रियल एस्टेट क्षेत्र में तेजी लाने के लिए एक फरवरी को पेश होने वाले बजट में कई राहत भरी घोषणाएं हो सकती हैं। सूत्रों का कहना है कि इस बार सरकार मकान खरीदारों के लिए टैक्स में ज्यादा छूट देने का एलान कर सकती है। होम लोन के ब्याज पर आयकर छूट की सीमा बढ़ाकर 3 से 4 लाख रुपये किया जा सकता है। अभी आयकर के सेक्शन 24 के तहत यह छूट 2 लाख रुपये है। इसके अलावा, मकान निर्माण के दौरान भी ब्याज पर छूट देने की घोषणा हो सकती है।
रियल एस्टेट उद्योग और अर्थशास्त्रियों की ओर से इस संबंध में सरकार को जो प्रस्ताव मिले हैं, उसमें होम लोन के ब्याज पर आयकर छूट बढ़ाने पर जोर है। उनका मानना है कि इससे लोग ज्यादा होम लोन लेंगे, जिससे मांग बढ़ेगी। इससे अर्थव्यवस्था में पूंजी का प्रवाह भी बढ़ेगा। सरकार ने 2024 तक सबको मकान देने का वादा किया है। हालांकि, सरकार अब दावा कर रही है कि इस लक्ष्य को तय समय से हासिल कर लिया जाएगा।
मूलधन पर भी बढ़ सकती है छूट सीमा
सूत्रों के मुताबिक, बजट में होम लोन के मूलधन पर भी छूट की सीमा बढ़ाई जा सकती है। इस पर अलग से छूट देने के विकल्प पर विचार किया जा रहा है। सेक्शन 80सी के तहत होम लोन के प्रिंसिपल पर छूट मिलती है, जो अभी 1.5 लाख रुपये है। सूत्रों का कहना है कि सरकार चाहती है कि होम लोन पर छूट इस तरह मिले कि उसके खजाने पर ज्यादा बोझ न पड़े। साथ ही आम ग्राहकों के पास अच्छा-खासा पैसा चला जाए। इसके लिए कई प्रस्तावों पर विमर्श किया जा रहा है।
सड़क मंत्रालय को काफी उम्मीदें
सड़क एवं परिवहन मंत्रालय को बजट से काफी उम्मीदें हैं। सूत्रों ने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि राजमार्ग क्षेत्र के लिए बजट आवंटन में 8,000-10,000 करोड़ रुपये की वृद्धि हो सकती है।’ पिछले बजट में इस क्षेत्र के लिए करीब 83,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था। मामले से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि पूरे देश में सड़कों का जाल बिछाना मंत्रालय की प्राथमिकता है। रोजाना सड़क निर्माण लक्ष्य को वर्तमान के 27 किलोमीटर प्रतिदिन से बढ़ाकर 40 किलोमीटर प्रतिदिन करना है। इसके लिए मंत्रालय को अतिरिक्त राशि की जरूरत है।
कचरा प्रबंधन के लिए मिल सकता है इंसेंटिव
सरकार आगामी बजट में स्वच्छ भारत अभियान के तहत कचरा प्रबंधन में जुटी कंपनियों के लिए इंसेंटिव की घोषणा कर सकती हैं। सूत्रों का कहना है कि इसका उद्देश्य इन कंपनियों को प्रोत्साहित करने के साथ नई कंपनियों को आकर्षित करना है। कचरा प्रबंधन के काम में जुटी कंपनियों ने आयकर में लाभ और कचरा प्रबंधन से जुड़े उपकरणों के लिए 100 फीसदी डेप्रिशिएशन की मांग की थी, जिस पर सरकार गंभीरता से विचार कर रही है। स्वच्छ भारत अभियान का दूसरा चरण अप्रैल, 2020 से लागू हो सकता है। इसमें सफाई के अलावा ठोस कचरा प्रबंधन और गंदे पानी को दोबारा इस्तेमाल पर जोर दिया जा सकता है।
