संवाद न्यूज एजेंसी, फरीदकोट (पंजाब)
Published by: निवेदिता वर्मा
Updated Tue, 20 Apr 2021 11:56 AM IST
बरगाड़ी बेअदबी कांड से जुड़ी कोटकपूरा और बहिबल गोलीकांड की घटनाओं में तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल व उनके पुत्र सुखबीर सिंह बादल से भी सवाल जवाब हो चुके हैं और इन दोनों के खिलाफ दोनों घटनाओं में अदालत में चालान दिया जाना चाहिए। यह सिफारिश कोटकपूरा गोलीकांड की घटना में पंजाब हरियाणा उच्च न्यायालय की ओर से जांच रिपोर्ट रद्द करने और खुद को जांच टीम से हटाए जाने से करीब 25 दिन पहले ही 15 मार्च को आईजी कुंवर विजय प्रताप सिंह ने की थी। यह 12 पेज की रिपोर्ट उन्होंने राज्य के डीजीपी, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह व न्याय विभाग पंजाब व डायरेक्टर ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन को भेज दी थी।
आईजी कुंवर विजय प्रताप सिंह ने इस रिपोर्ट में कई अहम खुलासे किए थे। इसमें कहा गया है कि उन्हें सुखबीर सिंह बादल व बिक्रम सिंह मजीठिया की तरफ से धमकाया भी गया, जिसके संबंध में राज्य के एडवोकेट जनरल दफ्तर को सूचित किया गया, लेकिन उनकी तरफ से कोई कदम नहीं उठाया गया। जबकि कोटकपूरा व बहिबल गोलीकांड की घटनाओं में अब तक 7-7 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है। इन घटनाओं में नवंबर 2018 में प्रकाश सिंह बादल व सुखबीर सिंह बादल से सवाल जबाव का विवरण देते हुए उन्होंने दोनों के खिलाफ दोनों घटनाओं में चालान दाखिल करने की सिफारिश की थी।
कुंवर विजय प्रताप ने साफ लिखा है कि इन घटनाओं की जांच लगभग पूरी हो चुकी है और केस निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुके हैं, ऐसे हालात में गवाहों की सुरक्षा यकीनी बनाए जाने की जरूरत है। उन्होंने कुछ समय पहले बहिबल गोलीकांड के एक गवाह सुरजीत सिंह की संदिग्ध मौत और बहिबल गोलीकांड में मरने वाले किशन भगवान सिंह के भाई रेशम सिंह को मिल रहीं धमकियां का भी रिपोर्ट में जिक्र किया है। इसमें सरकार से जुड़े लोगों के नाम भी सामने आए थे। उन्होंने रिपोर्ट में कहा हैकि उनकी तरफ से गोलीकांड की घटनाओं की पूरी निष्पक्षता से जांच की गई है और इनमें अंतिम चालान उनके या किसी अन्य अधिकारी के माध्यम से अदालत में पेश करवाया जा सकता है।
विस्तार
बरगाड़ी बेअदबी कांड से जुड़ी कोटकपूरा और बहिबल गोलीकांड की घटनाओं में तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल व उनके पुत्र सुखबीर सिंह बादल से भी सवाल जवाब हो चुके हैं और इन दोनों के खिलाफ दोनों घटनाओं में अदालत में चालान दिया जाना चाहिए। यह सिफारिश कोटकपूरा गोलीकांड की घटना में पंजाब हरियाणा उच्च न्यायालय की ओर से जांच रिपोर्ट रद्द करने और खुद को जांच टीम से हटाए जाने से करीब 25 दिन पहले ही 15 मार्च को आईजी कुंवर विजय प्रताप सिंह ने की थी। यह 12 पेज की रिपोर्ट उन्होंने राज्य के डीजीपी, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह व न्याय विभाग पंजाब व डायरेक्टर ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन को भेज दी थी।
आईजी कुंवर विजय प्रताप सिंह ने इस रिपोर्ट में कई अहम खुलासे किए थे। इसमें कहा गया है कि उन्हें सुखबीर सिंह बादल व बिक्रम सिंह मजीठिया की तरफ से धमकाया भी गया, जिसके संबंध में राज्य के एडवोकेट जनरल दफ्तर को सूचित किया गया, लेकिन उनकी तरफ से कोई कदम नहीं उठाया गया। जबकि कोटकपूरा व बहिबल गोलीकांड की घटनाओं में अब तक 7-7 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है। इन घटनाओं में नवंबर 2018 में प्रकाश सिंह बादल व सुखबीर सिंह बादल से सवाल जबाव का विवरण देते हुए उन्होंने दोनों के खिलाफ दोनों घटनाओं में चालान दाखिल करने की सिफारिश की थी।
कुंवर विजय प्रताप ने साफ लिखा है कि इन घटनाओं की जांच लगभग पूरी हो चुकी है और केस निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुके हैं, ऐसे हालात में गवाहों की सुरक्षा यकीनी बनाए जाने की जरूरत है। उन्होंने कुछ समय पहले बहिबल गोलीकांड के एक गवाह सुरजीत सिंह की संदिग्ध मौत और बहिबल गोलीकांड में मरने वाले किशन भगवान सिंह के भाई रेशम सिंह को मिल रहीं धमकियां का भी रिपोर्ट में जिक्र किया है। इसमें सरकार से जुड़े लोगों के नाम भी सामने आए थे। उन्होंने रिपोर्ट में कहा हैकि उनकी तरफ से गोलीकांड की घटनाओं की पूरी निष्पक्षता से जांच की गई है और इनमें अंतिम चालान उनके या किसी अन्य अधिकारी के माध्यम से अदालत में पेश करवाया जा सकता है।