कोरोना वायरस संक्रमण में तेजी और लागत बढ़ने के चलते भारत में सेवा क्षेत्र की गतिविधियां मार्च महीने में थोड़ी सुस्त हुईं। एक मासिक सर्वेक्षण में बुधवार को यह कहा गया। भारत सेवा व्यवसाय गतिविधि सूचकांक फरवरी के 55.3 से घटकर मार्च में 54.6 पर पहुंच गया। इस तरह हालांकि पिछले महीने के मुकाबले गतिविधियां कुछ सुस्त हुई हैं, लेकिन यह पिछले लगातार छह महीने से वृद्धि को दर्शाता है।
लगातार छठे महीने 50 से ऊपर रहा सूचकांक
कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिए शुरू हुए टीकाकरण अभियान से कारोबारी भरोसे में सुधार हुआ है। इसके चलते मार्च में सूचकांक लगातार छठे महीने 50 से ऊपर रहा। सूचकांक का 50 से ऊपर रहना वृद्धि यानी विस्तार का संकेत देता है, जबकि 50 से नीचे का सूचकांक बताता है कि उत्पादन में गिरावट आई है।
अप्रैल में आ सकती है सुस्ती
आईएचएस मार्किट की सहायक निदेशक (अर्थशास्त्र) पॉलिएना डी लीमा ने कहा कि, 'चुनावों के चलते मांग में बढ़ोतरी हुई है, लेकिन कोविड-19 महामारी और आवाजाही में रोकथाम से चुनौतियां बढ़ी हैं।' लीमा ने चेतावनी दी कि महामारी का प्रकोप बढ़ने और रोकथाम बढ़ने से अप्रैल में उल्लेखनीय सुस्ती आ सकती है।
विनिर्माण गतिविधियां मार्च में सात महीने के निचले स्तर पर
मालूम हो कि संक्रमण के कारण देश की विनिर्माण गतिविधियों में वृद्धि की रफ्तार भी मार्च में सुस्त हुई है और यह सात महीने के निचले स्तर पर आ गई। आईएचएस मार्किट इंडिया के मुताबिक, पिछले महीने विनिर्माण पीएमआई (परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स) सूचकांक घटकर 55.4 पर आ गया, जो फरवरी में 57.5 था। पीएमआई का 50 से अधिक रहना वृद्धि और इससे नीचे का आंकड़ा संकुचन दिखाता है। 2020 के आखिरी महीनों में सुस्त रहा उत्पादन 2021 की शुरुआत में तेज हुआ, लेकिन कोविड-19 के मामले बढ़ने के कारण मार्च में यह फिर धीमा हो गया। 2020-21 के आखिरी महीनों में कंपनियों को मिलने वाले ऑर्डर, मांग और खरीद के आंकड़ों में बढ़ोतरी की दर भी फरवरी से कम रही।
विस्तार
कोरोना वायरस संक्रमण में तेजी और लागत बढ़ने के चलते भारत में सेवा क्षेत्र की गतिविधियां मार्च महीने में थोड़ी सुस्त हुईं। एक मासिक सर्वेक्षण में बुधवार को यह कहा गया। भारत सेवा व्यवसाय गतिविधि सूचकांक फरवरी के 55.3 से घटकर मार्च में 54.6 पर पहुंच गया। इस तरह हालांकि पिछले महीने के मुकाबले गतिविधियां कुछ सुस्त हुई हैं, लेकिन यह पिछले लगातार छह महीने से वृद्धि को दर्शाता है।
लगातार छठे महीने 50 से ऊपर रहा सूचकांक
कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिए शुरू हुए टीकाकरण अभियान से कारोबारी भरोसे में सुधार हुआ है। इसके चलते मार्च में सूचकांक लगातार छठे महीने 50 से ऊपर रहा। सूचकांक का 50 से ऊपर रहना वृद्धि यानी विस्तार का संकेत देता है, जबकि 50 से नीचे का सूचकांक बताता है कि उत्पादन में गिरावट आई है।
अप्रैल में आ सकती है सुस्ती
आईएचएस मार्किट की सहायक निदेशक (अर्थशास्त्र) पॉलिएना डी लीमा ने कहा कि, 'चुनावों के चलते मांग में बढ़ोतरी हुई है, लेकिन कोविड-19 महामारी और आवाजाही में रोकथाम से चुनौतियां बढ़ी हैं।' लीमा ने चेतावनी दी कि महामारी का प्रकोप बढ़ने और रोकथाम बढ़ने से अप्रैल में उल्लेखनीय सुस्ती आ सकती है।
विनिर्माण गतिविधियां मार्च में सात महीने के निचले स्तर पर
मालूम हो कि संक्रमण के कारण देश की विनिर्माण गतिविधियों में वृद्धि की रफ्तार भी मार्च में सुस्त हुई है और यह सात महीने के निचले स्तर पर आ गई। आईएचएस मार्किट इंडिया के मुताबिक, पिछले महीने विनिर्माण पीएमआई (परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स) सूचकांक घटकर 55.4 पर आ गया, जो फरवरी में 57.5 था। पीएमआई का 50 से अधिक रहना वृद्धि और इससे नीचे का आंकड़ा संकुचन दिखाता है। 2020 के आखिरी महीनों में सुस्त रहा उत्पादन 2021 की शुरुआत में तेज हुआ, लेकिन कोविड-19 के मामले बढ़ने के कारण मार्च में यह फिर धीमा हो गया। 2020-21 के आखिरी महीनों में कंपनियों को मिलने वाले ऑर्डर, मांग और खरीद के आंकड़ों में बढ़ोतरी की दर भी फरवरी से कम रही।