पंजाब में विधानसभा चुनाव की तारीख नजदीक आते ही एक बार फिर से सिख दंगा सियासी मुद्दा बनता जा रहा है। ताजा मामले में पंजाब कांग्रेस प्रधान कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा है कि 1984 के सिख दंगों के मामले में उन्होंने जगदीश टाइटलर का बचाव नहीं किया और न ही उन्हें कभी क्लीन चिट दी थी। यह काम जांच एजेंसियों का है और फैसला अदालत को लेना है। वह टाइटलर समेत किसी को भी क्लीन चिट देने वाले कौन होते हैं।
न्यूयॉर्क में करीब दो हजार पंजाबियों केसाथ चर्चा के दौरान कैप्टन ने कहा कि उन्होंने कभी नहीं कहा कि सिखों को 1984 को भूल जाना चाहिए। उन्होंने खुद उस वक्त की घटनाओं पर रोष जताते हुए संसद व पार्टी से इस्तीफा दिया था। सिख कभी भी 1984 की घटनाओं को नहीं भूल सकते, यह हमेशा हमारी यादों में ताजा रहेंगी।
कैप्टन ने कहा कि चुनाव के दौरान इस मुद्दे को उछालने का कोई फायदा नहीं है। सवाल किया कि क्यों सीएम प्रकाश सिंह बादल को चुनाव के समय ही 1984 की याद आती है। बादल हमेशा अपनी असफलता को छिपाने के लिए ऐसा करते हैं। उन्होंने एनआरआई की मांग का समर्थन किया कि काली सूची नहीं होनी चाहिए, किसी को अपने देश जान से से रोकना नहीं चाहिए।
अपने स्तर पर इसके हल के लिए वह पूरी कोशिश करेंगे। कैप्टन ने कहा कि सरकार बनने पर कांग्रेस सभी एनआरआई को अपनी जायदादों के संबंध में दावे व एतराज दायर करने को आमंत्रित करेगी। उनके खिलाफ लंबित केसों को रिव्यू किया जाएगा। चार सप्ताह में पंजाब से नशों का सफाया किया जाएगा।
यह उनका आखिरी चुनाव है जो वह पंजाबियों केचेहरों पर खुशियां वापस लाने को लड़ रहे हैं। यह समागम पंजाब चैप्टन ऑफ इंडियन ओवरसीज कांग्रेस, अमेरिका की ओर से आयोजित किया गया था।
पंजाब में विधानसभा चुनाव की तारीख नजदीक आते ही एक बार फिर से सिख दंगा सियासी मुद्दा बनता जा रहा है। ताजा मामले में पंजाब कांग्रेस प्रधान कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा है कि 1984 के सिख दंगों के मामले में उन्होंने जगदीश टाइटलर का बचाव नहीं किया और न ही उन्हें कभी क्लीन चिट दी थी। यह काम जांच एजेंसियों का है और फैसला अदालत को लेना है। वह टाइटलर समेत किसी को भी क्लीन चिट देने वाले कौन होते हैं।
न्यूयॉर्क में करीब दो हजार पंजाबियों केसाथ चर्चा के दौरान कैप्टन ने कहा कि उन्होंने कभी नहीं कहा कि सिखों को 1984 को भूल जाना चाहिए। उन्होंने खुद उस वक्त की घटनाओं पर रोष जताते हुए संसद व पार्टी से इस्तीफा दिया था। सिख कभी भी 1984 की घटनाओं को नहीं भूल सकते, यह हमेशा हमारी यादों में ताजा रहेंगी।
कैप्टन ने कहा कि चुनाव के दौरान इस मुद्दे को उछालने का कोई फायदा नहीं है। सवाल किया कि क्यों सीएम प्रकाश सिंह बादल को चुनाव के समय ही 1984 की याद आती है। बादल हमेशा अपनी असफलता को छिपाने के लिए ऐसा करते हैं। उन्होंने एनआरआई की मांग का समर्थन किया कि काली सूची नहीं होनी चाहिए, किसी को अपने देश जान से से रोकना नहीं चाहिए।
अपने स्तर पर इसके हल के लिए वह पूरी कोशिश करेंगे। कैप्टन ने कहा कि सरकार बनने पर कांग्रेस सभी एनआरआई को अपनी जायदादों के संबंध में दावे व एतराज दायर करने को आमंत्रित करेगी। उनके खिलाफ लंबित केसों को रिव्यू किया जाएगा। चार सप्ताह में पंजाब से नशों का सफाया किया जाएगा।
यह उनका आखिरी चुनाव है जो वह पंजाबियों केचेहरों पर खुशियां वापस लाने को लड़ रहे हैं। यह समागम पंजाब चैप्टन ऑफ इंडियन ओवरसीज कांग्रेस, अमेरिका की ओर से आयोजित किया गया था।