न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चंडीगढ़
Published by: निवेदिता वर्मा
Updated Mon, 20 Dec 2021 02:17 PM IST
डेरा सच्चा सौदा के प्रबंधक रंजीत सिंह की हत्या के मामले में राम रहीम ने पंचकूला की सीबीआई अदालत द्वारा दोषी करार देने और उम्रकैद की सजा के आदेश को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी है। हाईकोर्ट ने अपील को सुनवाई के लिए दाखिल करते हुए जुर्माने की आधी राशि की वसूली पर रोक लगा दी है।
आधी राशि का पीड़ित परिवार को मुआवजे के रूप में भुगतान करना होगा। डेरा प्रबंधक हत्याकांड मामले में पंचकूला की सीबीआई अदालत ने गुरमीत राम रहीम को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इसके साथ ही राम रहीम पर 31 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। डेरा प्रबंधक रंजीत सिंह की 2002 में गोली मारकर हत्या की गई थी। उस समय एक पत्र सामने आया था जिसमें कहा गया था कि राम रहीम डेरे में महिलाओं का यौन शोषण करता है।
डेरा प्रमुख को यह शक था कि इस पत्र को प्रसारित करने में रंजीत सिंह की भूमिका है। सीबीआई ने इसी के अनुरूप अपना केस तैयार किया था और लंबे चले ट्रायल के बाद आखिरकार सीबीआई न्यायालय में यह साबित करने में कामयाब हुई कि हत्या के लिए डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम ही जिम्मेदार है। सीबीआई अदालत ने माना था कि इस हत्या के लिए राम रहीम जिम्मेदार है जिसके चलते उसे उम्रकैद की सजा सुनाते हुए रोहतक की सुनारिया जेल भेज दिया गया था। इससे पहले उसे साध्वियों के यौन शोषण के मामले में 20 वर्ष की सजा सुनाई गई थी। साथ ही राम रहीम को पत्रकार छत्रपति की हत्या के मामले में भी उम्रकैद की सजा सुनाई जा चुकी है।
विस्तार
डेरा सच्चा सौदा के प्रबंधक रंजीत सिंह की हत्या के मामले में राम रहीम ने पंचकूला की सीबीआई अदालत द्वारा दोषी करार देने और उम्रकैद की सजा के आदेश को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी है। हाईकोर्ट ने अपील को सुनवाई के लिए दाखिल करते हुए जुर्माने की आधी राशि की वसूली पर रोक लगा दी है।
आधी राशि का पीड़ित परिवार को मुआवजे के रूप में भुगतान करना होगा। डेरा प्रबंधक हत्याकांड मामले में पंचकूला की सीबीआई अदालत ने गुरमीत राम रहीम को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इसके साथ ही राम रहीम पर 31 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। डेरा प्रबंधक रंजीत सिंह की 2002 में गोली मारकर हत्या की गई थी। उस समय एक पत्र सामने आया था जिसमें कहा गया था कि राम रहीम डेरे में महिलाओं का यौन शोषण करता है।
डेरा प्रमुख को यह शक था कि इस पत्र को प्रसारित करने में रंजीत सिंह की भूमिका है। सीबीआई ने इसी के अनुरूप अपना केस तैयार किया था और लंबे चले ट्रायल के बाद आखिरकार सीबीआई न्यायालय में यह साबित करने में कामयाब हुई कि हत्या के लिए डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम ही जिम्मेदार है। सीबीआई अदालत ने माना था कि इस हत्या के लिए राम रहीम जिम्मेदार है जिसके चलते उसे उम्रकैद की सजा सुनाते हुए रोहतक की सुनारिया जेल भेज दिया गया था। इससे पहले उसे साध्वियों के यौन शोषण के मामले में 20 वर्ष की सजा सुनाई गई थी। साथ ही राम रहीम को पत्रकार छत्रपति की हत्या के मामले में भी उम्रकैद की सजा सुनाई जा चुकी है।