनावी रैली से अपने सियासी अभियान का आगाज कर रहे हैं। इस दौरान उन्होंने लोगों को भोजपुरी में संबोधित किया। आपको बता दें कि पीएम मोदी 22 अक्टूबर को पश्चिम बंगाल के लोगों से रूबरू हुए थे और उन्होंने उस दौरान बंगाली में अपने भाषण की शुरुआत की थी। इस रिपोर्ट में जानते हैं कि क्या भाषा से पीएम मोदी वोटरों का दिल छूने की कोशिश कर रहे हैं?
बिहार में इस तरह बोले पीएम मोदी
बिहार के सासाराम में पीएम मोदी ने सबसे पहले ‘भारत माता की जय’ से अपने भाषण की शुरुआत की। इसके बाद उन्होंने कहा, ‘‘बिहार के स्वाभिमानी और मेहनती भाई-बहन, आप सभी के प्रणाम। अन्नदाता, मेहनतकश किसान भाई लोग के ई धान के कटोरा कहल जाए। गौरवशाली धरती के हम नमन करत आनि। मां मुंडेश्वरी ताराचंडी माता के ई पावन भूमि पर रउआ सबके अभिनंदन करत आनि।’’ इसके बाद पीएम मोदी ने लोगों के सामने अपनी बातें रखीं और सीएम नीतीश कुमार व भाजपा के शासनकाल की उपलब्धियां बताईं। पीएम मोदी ने अपने भाषण में रामविलास पासवान और बाबू रघुवंश प्रसाद सिंह का जिक्र किया। साथ ही, उन्हें श्रद्धांजलि दी।
Bihar Election 2020 Live Updates: पीएम ने रामविलास पासवान को किया याद, चिराग और लोजपा पर साधी चुप्पी
बंगाल में ऐसे किया था संबोधित
गौरतलब है कि दुर्गा षष्ठी के मौके पर पीएम मोदी पश्चिम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बंगाल की दुर्गा पूजा में शामिल हुए थे। उस दौरान उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत बंगाली में की थी। उन्होंने कहा था, ‘‘षष्ठी के इस शुभ अवसर पर मैं बंगाल की पुण्य भूमि को नमन करता हूं। उन्होंने कहा कि आज भक्ति की शक्ति ऐसी है, जैसे लग रहा है कि मैं दिल्ली में नहीं बल्कि बंगाल में आप सभी के बीच उपस्थित हूं।’’
क्या हैं भाषा के मायने?
राजनीतिक जानकारों की मानें तो स्थानीय भाषा की पकड़ का असर वोटरों के जेहन पर काफी ज्यादा पड़ता है। वैसे भी पीएम मोदी को जनता पर मजबूत पकड़ रखने वाला नेता माना जाता है। राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, पीएम मोदी लगातार अपने भाषणों में इस तरह के प्रयोग करते रहे हैं। ऐसे में दुर्गा पूजा के दौरान बंगाली और आज बिहार में भोजपुरी में भाषण की शुरुआत से यकीनन वोटरों का पीएम मोदी से जुड़ाव बढ़ा होगा।
पीएम मोदी आज बिहार में पहली चुनावी रैली से अपने सियासी अभियान का आगाज कर रहे हैं। इस दौरान उन्होंने लोगों को भोजपुरी में संबोधित किया। आपको बता दें कि पीएम मोदी 22 अक्टूबर को पश्चिम बंगाल के लोगों से रूबरू हुए थे और उन्होंने उस दौरान बंगाली में अपने भाषण की शुरुआत की थी। इस रिपोर्ट में जानते हैं कि क्या भाषा से पीएम मोदी वोटरों का दिल छूने की कोशिश कर रहे हैं?
बिहार में इस तरह बोले पीएम मोदी
बिहार के सासाराम में पीएम मोदी ने सबसे पहले ‘भारत माता की जय’ से अपने भाषण की शुरुआत की। इसके बाद उन्होंने कहा, ‘‘बिहार के स्वाभिमानी और मेहनती भाई-बहन, आप सभी के प्रणाम। अन्नदाता, मेहनतकश किसान भाई लोग के ई धान के कटोरा कहल जाए। गौरवशाली धरती के हम नमन करत आनि। मां मुंडेश्वरी ताराचंडी माता के ई पावन भूमि पर रउआ सबके अभिनंदन करत आनि।’’ इसके बाद पीएम मोदी ने लोगों के सामने अपनी बातें रखीं और सीएम नीतीश कुमार व भाजपा के शासनकाल की उपलब्धियां बताईं। पीएम मोदी ने अपने भाषण में रामविलास पासवान और बाबू रघुवंश प्रसाद सिंह का जिक्र किया। साथ ही, उन्हें श्रद्धांजलि दी।
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बंगाल में ऐसे किया था संबोधित
गौरतलब है कि दुर्गा षष्ठी के मौके पर पीएम मोदी पश्चिम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बंगाल की दुर्गा पूजा में शामिल हुए थे। उस दौरान उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत बंगाली में की थी। उन्होंने कहा था, ‘‘षष्ठी के इस शुभ अवसर पर मैं बंगाल की पुण्य भूमि को नमन करता हूं। उन्होंने कहा कि आज भक्ति की शक्ति ऐसी है, जैसे लग रहा है कि मैं दिल्ली में नहीं बल्कि बंगाल में आप सभी के बीच उपस्थित हूं।’’
क्या हैं भाषा के मायने?
राजनीतिक जानकारों की मानें तो स्थानीय भाषा की पकड़ का असर वोटरों के जेहन पर काफी ज्यादा पड़ता है। वैसे भी पीएम मोदी को जनता पर मजबूत पकड़ रखने वाला नेता माना जाता है। राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, पीएम मोदी लगातार अपने भाषणों में इस तरह के प्रयोग करते रहे हैं। ऐसे में दुर्गा पूजा के दौरान बंगाली और आज बिहार में भोजपुरी में भाषण की शुरुआत से यकीनन वोटरों का पीएम मोदी से जुड़ाव बढ़ा होगा।