न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: कीर्तिवर्धन मिश्र
Updated Wed, 19 Jan 2022 06:36 PM IST
केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने राजकोषीय घाटे को कम करने के लिए बजट से ठीक पहले अहम निर्देश जारी किए हैं। इसमें सभी मंत्रालयों से अपने खर्चों में कटौती करने और इन्हें संशोधित अनुमान के दायरे में लाने के लिए कहा है।
वित्त मंत्रालय के तहत आने वाले आर्थिक मामलों के विभाग ने अपने कार्यालय ज्ञापन में अनुदानों के लिए अनुपूरक मांगों के तीसरे और अंतिम बैच के लिए प्रस्ताव मांगे हैं। मंत्रालयों और विभागों से 10 फरवरी तक प्रस्ताव भेजने के लिए कहा गया है।
दो चरणों में होने वाला बजट सत्र 31 जनवरी को शुरू होगा और आठ अप्रैल तक चलेगा। इससे पहले ही जारी हुए ज्ञापन में कहा गया, ‘‘सभी मंत्रालयों और विभागों से अनुरोध किया गया है कि वे अपने खर्चे संशोधित अनुमान की सीमा के भीतर सीमित करें।’’
सरकार का अनुमान है कि 31 मार्च को खत्म होने जा रहे इस वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 6.8 फीसदी रह सकता है। गौरतलब है कि राजकोषीय घाटा किसी देश के खर्च और टैक्सों और अन्य स्रोतों से जुटाई गई आमदनी के बीच का फर्क दर्शाता है।
विस्तार
केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने राजकोषीय घाटे को कम करने के लिए बजट से ठीक पहले अहम निर्देश जारी किए हैं। इसमें सभी मंत्रालयों से अपने खर्चों में कटौती करने और इन्हें संशोधित अनुमान के दायरे में लाने के लिए कहा है।
वित्त मंत्रालय के तहत आने वाले आर्थिक मामलों के विभाग ने अपने कार्यालय ज्ञापन में अनुदानों के लिए अनुपूरक मांगों के तीसरे और अंतिम बैच के लिए प्रस्ताव मांगे हैं। मंत्रालयों और विभागों से 10 फरवरी तक प्रस्ताव भेजने के लिए कहा गया है।
दो चरणों में होने वाला बजट सत्र 31 जनवरी को शुरू होगा और आठ अप्रैल तक चलेगा। इससे पहले ही जारी हुए ज्ञापन में कहा गया, ‘‘सभी मंत्रालयों और विभागों से अनुरोध किया गया है कि वे अपने खर्चे संशोधित अनुमान की सीमा के भीतर सीमित करें।’’
सरकार का अनुमान है कि 31 मार्च को खत्म होने जा रहे इस वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 6.8 फीसदी रह सकता है। गौरतलब है कि राजकोषीय घाटा किसी देश के खर्च और टैक्सों और अन्य स्रोतों से जुटाई गई आमदनी के बीच का फर्क दर्शाता है।