पंजाब यूनिवर्सिटी(पीयू) छात्र काउंसिल में जीत हासिल कर पहुंचे पुसू और एनएसयूआई(स्टूडेंट फ्रंट) शपथ ग्रहण समारोह के अगले ही दिन विरोधी पार्टियों के निशाने पर आ गई है।
वीरवार नई पीयू काउंसिल के सदस्यों द्वारा पंजाब कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कैप्टन अमरिंदर सिंह से मुलाकात के बाद विवाद बढ़ गया है। पीयू छात्र काउंसिल चुनाव से एनएसयूआई(मनोज लुबाणा) और एनएसयूआईएसएफ(हरदीप लाली) के बीच विवाद के कारण एनएसयूआई दो फाड़ हो गई थी।
पीयू काउंसिल चुनाव में लाली ग्रुप ने पुसू के साथ हाथ मिलाया और प्रेसिडेंट सहित सभी चार सीटों पर जीत हासिल की थी। चुनाव में पुसू-एनएसयूआई(एसएफ) ने चुनाव प्रचार में राजनैतिक पार्टियों को पीयू कैंपस से दूर भगाने का नारा देकर वोट हासिल किए थे। लेकिन वीरवार पुसू-एनएसयूआई(स्टूडेंट फ्र्रंट) के पंजाब कांग्रेंस को समर्थन देने की चर्चा से पंजाब यूनिवर्सिटी के एनएसयूआई छात्र संगठन में हड़कंप मच गया।
पुसूू-एनएसयूआई(एसएफ) के कांग्रेस को समर्थन देने के मामले को लेकर मनोज लुबाणा और उनके समर्थकों ने शाम पीयू कैंपस में प्रेस वार्ता की। लुबाणा ने कहा कि पुसू-एनएसयूआई(एसएफ) ने स्टूडेंट को धोखा देकर अब कांग्रेस में शामिल होने की तैयारी कर ली है। मनोज ने कहा कि अगर ऐसा हुआ तो विरोध में एनएसयूआई के सेभी नेता पार्टी छोड़ने को भी तैयार हैं।
पुसू-एनएसयूआई(एसएफ) कैप्टन अमरिंदर सिंह से सिर्फ पीयू का बकाया फंड जारी करने के मामले को लेकर मिले थे। पंजाब कांग्रेस को समर्थन देने जैसा कोई मुद्दा ही नहीं है। एनएसयूआई द्वारा पीयू काउंसिल के बारे में गलत प्रचार किया जा रहा है। स्टूडेंट काउंसिल हमेशा स्टूडेंट हितों के लिए काम करेगी। - आशिक मोहम्मद, सेक्रेटर पीयू स्टूडेंट काउंसिल
पंजाब यूनिवर्सिटी(पीयू) छात्र काउंसिल में जीत हासिल कर पहुंचे पुसू और एनएसयूआई(स्टूडेंट फ्रंट) शपथ ग्रहण समारोह के अगले ही दिन विरोधी पार्टियों के निशाने पर आ गई है।
वीरवार नई पीयू काउंसिल के सदस्यों द्वारा पंजाब कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कैप्टन अमरिंदर सिंह से मुलाकात के बाद विवाद बढ़ गया है। पीयू छात्र काउंसिल चुनाव से एनएसयूआई(मनोज लुबाणा) और एनएसयूआईएसएफ(हरदीप लाली) के बीच विवाद के कारण एनएसयूआई दो फाड़ हो गई थी।
पीयू काउंसिल चुनाव में लाली ग्रुप ने पुसू के साथ हाथ मिलाया और प्रेसिडेंट सहित सभी चार सीटों पर जीत हासिल की थी। चुनाव में पुसू-एनएसयूआई(एसएफ) ने चुनाव प्रचार में राजनैतिक पार्टियों को पीयू कैंपस से दूर भगाने का नारा देकर वोट हासिल किए थे। लेकिन वीरवार पुसू-एनएसयूआई(स्टूडेंट फ्र्रंट) के पंजाब कांग्रेंस को समर्थन देने की चर्चा से पंजाब यूनिवर्सिटी के एनएसयूआई छात्र संगठन में हड़कंप मच गया।