न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चंडीगढ़
Published by: ajay kumar
Updated Tue, 02 Feb 2021 02:10 AM IST
वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए प्रशासन ने नगर निगम के लिए 500 करोड़ का बजट पास कर दिया है लेकिन नगर निगम के खुद के खर्चे व कर्मचारियों की वेतन ही 500 करोड़ रुपये है। वहीं, 150 करोड़ रुपये बिजली बिल के हर साल देने होते हैं। ऐसे में निगम शहर के विकास कार्य कैसे कराएगा। हालांकि निगम ने इस साल 469.78 करोड़ रुपये अपने संसाधनों से जुटाने की बात कही है।
नगर निगम ने हाल ही में साल 2021-20 का वित्तीय बजट तैयार किया है। इस दौरान बजट 1627 करोड़ रुपये का तय किया गया। इसमें कैपिटल हेड में 443 करोड़ रुपये और रेवेन्यू हेड में 1184 करोड़ का बजट रखा है। निगम ने पानी और सीवरेज सेस से 150 करोड़, प्रापर्टी टैक्स से 40 करोड़, हाउस टैक्स से 15 करोड़ और नगर निगम के अन्य विभागों में आने वाली रसीद से 130 करोड़ रुपये आने का दावा किया था।
वहीं निगम ने इस साल अपने 4 करोड़ 43 लाख का अपना खर्चा भी बताया है। हालांकि पांच फरवरी को सदन की विशेष बैठक में अंतिम मुहर लगेगी। अब जब प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि निगम को 500 करोड़ का बजट इस साल मिलेगा, ऐसे में अपने खर्चे और विकास कार्य का सामंजस्य बनाना पार्षदों व निगम के हाथ में है।
निगम ने दिल्ली हाईकमीशन की रिपोर्ट के आधार पर 1627 करोड़ रुपये का बजट तो बना लिया। उसमें 500 करोड़ प्रशासन से और 469 करोड़ रुपये राजस्व से आएंगे। यह रकम कुल 969 करोड़ रुपये हुई। अब बचे हुए 558 करोड़ रुपये निगम कहां लाएगा, यह बड़ा सवाल है।
आरएलए निगम के पास आना इतना आसान नहीं
प्रशासक के सलाहकार मनोज परिदा ने आरएलए को नगर निगम को देने की बात कही थी लेकिन आरएलए निगम के पास आना आसान नहीं है। इसके लिए सालों से प्रयास चल रहा है लेकिन अब तक पूरा नहीं हुआ। वहीं, 26 करोड़ रुपये की इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी भी निगम को इस साल मिलनी मुश्किल है क्योंकि इस साल का बजट तैयार हो चुका है। यह भी अगले साल जाकर ही निगम को मिल सकेगा।
निगम ने पिछले साल 1349 करोड़ करोड का बजट तैयार किया था। हालांकि प्रशासन से 425 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। बाद में कोरोना के कारण 20 प्रतिशत बजट में कटौती भी की गई लेकिन निगम के अनुरोध पर पूरा बजट देने का फैसला किया गया। निगम की वित्तीय हालत को देखकर प्रशासन ने 75 करोड़ रुपये और स्वीकृत कर दिए। इस तरह निगम को पिछले वित्तीय वर्ष में कुल 500 करोड़ रुपये मिल गए।
निगम ने इस तरह रखे हैं खर्चे
- बिल्डिंग व रोड - 80 करोड़
- सिविक कार्य - 43 करोड़
- पेयजल आपूर्ति - 55 करोड़
- सीवरेज - 27 करोड़
- स्टॉर्म वाटर लाइन - 8 करोड़
- इलेक्ट्रिसिटी - 6 करोड़
- बागवानी - 15 करोड़
- व्यावसायिक भवन - 23 करोड़
- गांव - 47.25 करोड़
- ईडब्ल्यूएस कॉलोनी - 18.50 करोड़
- माइनर इरिगेशन- 10.25 करोड़
- एमओएच - 24.90 करोड़
- अग्निशमन विभाग - 9.40 करोड़
- ट्रांसपोर्ट- 31 करोड़
- वार्ड डेवलपमेंट फंड - 23.60 करोड़
- स्वच्छ भारत मिशन - 4 करोड़
- आवासीय भवन - 7 करोड़
- प्राथमिक चिकित्सा - 80 लाख
वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए प्रशासन ने नगर निगम के लिए 500 करोड़ का बजट पास कर दिया है लेकिन नगर निगम के खुद के खर्चे व कर्मचारियों की वेतन ही 500 करोड़ रुपये है। वहीं, 150 करोड़ रुपये बिजली बिल के हर साल देने होते हैं। ऐसे में निगम शहर के विकास कार्य कैसे कराएगा। हालांकि निगम ने इस साल 469.78 करोड़ रुपये अपने संसाधनों से जुटाने की बात कही है।
नगर निगम ने हाल ही में साल 2021-20 का वित्तीय बजट तैयार किया है। इस दौरान बजट 1627 करोड़ रुपये का तय किया गया। इसमें कैपिटल हेड में 443 करोड़ रुपये और रेवेन्यू हेड में 1184 करोड़ का बजट रखा है। निगम ने पानी और सीवरेज सेस से 150 करोड़, प्रापर्टी टैक्स से 40 करोड़, हाउस टैक्स से 15 करोड़ और नगर निगम के अन्य विभागों में आने वाली रसीद से 130 करोड़ रुपये आने का दावा किया था।
वहीं निगम ने इस साल अपने 4 करोड़ 43 लाख का अपना खर्चा भी बताया है। हालांकि पांच फरवरी को सदन की विशेष बैठक में अंतिम मुहर लगेगी। अब जब प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि निगम को 500 करोड़ का बजट इस साल मिलेगा, ऐसे में अपने खर्चे और विकास कार्य का सामंजस्य बनाना पार्षदों व निगम के हाथ में है।