बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: दीपक चतुर्वेदी
Updated Wed, 08 Dec 2021 03:25 PM IST
रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंग्स ने बुधवार को 31 मार्च, 2022 को समाप्त होने वाले चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को घटा दिया है। फिच ने इसे पूर्वानुमान से घटाकर अब 8.4 प्रतिशत कर दिया है। एजेंसी की ओर से कहा गया है कि कोविड महामारी की दूसरी लहर के बाद पुनरुद्धार उम्मीद से कमतर रहने की वजह से ऐसा किया गया है।
पहले 8.7 फीसदी रहने का था अनुमान
गौरतलब है कि इससे पहले रेटिंग एजेंसी फिच ने अक्तूबर में वित्त वर्ष 2021-22 (अप्रैल 2021 से मार्च 2022) में जीडीपी वृद्धि दर 8.7 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2022-23 में 10 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था। बुधवार को आई रिपोर्ट के अनुसार, अगले वित्त वर्ष के लिए जीडीपी वृद्धि दर के अनुमान को बढ़ा दिया गया है। इसे 10 से बढ़ाकर 10.3 प्रतिशत कर दिया है।
रेटिंग एजेंसी ने जताई यह उम्मीद
रेटिंग एजेंसी ने कहा कि उसे उम्मीद है कि ज्यादातर प्रतिबंधों के हटने के साथ सेवा क्षेत्र बेहतर प्रदर्शन करेगा। रिपोर्ट में बताया गया कि कोरोना वायरस महामारी को रोकने के लिए लागू किए गए प्रतिबंधों के चलते कारोबारी गतिविधियों पर असर पड़ने से वित्त वर्ष 2020-21 में अर्थव्यवस्था में 7.3 प्रतिशत का संकुचन आया था। फिच ने अपनी वैश्विक आर्थिक परिदृश्य रिपोर्ट में कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था ने कोरोना के डेल्टा वैरिएंट के चलते आये तेज संकुचन से वित्त वर्ष 2020-21 की तीसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर 2021) में मजबूत वापसी की।
विस्तार
रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंग्स ने बुधवार को 31 मार्च, 2022 को समाप्त होने वाले चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को घटा दिया है। फिच ने इसे पूर्वानुमान से घटाकर अब 8.4 प्रतिशत कर दिया है। एजेंसी की ओर से कहा गया है कि कोविड महामारी की दूसरी लहर के बाद पुनरुद्धार उम्मीद से कमतर रहने की वजह से ऐसा किया गया है।
पहले 8.7 फीसदी रहने का था अनुमान
गौरतलब है कि इससे पहले रेटिंग एजेंसी फिच ने अक्तूबर में वित्त वर्ष 2021-22 (अप्रैल 2021 से मार्च 2022) में जीडीपी वृद्धि दर 8.7 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2022-23 में 10 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था। बुधवार को आई रिपोर्ट के अनुसार, अगले वित्त वर्ष के लिए जीडीपी वृद्धि दर के अनुमान को बढ़ा दिया गया है। इसे 10 से बढ़ाकर 10.3 प्रतिशत कर दिया है।
रेटिंग एजेंसी ने जताई यह उम्मीद
रेटिंग एजेंसी ने कहा कि उसे उम्मीद है कि ज्यादातर प्रतिबंधों के हटने के साथ सेवा क्षेत्र बेहतर प्रदर्शन करेगा। रिपोर्ट में बताया गया कि कोरोना वायरस महामारी को रोकने के लिए लागू किए गए प्रतिबंधों के चलते कारोबारी गतिविधियों पर असर पड़ने से वित्त वर्ष 2020-21 में अर्थव्यवस्था में 7.3 प्रतिशत का संकुचन आया था। फिच ने अपनी वैश्विक आर्थिक परिदृश्य रिपोर्ट में कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था ने कोरोना के डेल्टा वैरिएंट के चलते आये तेज संकुचन से वित्त वर्ष 2020-21 की तीसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर 2021) में मजबूत वापसी की।