सीआरपीएफ ने नक्सलियों के एक बड़े हमले की साजिश नाकाम कर दी है। सुरक्षा बलों को निशाना बनाने की खातिर नक्सलियों ने औरंगाबाद के जंगलों में कई किलोमीटर के क्षेत्र में एक साथ 64 IED लगाई थीं। यह विस्फोट एक साथ सैकड़ों जवानों की जान के लिए खतरा बन सकता था।
सीआरपीएफ की 205 कोबरा बटालियन और 153 बटालियन ने 12 घंटे के सर्च ऑपरेशन के बाद आईईडी को बरामद कर उन्हें निष्क्रिय कर दिया है। खास बात है कि इस हमले और आईईडी की खुफिया जानकारी भी सीआरपीएफ की इंटेलिजेंस इकाई ने ही दी है।
सीआरपीएफ के मुताबिक, बिहार के औरंगाबाद जिले के मदनपुर थाना क्षेत्र में स्थित गांव सहियारी के जंगलों में ये आईईडी मिली हैं। खुफिया सूचना मिलने के बाद सीआरपीएफ ने सोमवार सुबह पांच बजे वहां पर सर्च ऑपरेशन शुरू किया। जब पहली आईईडी मिली तो जवानों ने सोचा था कि चार-पांच और मिलेंगी।
उस वक्त जवान हैरान रह गए जब ये एक दूसरे से जुड़ी आईईडी की संख्या 64 तक पहुंच गई। अधिकारियों के अनुसार आईईडी की यह संख्या बहुत बड़ी मार कर सकती थी। आईईडी को कई किलोमीटर के क्षेत्र में दबाया गया था। अगर इनमें से एक भी आईईडी फटती तो बाकी के सारे विस्फोटक भी तुरंत सक्रिय हो जाते।
अमूमन नक्सलियों ती तरफ से इतनी बड़ी संख्या में आईईडी तभी लगाई जाती है, जब कोई बड़ा हमला करना हो। ऐसे हमले के लिए चारों तरफ आईईडी लगाई जाती है और जब कोई सुरक्षा बल आईईडी के बीच में फंस जाते हैं, तो वे विस्फोट कर जवानों पर चारों तरफ से अंधाधुंध फायरिंग कर देते हैं।
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सीआरपीएफ ने नक्सलियों के एक बड़े हमले की साजिश नाकाम कर दी है। सुरक्षा बलों को निशाना बनाने की खातिर नक्सलियों ने औरंगाबाद के जंगलों में कई किलोमीटर के क्षेत्र में एक साथ 64 IED लगाई थीं। यह विस्फोट एक साथ सैकड़ों जवानों की जान के लिए खतरा बन सकता था।
सीआरपीएफ की 205 कोबरा बटालियन और 153 बटालियन ने 12 घंटे के सर्च ऑपरेशन के बाद आईईडी को बरामद कर उन्हें निष्क्रिय कर दिया है। खास बात है कि इस हमले और आईईडी की खुफिया जानकारी भी सीआरपीएफ की इंटेलिजेंस इकाई ने ही दी है।