न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भिवानी (हरियाणा)
Published by: खुशबू गोयल
Updated Wed, 15 Jul 2020 02:17 PM IST
बड़ेसरा गांव में बुधवार सुबह छह बजे घर के बाहर बैठे बुजुर्ग की तीन गोलियां मारकर हत्या कर दी गई। सूबे सिंह (79) पूर्व सरपंच पवन के ताऊ थे और अपने परिवार के तीन लोगों की हत्या में मुख्य गवाह थे। चुनावी रंजिश में पूर्व सरपंच के परिवार में यह पांचवीं हत्या है। बुधवार सुबह सूबे सिंह घर के बाहर चबूतरे पर बैठे थे। इसी दौरान स्विफ्ट गाड़ी घर के बाहर आकर रुकी। उसमें से चार युवक उतरकर आए और चालक गाड़ी में ही रहा। युवकों ने आते ही बुजुर्ग पर गोलियां बरसा दी। उन्हें तीन गोलियां लगी। एक गोली गर्दन के पास, जबकि दो गोलियां पेट में लगीं। इससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
हत्या के बाद बदमाश महम की ओर भागे। महम बाईपास पर उनकी गाड़ी खराब हो गई। यहां बदमाशों ने एक अन्य गाड़ी छीनी और फिर मदीना की तरफ निकल गए। बदमाशों ने मदीना गांव के पास छीनी हुई गाड़ी भी छोड़ दी और किसी तरह यह से भाग निकले। सूबे सिंह के पोते की शिकायत पर पुलिस ने जेल में बंद पूर्व सरपंच प्रतिनिधि आनंद बबलू और उसके बेटे समेत पांच नामजद व अन्य आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया है। पुलिस की चार टीमें डीएसपी वीरेंद्र के नेतृत्व में जांच में जुटी हैं।
इनके खिलाफ दर्ज हुआ केस
एसआई वीरेंद्र सिंह ने बताया कि सूबे सिंह के पोते मोहित की शिकायत पर जेल के अंदर से हत्या की साजिश रचने के आरोप में आनंद, उसकी पत्नी सुदेश, बेटे अंकित और आनंद के भाई लहणा के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इसके अलावा आनंद के बेटे अमन व उसके 3-4 साथियों पर हत्या का मुकदमा दर्जकर मामले की जांच की जा रही है।
चुनावी रंजिश में 2017 में पूर्व सरपंच पवन के परिवार के बलजीत, भल्लेराम और महेंद्र सिंह की हत्या कर दी गई थी। तिहरे हत्याकांड में सूबे सिंह मुख्य गवाह थे। इसके बाद अक्तूबर 2019 में पूर्व सरपंच पवन की भी हत्या कर दी गई थी। सूबे सिंह के पोते मोहित और भतीजे राजकुमार ने पुलिस को दिए बयान में आरोप लगाया कि जेल में बंद आनंद बबलू ने ही हत्या करवाई है। आनंद के छोटे बेटे अमन ने तीन-चार अन्य के साथ मिलकर वारदात को अंजाम दिया है।
10वीं की डिग्री फर्जी मिलने के बाद महिला सरपंच को हटाया तो बढ़ी रंजिश
बड़ेसरा गांव में दो परिवारों के बीच भूमि विवाद निपटने के बाद चुनावी रंजिश के कारण शुरू हुआ खूनी खेल अब भी चल रहा है। पिछले चुनाव में आनंद बबलू की पत्नी सुदेश विजेता रही। पूर्व सरपंच पवन की शिकायत पर सुदेश की 10वीं कक्षा की डिग्री की जांच की तो फर्जी पाई गई और सरपंच को बर्खास्त कर दिया गया। इस मामले में महिला सरपंच, सरपंच पति व दो शिक्षकों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज हुआ और उन्हें जेल जाना पड़ा। इसी के चलते दोनों पक्षों में विवाद चल रहा है।
विस्तार
बड़ेसरा गांव में बुधवार सुबह छह बजे घर के बाहर बैठे बुजुर्ग की तीन गोलियां मारकर हत्या कर दी गई। सूबे सिंह (79) पूर्व सरपंच पवन के ताऊ थे और अपने परिवार के तीन लोगों की हत्या में मुख्य गवाह थे। चुनावी रंजिश में पूर्व सरपंच के परिवार में यह पांचवीं हत्या है। बुधवार सुबह सूबे सिंह घर के बाहर चबूतरे पर बैठे थे। इसी दौरान स्विफ्ट गाड़ी घर के बाहर आकर रुकी। उसमें से चार युवक उतरकर आए और चालक गाड़ी में ही रहा। युवकों ने आते ही बुजुर्ग पर गोलियां बरसा दी। उन्हें तीन गोलियां लगी। एक गोली गर्दन के पास, जबकि दो गोलियां पेट में लगीं। इससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
हत्या के बाद बदमाश महम की ओर भागे। महम बाईपास पर उनकी गाड़ी खराब हो गई। यहां बदमाशों ने एक अन्य गाड़ी छीनी और फिर मदीना की तरफ निकल गए। बदमाशों ने मदीना गांव के पास छीनी हुई गाड़ी भी छोड़ दी और किसी तरह यह से भाग निकले। सूबे सिंह के पोते की शिकायत पर पुलिस ने जेल में बंद पूर्व सरपंच प्रतिनिधि आनंद बबलू और उसके बेटे समेत पांच नामजद व अन्य आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया है। पुलिस की चार टीमें डीएसपी वीरेंद्र के नेतृत्व में जांच में जुटी हैं।
इनके खिलाफ दर्ज हुआ केस
एसआई वीरेंद्र सिंह ने बताया कि सूबे सिंह के पोते मोहित की शिकायत पर जेल के अंदर से हत्या की साजिश रचने के आरोप में आनंद, उसकी पत्नी सुदेश, बेटे अंकित और आनंद के भाई लहणा के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इसके अलावा आनंद के बेटे अमन व उसके 3-4 साथियों पर हत्या का मुकदमा दर्जकर मामले की जांच की जा रही है।