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रियल एस्टेट क्षेत्र में तेजी लाने के लिए एक फरवरी को पेश होने वाले बजट में कई राहत भरी घोषणाएं हो सकती हैं। सूत्रों का कहना है कि इस बार सरकार मकान खरीदारों के लिए टैक्स में ज्यादा छूट देने का एलान कर सकती है। होम लोन के ब्याज पर आयकर छूट की सीमा बढ़ाकर 3 से 4 लाख रुपये किया जा सकता है। अभी आयकर के सेक्शन 24 के तहत यह छूट 2 लाख रुपये है। इसके अलावा, मकान निर्माण के दौरान भी ब्याज पर छूट देने की घोषणा हो सकती है।
रियल एस्टेट उद्योग और अर्थशास्त्रियों की ओर से इस संबंध में सरकार को जो प्रस्ताव मिले हैं, उसमें होम लोन के ब्याज पर आयकर छूट बढ़ाने पर जोर है। उनका मानना है कि इससे लोग ज्यादा होम लोन लेंगे, जिससे मांग बढ़ेगी। इससे अर्थव्यवस्था में पूंजी का प्रवाह भी बढ़ेगा। सरकार ने 2024 तक सबको मकान देने का वादा किया है। हालांकि, सरकार अब दावा कर रही है कि इस लक्ष्य को तय समय से हासिल कर लिया जाएगा।
मूलधन पर भी बढ़ सकती है छूट सीमा
सूत्रों के मुताबिक, बजट में होम लोन के मूलधन पर भी छूट की सीमा बढ़ाई जा सकती है। इस पर अलग से छूट देने के विकल्प पर विचार किया जा रहा है। सेक्शन 80सी के तहत होम लोन के प्रिंसिपल पर छूट मिलती है, जो अभी 1.5 लाख रुपये है। सूत्रों का कहना है कि सरकार चाहती है कि होम लोन पर छूट इस तरह मिले कि उसके खजाने पर ज्यादा बोझ न पड़े। साथ ही आम ग्राहकों के पास अच्छा-खासा पैसा चला जाए। इसके लिए कई प्रस्तावों पर विमर्श किया जा रहा है।
सड़क मंत्रालय को काफी उम्मीदें
सड़क एवं परिवहन मंत्रालय को बजट से काफी उम्मीदें हैं। सूत्रों ने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि राजमार्ग क्षेत्र के लिए बजट आवंटन में 8,000-10,000 करोड़ रुपये की वृद्धि हो सकती है।’ पिछले बजट में इस क्षेत्र के लिए करीब 83,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था। मामले से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि पूरे देश में सड़कों का जाल बिछाना मंत्रालय की प्राथमिकता है। रोजाना सड़क निर्माण लक्ष्य को वर्तमान के 27 किलोमीटर प्रतिदिन से बढ़ाकर 40 किलोमीटर प्रतिदिन करना है। इसके लिए मंत्रालय को अतिरिक्त राशि की जरूरत है।
कचरा प्रबंधन के लिए मिल सकता है इंसेंटिव
सरकार आगामी बजट में स्वच्छ भारत अभियान के तहत कचरा प्रबंधन में जुटी कंपनियों के लिए इंसेंटिव की घोषणा कर सकती हैं। सूत्रों का कहना है कि इसका उद्देश्य इन कंपनियों को प्रोत्साहित करने के साथ नई कंपनियों को आकर्षित करना है। कचरा प्रबंधन के काम में जुटी कंपनियों ने आयकर में लाभ और कचरा प्रबंधन से जुड़े उपकरणों के लिए 100 फीसदी डेप्रिशिएशन की मांग की थी, जिस पर सरकार गंभीरता से विचार कर रही है। स्वच्छ भारत अभियान का दूसरा चरण अप्रैल, 2020 से लागू हो सकता है। इसमें सफाई के अलावा ठोस कचरा प्रबंधन और गंदे पानी को दोबारा इस्तेमाल पर जोर दिया जा सकता है।