पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने घरेलू हिंसा के आरोपी जज को राहत देते हुए उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। साथ ही पंजाब सरकार व अन्य प्रतिवादियों को नेाटिस जारी कर जवाब तलब किया है। जस्टिस सुवीर सहगल ने यह आदेश इस जज की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए जारी किए हैं।
मोहाली जिला अदालत के जज की पत्नी की शिकायत पर मोहाली के मुल्लांपुर थाने में 6 नवंबर को एफआईआर दर्ज की गई थी। जज की पत्नी ने उन पर घरेलू हिंसा का आरोप लगाते हुए गत वर्ष 26 जून को शिकायत दी थी।
एसआईटी ने इस मामले की जांच के बाद इस वर्ष 6 नवंबर को एफआईआर दर्ज की थी। जज ने इससे पहले मोहाली की जिला अदालत से जमानत की मांग की थी, जिसे खारिज कर दिया गया। अब जज ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर अग्रिम जमानत की मांग की है।
याची जज ने बताया कि 10 फरवरी 2013 को उनका विवाह हुआ था। उनकी पत्नी ने उनके खिलाफ घरेलू हिंसा के आरोप लगा पिछले साल शिकायत दी थी। डेढ़ साल बाद अब जाकर एफआईआर दर्ज की गई है। उनके विवाह में उन्हें कुछ उपहार दिए गए थे, जिन्हे दहेज नहीं कहा जा सकता है। बावजूद इसके वह यह सब उपहार या इसके बराबर की कीमत देने की पेशकश कर चुके हैं।
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पत्नी के वकील ने कहा कि शादी के समय बेशकीमती उपहार, कार, गहने और अन्य सामान दिया गया जो अभी भी उसके पति के पास हैं। उन्होंने अपनी शिकायत पिछले साल अप्रैल महीने में ही दे दी थी, लेकिन जब उन्होंने हाईकोर्ट से गुहार लगाई तो उसके बाद एफआईआर दर्ज की गई। हाईकोर्ट ने याचिका पर पंजाब सरकार सहित अन्य पक्षों को नोटिस जारी कर जवाब मांग लिया है, साथ ही अगले आदेशों तक न्यायिक अधिकारी की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है।
विस्तार
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने घरेलू हिंसा के आरोपी जज को राहत देते हुए उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। साथ ही पंजाब सरकार व अन्य प्रतिवादियों को नेाटिस जारी कर जवाब तलब किया है। जस्टिस सुवीर सहगल ने यह आदेश इस जज की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए जारी किए हैं।
मोहाली जिला अदालत के जज की पत्नी की शिकायत पर मोहाली के मुल्लांपुर थाने में 6 नवंबर को एफआईआर दर्ज की गई थी। जज की पत्नी ने उन पर घरेलू हिंसा का आरोप लगाते हुए गत वर्ष 26 जून को शिकायत दी थी।
एसआईटी ने इस मामले की जांच के बाद इस वर्ष 6 नवंबर को एफआईआर दर्ज की थी। जज ने इससे पहले मोहाली की जिला अदालत से जमानत की मांग की थी, जिसे खारिज कर दिया गया। अब जज ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर अग्रिम जमानत की मांग की है।
याची जज ने बताया कि 10 फरवरी 2013 को उनका विवाह हुआ था। उनकी पत्नी ने उनके खिलाफ घरेलू हिंसा के आरोप लगा पिछले साल शिकायत दी थी। डेढ़ साल बाद अब जाकर एफआईआर दर्ज की गई है। उनके विवाह में उन्हें कुछ उपहार दिए गए थे, जिन्हे दहेज नहीं कहा जा सकता है। बावजूद इसके वह यह सब उपहार या इसके बराबर की कीमत देने की पेशकश कर चुके हैं।
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पत्नी के वकील ने कहा कि शादी के समय बेशकीमती उपहार, कार, गहने और अन्य सामान दिया गया जो अभी भी उसके पति के पास हैं। उन्होंने अपनी शिकायत पिछले साल अप्रैल महीने में ही दे दी थी, लेकिन जब उन्होंने हाईकोर्ट से गुहार लगाई तो उसके बाद एफआईआर दर्ज की गई। हाईकोर्ट ने याचिका पर पंजाब सरकार सहित अन्य पक्षों को नोटिस जारी कर जवाब मांग लिया है, साथ ही अगले आदेशों तक न्यायिक अधिकारी की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है।