चंडीगढ़। एमफिल के विद्यार्थियों को छात्रावास देने की मांग को लेकर वीरवार को छात्र संगठन एसएफएस के सदस्यों ने पीयू वीसी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। इस दौरान काफी देर तक नारेबाजी की गई। उसके बाद अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों को आश्वासन दिया कि एमफिल के विद्यार्थियों को छात्रावास में दाखिला दिया जाएगा, जिसके बाद मामला शांत हुआ।
पंजाब विश्वविद्यालय के रिसर्च स्कॉलर्स को हाल ही में छात्रावासों में आने की अनुमति दे दी गई थी लेकिन एमफिल के विद्यार्थियों को प्रवेश नहीं दिया जा रहा था जबकि छात्रों के समक्ष इस मांग को लेकर समझौता भी हुआ था। मामला छात्र संगठन एसएफएस के पास पहुंचा और उन्होंने आक्रोश जताया। इसी कड़ी में वीरवार को एसएफएस से जुड़े छात्रों ने वीसी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया और पीयू प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। काफी देर बाद पीयू के अधिकारी मौके पर पहुंचे और छात्रों की बात सुनी। उसके बाद कहा कि मामला छात्रों के हित का है इसलिए सभी एमफिल के विद्यार्थी छात्रावास में आ सकते हैं। प्रदर्शन कर रहे विद्यार्थियों ने यह मांग भी की कि नए विद्यार्थियों को भी छात्रावास आवंटित किए जाएं। इस पर अधिकारियों ने कहा कि कमेटी की बैठक करके जल्द ही निर्णय लिया जाएगा।
चंडीगढ़। एमफिल के विद्यार्थियों को छात्रावास देने की मांग को लेकर वीरवार को छात्र संगठन एसएफएस के सदस्यों ने पीयू वीसी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। इस दौरान काफी देर तक नारेबाजी की गई। उसके बाद अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों को आश्वासन दिया कि एमफिल के विद्यार्थियों को छात्रावास में दाखिला दिया जाएगा, जिसके बाद मामला शांत हुआ।
पंजाब विश्वविद्यालय के रिसर्च स्कॉलर्स को हाल ही में छात्रावासों में आने की अनुमति दे दी गई थी लेकिन एमफिल के विद्यार्थियों को प्रवेश नहीं दिया जा रहा था जबकि छात्रों के समक्ष इस मांग को लेकर समझौता भी हुआ था। मामला छात्र संगठन एसएफएस के पास पहुंचा और उन्होंने आक्रोश जताया। इसी कड़ी में वीरवार को एसएफएस से जुड़े छात्रों ने वीसी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया और पीयू प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। काफी देर बाद पीयू के अधिकारी मौके पर पहुंचे और छात्रों की बात सुनी। उसके बाद कहा कि मामला छात्रों के हित का है इसलिए सभी एमफिल के विद्यार्थी छात्रावास में आ सकते हैं। प्रदर्शन कर रहे विद्यार्थियों ने यह मांग भी की कि नए विद्यार्थियों को भी छात्रावास आवंटित किए जाएं। इस पर अधिकारियों ने कहा कि कमेटी की बैठक करके जल्द ही निर्णय लिया जाएगा।