जेएनयू से उठी बाबरी मस्जिद की चिंगारी बुधवार को पंजाब विश्वविद्यालय (पीयू) में भी पहुंच गई। एसएफएस और एबीवीपी के कार्यकर्ताओं में पहले तो विवादित पोस्टर लगाने को लेकर बहस हुई फिर लात घूंसे चलने लगे। दोनों पक्षों के कई कार्यकर्ता घायल हुए हैं। दोनों पक्षों की ओर से एक दूसरे के खिलाफ पुलिस में शिकायत दी गई है।
पीयू एसी जोशी लाइब्रेरी के पास कुछ पोस्टर लगे थे। एबीवीपी का आरोप है कि ये पोस्टर एसएफएस ने लगाए थे। इनमें बाबरी मस्जिद का निर्माण दोबारा कराने का संदेश लिखा गया था। एबीवीपी ने आपत्ति जताते हुए कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट का इस पर फैसला आ गया है तो फिर न्यायिक प्रणाली के खिलाफ पोस्टर लगाने का क्या मतलब।
एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने शाम करीब चार बजे वहां लगे पोस्टर फाड़ दिए। जैसे ही इसकी सूचना एसएफएस कार्यकर्ताओं को मिली तो वह भी पुस्तकालय के पास पहुंच गए। उन्होंने एबीवीपी कार्यकर्ताओं को पोस्टर फाड़ने से रोका लेकिन वे नहीं माने। इसी को लेकर दोनों पक्षों में बहस हो गई, जो बाद में मारपीट में बदल गई। इसमें एसएफएस के कार्यकर्ता संदीप व गगन को सिर व हाथ में चोटें आई हैं। वहीं एबीवीपी के कार्यकर्ता एवं पूर्व अध्यक्ष पीयू हरीश गुर्जर, मुकेश उपाध्याय, अजय सूद, लोकेंद्र राणा, कृष्णा को भी चोटें आई हैं।
पीयू का माहौल खराब कर रहे एसएफएस वाले
बाबरी मस्जिद पर फैसला आ चुका है। बावजूद इसके एसएफएस ने मस्जिद फिर से बनाने का पोस्टर विश्वविद्यालय में लगाकर माहौल खराब करने की कोशिश की है। उन पर सांप्रदायिक धाराओं पर कार्रवाई होनी चाहिए। हमने पोस्टर हटाए ताकि छात्रों में मतभेद न हो, लेकिन एसएफएस के कार्यकर्ताओं ने आकर बहस की और मारपीट शुरू कर दी। उन पर कार्रवाई होनी चाहिए। - हरीश गुर्जर, पूर्व अध्यक्ष, एबीवीपी पीयू
बाबरी मस्जिद के पोस्टर में कुछ गलत नहीं था
हमने पीयू में किसानों के आंदोलन से लेकर डॉ. आंबेडकर के संदेशों से जुड़े पोस्टर लगाए हैं। बाबरी मस्जिद का भी पोस्टर था लेकिन उसमें गलत कुछ नहीं था। एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने प्रायोजित तरीके से पोस्टर फाड़े, जिसका हमने विरोध किया। उसके बाद एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने मारपीट शुरू कर दी। कुछ कार्यकर्ता घायल हुए हैं। एबीवीपी कार्यकर्ताओं पर कार्रवाई के लिए तहरीर दी गई है। - संदीप कुमार, वरिष्ठ कार्यकर्ता, एसएफएस।
पोस्टर को लेकर दोनों संगठनों के बीच विवाद की खबर मिली है लेकिन शिकायत हमारे तक किसी पक्ष की नहीं पहुंची। पुलिस को जरूर उन्होंने शिकायती पत्र दिए हैं। पुलिस मामले की जांच कर रही है। जहां आवश्यकता होगी तो हम अपने स्तर से भी मामले को देखेंगे। -विक्रम सिंह, मुख्य सुरक्षा अधिकारी, पीयू
क्या कहती है पुलिस
एसएफएस के कार्यकर्ताओं ने एबीवीपी के कार्यकर्ताओं पर मारपीट का आरोप लगाया है। शिकायत के आधार पर मामले की जांच की जा रही है। घायलों का मेडिकल हो गया है। पीयू कैंपस में लगे सीसीटीवी कैमरे खंगाले जा रहे हैं। रोहित कुमार, कार्यवाहक थाना प्रभारी सेक्टर 11 पुलिस थाना
विस्तार
जेएनयू से उठी बाबरी मस्जिद की चिंगारी बुधवार को पंजाब विश्वविद्यालय (पीयू) में भी पहुंच गई। एसएफएस और एबीवीपी के कार्यकर्ताओं में पहले तो विवादित पोस्टर लगाने को लेकर बहस हुई फिर लात घूंसे चलने लगे। दोनों पक्षों के कई कार्यकर्ता घायल हुए हैं। दोनों पक्षों की ओर से एक दूसरे के खिलाफ पुलिस में शिकायत दी गई है।
पीयू एसी जोशी लाइब्रेरी के पास कुछ पोस्टर लगे थे। एबीवीपी का आरोप है कि ये पोस्टर एसएफएस ने लगाए थे। इनमें बाबरी मस्जिद का निर्माण दोबारा कराने का संदेश लिखा गया था। एबीवीपी ने आपत्ति जताते हुए कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट का इस पर फैसला आ गया है तो फिर न्यायिक प्रणाली के खिलाफ पोस्टर लगाने का क्या मतलब।
एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने शाम करीब चार बजे वहां लगे पोस्टर फाड़ दिए। जैसे ही इसकी सूचना एसएफएस कार्यकर्ताओं को मिली तो वह भी पुस्तकालय के पास पहुंच गए। उन्होंने एबीवीपी कार्यकर्ताओं को पोस्टर फाड़ने से रोका लेकिन वे नहीं माने। इसी को लेकर दोनों पक्षों में बहस हो गई, जो बाद में मारपीट में बदल गई। इसमें एसएफएस के कार्यकर्ता संदीप व गगन को सिर व हाथ में चोटें आई हैं। वहीं एबीवीपी के कार्यकर्ता एवं पूर्व अध्यक्ष पीयू हरीश गुर्जर, मुकेश उपाध्याय, अजय सूद, लोकेंद्र राणा, कृष्णा को भी चोटें आई हैं।