पंजाब के जीरकपुर में एक एनकाउंटर में मोस्ट वांटेड एक लाख रुपये के इनामी गैंगस्टर अंकित भादू को आर्गेनाइज्ड क्राइम कंट्रोल (ओसीसी) यूनिट की स्पेशल पुलिस टीम ने फिल्मी अंदाज में मार गिराया। पूरे एनकाउंटर की कहानी ही फिल्मी है। बंधक संकट से लेकर सबकुछ पुलिस के सामने था। लेकिन पुलिस ने इसे कैसे अंजाम दिया इसकी कहानी भी दिलचस्प है।
पंजाब-हरियाणा और राजस्थान में लारेंस बिश्नोई गिरोह के मोस्ट वांटेड एक लाख रुपये के इनामी गैंगस्टर अंकित भादू को आर्गेनाइज्ड क्राइम कंट्रोल (ओसीसी) यूनिट की स्पेशल टीम ने फिल्मी स्टाइल में हुए एनकाउंटर में मार गिराया। बदमाशों और पुलिस की मुठभेड़ जीरकपुर के पीरमुच्छल्ला इलाके में महालक्ष्मी अपार्टमेंट में हुई।
मुठभेड़ में लारेंस बिश्नोई गिरोह के दो बदमाशों गुरमिंदर सिंह उर्फ गिंदा काणा और जर्मन सिंह उर्फ जर्मन निवासी अमृतसर को पुलिस ने दबोच लिया जबकि अंकित भादू गोली लगने से बुरी तरह घायल हो गया, जिसे पुलिस ने अस्पताल पहुंचाया, जहां बाद में डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। एनकाउंटर में अपार्टमेंट में रहने वाली छह वर्षीय एक बच्ची और एक एएसआई भी गोली लगने से घायल हुए हैं।
पुलिस ने फ्लैट में गुरुवार शाम करीब 5 बजे घुसने की कोशिश की लेकिन गैंगस्टरों ने दरवाजा नहीं खोला इसके बाद पुलिस टीम ने जबरदस्ती दरवाजा तोड़कर अंदर दाखिल होने की कोशिश शुरू कर दी, जिस पर अंदर मौजूद अंकित भादू ने पुलिस टीम पर फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस से बचने के लिए अंकित भादू ने तीसरी मंजिल स्थित अपने फ्लैट की बालकनी से निचले फ्लैट में छलांग लगा दी और उक्त फ्लैट में रह रहे परिवार को बंधक बना लिया।
परिवार में मां समेत दो बच्चियां थीं। अंकित ने पुलिस पर दबाव बनाने के लिए छह वर्षीय एक बच्ची अक्षिता को मां से छीनकर बालकनी में पुलिस के सामने ले आया ताकि पुलिस उसके रास्ते से हट जाए लेकिन डीएसपी विक्रमजीत ने अंकित को सरेंडर करने के लिए कहा, इस पर अंकित ने डीएसपी पर गोलियां चला दीं। इसके जवाब में दोनों तरफ से फायरिंग हुई।
इसके बाद अंकित ने बच्ची के सिर पर पिस्टल लगा दिया और उसे जान से मारने की धमकी दी ताकि पुलिस पीछे हट जाए। लेकिन इतने में स्पेशल फोर्स के कमांडो ने तीसरी मंजिल की बालकनी से नीचे दूसरी मंजिल की बालकनी में छलांग लगाकर अंकित को काबू करना चाहा, इसी दौरान अंकित ने अपनी पिस्टल से एएसआई सुखविंदर सिंह को गोली मार दी, जिसके बाद पुलिस ने जवाबी कार्रवाई कर अंकित को ताबड़तोड़ दो गोलियां मारीं। इसके बाद पुलिस उसको जख्मी हालत में डेराबस्सी स्थित सिविल अस्पताल ले आई, जहां पर डॉक्टरों ने अंकित को मृत घोषित कर दिया।