रिजर्व बैंक ने गुरुवार को 12 दिवसीय रेपो दर पर नीलामी के जरिए बैंकों को 11,772 करोड़ रुपये की पेशकश की। इससे पहले, पहले आरबीआई ने नीलामी की राशि पूर्व में घोषित 25,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दी।
नीलामी में केंद्रीय बैंक को 11,772 करोड़ रुपये की बोलियां मिली। शीर्ष बैंक ने 5.16 के ‘कट ऑफ रेट’ पर पूरी राशि आबंटित की। आरबीआई को यह नीलामी 30 मार्च को करनी थी लेकिन उभरती वित्तीय स्थिति तथा कोरोना वायरस संकट के कारण इसे पहले किया गया।
रिजर्व बैंक 31 मार्च को परिवर्तनीय (वैरिएबल) रेपो दर पर 25,000 करोड़ रुपये की और नीलामी आयोजित करेगा।
वहीं, इससे पहले आरबीआई ने घोषणा की थी कि कोरोना वायरस महामारी के बाद वित्तीय बाजार में उपजे संकट से निपटने के लिए वह जल्द ही सिस्टम में एक लाख करोड़ रुपये डालेगा। आरबीआई ने सोमवार को कहा था कि टर्म रेपो ऑक्शन के जरिए यह राशि उपलब्ध कराई जाएगी और भविष्य में ज्यादा की जरूरत हुई तो ऐसे और भी कदम उठाए जा सकते हैं। इसमें से 50 हजार करोड़ रुपये की पहली खेप सोमवार को ही जारी भी कर दी गई।
आरबीआई ने कहा था कि योजना की अगली 50 हजार करोड़ की नकदी मंगलवार को जारी की जाएगी। केंद्रीय बैंक की ओर से जारी बयान के अनुसार, किसी भी तरह के नकदी संकट से निपटने के लिए पहले ही इस योजना को तैयार कर लिया गया था और रेपो रेट की दर पर बैंकों एवं वित्तीय संस्थानों को नकदी मुहैया कराई जाएगी।
आरबीआई का मकसद इस योजना के तहत बैंकों को पर्याप्त नकदी उपलब्ध कराना है, ताकि वे कम कीमत पर लोगों को कर्ज मुहैया करा सकें। केंद्रीय बैंक ने कहा कि हमारी नजर वित्तीय स्थिति पर बनी हुई है और बाजार को सामान्य रूप से चलाने के लिए सभी तरह के कदम उठाए जाएंगे।
रिजर्व बैंक ने गुरुवार को 12 दिवसीय रेपो दर पर नीलामी के जरिए बैंकों को 11,772 करोड़ रुपये की पेशकश की। इससे पहले, पहले आरबीआई ने नीलामी की राशि पूर्व में घोषित 25,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दी।
नीलामी में केंद्रीय बैंक को 11,772 करोड़ रुपये की बोलियां मिली। शीर्ष बैंक ने 5.16 के ‘कट ऑफ रेट’ पर पूरी राशि आबंटित की। आरबीआई को यह नीलामी 30 मार्च को करनी थी लेकिन उभरती वित्तीय स्थिति तथा कोरोना वायरस संकट के कारण इसे पहले किया गया।
रिजर्व बैंक 31 मार्च को परिवर्तनीय (वैरिएबल) रेपो दर पर 25,000 करोड़ रुपये की और नीलामी आयोजित करेगा।
वहीं, इससे पहले आरबीआई ने घोषणा की थी कि कोरोना वायरस महामारी के बाद वित्तीय बाजार में उपजे संकट से निपटने के लिए वह जल्द ही सिस्टम में एक लाख करोड़ रुपये डालेगा। आरबीआई ने सोमवार को कहा था कि टर्म रेपो ऑक्शन के जरिए यह राशि उपलब्ध कराई जाएगी और भविष्य में ज्यादा की जरूरत हुई तो ऐसे और भी कदम उठाए जा सकते हैं। इसमें से 50 हजार करोड़ रुपये की पहली खेप सोमवार को ही जारी भी कर दी गई।
आरबीआई ने कहा था कि योजना की अगली 50 हजार करोड़ की नकदी मंगलवार को जारी की जाएगी। केंद्रीय बैंक की ओर से जारी बयान के अनुसार, किसी भी तरह के नकदी संकट से निपटने के लिए पहले ही इस योजना को तैयार कर लिया गया था और रेपो रेट की दर पर बैंकों एवं वित्तीय संस्थानों को नकदी मुहैया कराई जाएगी।
आरबीआई का मकसद इस योजना के तहत बैंकों को पर्याप्त नकदी उपलब्ध कराना है, ताकि वे कम कीमत पर लोगों को कर्ज मुहैया करा सकें। केंद्रीय बैंक ने कहा कि हमारी नजर वित्तीय स्थिति पर बनी हुई है और बाजार को सामान्य रूप से चलाने के लिए सभी तरह के कदम उठाए जाएंगे।