पंजाब कांग्रेस प्रधान कैप्टन अमरिंदर सिंह ने नाभा जेल पर हमले की घटना की सीबीआई जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि हमले में फरार हुए आतंकी हरमिंदर सिंह मिंटू की गिरफ्तारी से साजिश और गहरा गई है।
कैप्टन ने कहा कि डीजीपी सुरेश अरोड़ा पहले ही इस मामले में साजिश और मिलीभगत की बात मान चुके हैं। ऐसे में इस केस की जांच पंजाब पुलिस द्वारा नहीं की जानी चाहिए। बल्कि, इसे स्वतंत्र जांच के लिए सीबीआई के हवाले कर देना चाहिए। उन्होंने अकाली दल पर हार निकट आते देख सांप्रदायिक तौर पर लोगों को बांटने की कोशिश करने का आरोप लगाया। साथ ही कहा कि जेल तोड़ने की घटना भी राज्य सरकार की ऐसी ही कोशिश है।
रविवार को जेल तोड़ने के बाद चार खूंखार गैंगस्टरों के साथ मिंटू के नाटकीय ढंग से भाग जाने के 24 घंटे बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया। कैप्टन ने कहा कि पूरा मामला उच्च स्तर पर रची गई बड़ी साजिश की ओर इशारा करता है, जिसका भंडाफोड़ किए जाने की जरूरत है।
कैप्टन ने मिंटू की गिरफ्तारी के साथ पूरे मामले को दबाने की कोशिश के खिलाफ चेतावनी दी है। कैप्टन ने कहा कि साफतौर पर यह मिलीभगत का मामला है, जिसकी पुष्टि किसी और ने नहीं, बल्कि डीजीपी अरोड़ा ने की है। मिंटू के दिल्ली में पकड़े जाने के बाद अब इस केस को दिल्ली पुलिस और सीबीआई को संयुक्त जांच के लिए सौंप देना चाहिए।
मिंटू की आसान गिरफ्तारी ने सुखबीर बादल के इस घटना के पीछे पाकिस्तानी रोल होने के दावे को झुठला दिया है। अगर यह सीमा पार की साजिश होती तो मिंटू दिल्ली में पकड़े जाने का इंतजार किए बगैर अब तक भारत से बाहर निकल चुका होता। साजिश की गहराई तक पहुंचने के लिए मिंटू से स्वतंत्र एजेंसी द्वारा पूछताछ की जानी चाहिए, जिसमें स्पष्ट तौर पर बादलों का हाथ है।
जेल तोड़ने के बाद बादलों पर उंगलियां उठने के बाद ही संभावित तौर पर मिंटू की दोबारा गिरफ्तारी हो सकी है। कैप्टन ने कहा कि पंजाब की पुलिस व पूरी प्रशासनिक व्यवस्था अकालियों के हाथों में है। ऐसे में विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ कानून-व्यवस्था के बिगड़ने संबंधित ऐसी घटनाओं का होना मुमकिन है। उन्होंने पंजाब में निष्पक्ष चुनाव के लिए राष्ट्रपति शासन लागू करने की अपनी मांग को फिर दोहराया।
पंजाब कांग्रेस प्रधान कैप्टन अमरिंदर सिंह ने नाभा जेल पर हमले की घटना की सीबीआई जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि हमले में फरार हुए आतंकी हरमिंदर सिंह मिंटू की गिरफ्तारी से साजिश और गहरा गई है।
कैप्टन ने कहा कि डीजीपी सुरेश अरोड़ा पहले ही इस मामले में साजिश और मिलीभगत की बात मान चुके हैं। ऐसे में इस केस की जांच पंजाब पुलिस द्वारा नहीं की जानी चाहिए। बल्कि, इसे स्वतंत्र जांच के लिए सीबीआई के हवाले कर देना चाहिए। उन्होंने अकाली दल पर हार निकट आते देख सांप्रदायिक तौर पर लोगों को बांटने की कोशिश करने का आरोप लगाया। साथ ही कहा कि जेल तोड़ने की घटना भी राज्य सरकार की ऐसी ही कोशिश है।
रविवार को जेल तोड़ने के बाद चार खूंखार गैंगस्टरों के साथ मिंटू के नाटकीय ढंग से भाग जाने के 24 घंटे बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया। कैप्टन ने कहा कि पूरा मामला उच्च स्तर पर रची गई बड़ी साजिश की ओर इशारा करता है, जिसका भंडाफोड़ किए जाने की जरूरत है।