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Approval to run case against former minister Sadhu Singh Dharmasot
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Punjab News: पूर्व मंत्री धर्मसोत के खिलाफ केस चलाने की मंजूरी, ठेकेदार की डायरी ने खोला था बड़ा राज
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चंडीगढ़
Published by: ajay kumar
Updated Wed, 07 Dec 2022 12:17 AM IST
सार
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हरमोहिंदर सिंह उर्फ हमी ने बताया था कि 2017 से वह वन विभाग के अधिकारियों, नेताओं और उनके सहायकों को दी रिश्वत का लेखा-जोखा रखने के लिए एक हस्त लिखित डायरी रखता था।
वन घोटाले के आरोपी पूर्व वन मंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता साधु सिंह धर्मसोत के खिलाफ राज्य सरकार ने विजिलेंस ब्यूरो को अदालत में केस चलाने की मंजूरी दे दी है। अब मामले की नियमित सुनवाई होगी। पूर्व वन मंत्री को विजिलेंस ब्यूरो ने जून में गिरफ्तार किया था। उन पर खैर के पेड़ों की कटाई के लिए परमिट जारी करने में अनियमितताओं समेत अधिकारियों के तबादले और एनओसी में धांधली के आरोप हैं।
इस मामले का खुलासा उस समय हुआ था, जब डीएफओ मोहाली गुरअमनप्रीत सिंह और ठेकेदार हरमोहिंदर सिंह उर्फ हमी एक कॉलोनाइजर गिरफ्तार किया गया था। पूछताछ के दौरान उन्होंने बताया था कि उनकी सांठगांठ नेताओं और अफसरों के साथ भी है। इसके बाद केस दर्जकर पूर्व मंत्री को गिरफ्तार किया गया था। मामले में कई अधिकारियों व अन्य लोगों पर केस दर्ज किया हुआ था।
रिश्वत देने वाला ठेकेदार की डायरी ने खोला राज
हरमोहिंदर सिंह उर्फ हमी ने बताया था कि 2017 से वह वन विभाग के अधिकारियों, नेताओं और उनके सहायकों को दी रिश्वत का लेखा-जोखा रखने के लिए एक हस्त लिखित डायरी रखता था। वह डायरी उसके स्थान से बरामद की गई थी। डायरी से आरोपियों के तौर-तरीकों का खुलासा हुआ और गिरफ्तार कर लिया गया।
प्रति पेड़ 1000 रुपये रिश्वत दी गई
विजिलेंस के मुताबिक हरमोहिंदर सिंह उर्फ हमी अपनी फर्म के नाम पर वन विभाग से कटाई के लिए परमिट प्राप्त कर राज्य में खैर के पेड़ काटने और बेचने का कारोबार करता था। उसने अक्तूबर-मार्च सीजन के लिए लगभग 7000 पेड़ काटने का परमिट लिया था। इसके लिए उसे 1000 रुपये प्रति पेड़ रिश्वत देनी पड़ी। इसमें से साधु सिंह धर्मसोत को 500 रुपये प्रति पेड़, डिविजनल वन अफसर को 200 रुपये और रेंज अफसर, ब्लाक अफसर और वन गार्ड को क्रमश: 100-100 रुपये प्रति खैर के पेड़ की रिश्वत दी। इस तरह ठेकेदार ने सीजन के दौरान सात लाख रुपये की रिश्वत दी थी।
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