पंजाब का किसान देशभर के किसानों के लिए आंदोलन चलाकर मोदी सरकार का विरोध कर रहा है। इसलिए मैं किसानों को बधाई देते हुए पंजाब के किसान आंदोलन को सलाम करती हूं। यह बात नर्मदा बचाओ आंदोलन में प्रमुख भूमिका निभाने वाली सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटेकर ने मानसा रेलवे स्टेशन के ट्रैक पर चल रहे किसानों के धरने को संबोधित करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि देश की ढाई सौ किसान जत्थेबंदियां कर्ज माफी व फसलों का सही दाम लेने के लिए लंबे समय से संघर्ष कर रही हैं लेकिन मोदी सरकार ने कारपोरेट घरानों को लाभ पहुंचाने के लिए किसानों के खिलाफ जाकर कृषि कानूनों को पास कर दिया है। हम इन जत्थेबंदियों को साथ लेकर आंदोलन को आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने कहा कि लोगों के आधार से ही जनतंत्र कायम रहेगा लेकिन अंबानी-अडानी देश के लोकतंत्र को दीमक की तरह खोखला कर रहे हैं। जब खेत ही नहीं बचेंगे तो देश खाएगा क्या।
उन्होंने पंजाब के किसानों को सलाम किया और कहा कि तुमने केंद्र सरकार को झुका लिया है तभी तो अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर ने इस्तीफा दिया और पार्टी ने भाजपा से नाता तोड़ा। वातावरण बचाना और अच्छा भोजन देना सरकार का फर्ज है। उन्होंने कहा कि देश में संविधान कुचलने की कोशिशें हो रही हैं। किसानों की आत्महत्याएं सियासी नेताओं द्वारा की जा रहीं हत्याएं हैं। किसान डेढ़ गुना फसल की कीमत मांग रहे हैं लेकिन मोदी सरकार नहीं दे रही है, जबकि अंबानी-अडानी सौ गुना कमाई कर रहे हैं।
भारतीय किसान यूनियन क्रांतिकारी के नेता जलौर सिंह दूलोवाल, भाकियू डकौंदा के मनजीत सिंह उल्लक, भाकियू कादियां के गुरनाम सिंह भीखी, भाकियू राजेवाला के साधु सिंह कालाना, जमहूरी किसान सभा के नेता मेजर सिंह दूलोवाल, कुल हिंद किसान सभा के गुरमीत सिंह जोगा, भाकियू मानसा तेज सिंह चकेरियां, भाकियू सिद्धपुर के मलूक सिंह हीरके, पंजाब किसान यूनियन के प्रांतीय कमेटी सदस्य हाकम सिंह झुनीर, क्रांतिकारी किसान यूनियन भजन सिंह घुम्मण और तोता सिंह हीरके ने भी धरने को संबोधित किया। मंच का संचालन पंजाब किसान यूनियन के प्रांतीय प्रेस सचिव एडवोकेट बलकरण सिंह बल्ली और भारतीय किसान यूनियन क्रांतिकारी के नेता गुरमेल सिंह असपाल कोठे ने किया।
पंजाब का किसान देशभर के किसानों के लिए आंदोलन चलाकर मोदी सरकार का विरोध कर रहा है। इसलिए मैं किसानों को बधाई देते हुए पंजाब के किसान आंदोलन को सलाम करती हूं। यह बात नर्मदा बचाओ आंदोलन में प्रमुख भूमिका निभाने वाली सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटेकर ने मानसा रेलवे स्टेशन के ट्रैक पर चल रहे किसानों के धरने को संबोधित करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि देश की ढाई सौ किसान जत्थेबंदियां कर्ज माफी व फसलों का सही दाम लेने के लिए लंबे समय से संघर्ष कर रही हैं लेकिन मोदी सरकार ने कारपोरेट घरानों को लाभ पहुंचाने के लिए किसानों के खिलाफ जाकर कृषि कानूनों को पास कर दिया है। हम इन जत्थेबंदियों को साथ लेकर आंदोलन को आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने कहा कि लोगों के आधार से ही जनतंत्र कायम रहेगा लेकिन अंबानी-अडानी देश के लोकतंत्र को दीमक की तरह खोखला कर रहे हैं। जब खेत ही नहीं बचेंगे तो देश खाएगा क्या।
उन्होंने पंजाब के किसानों को सलाम किया और कहा कि तुमने केंद्र सरकार को झुका लिया है तभी तो अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर ने इस्तीफा दिया और पार्टी ने भाजपा से नाता तोड़ा। वातावरण बचाना और अच्छा भोजन देना सरकार का फर्ज है। उन्होंने कहा कि देश में संविधान कुचलने की कोशिशें हो रही हैं। किसानों की आत्महत्याएं सियासी नेताओं द्वारा की जा रहीं हत्याएं हैं। किसान डेढ़ गुना फसल की कीमत मांग रहे हैं लेकिन मोदी सरकार नहीं दे रही है, जबकि अंबानी-अडानी सौ गुना कमाई कर रहे हैं।
भारतीय किसान यूनियन क्रांतिकारी के नेता जलौर सिंह दूलोवाल, भाकियू डकौंदा के मनजीत सिंह उल्लक, भाकियू कादियां के गुरनाम सिंह भीखी, भाकियू राजेवाला के साधु सिंह कालाना, जमहूरी किसान सभा के नेता मेजर सिंह दूलोवाल, कुल हिंद किसान सभा के गुरमीत सिंह जोगा, भाकियू मानसा तेज सिंह चकेरियां, भाकियू सिद्धपुर के मलूक सिंह हीरके, पंजाब किसान यूनियन के प्रांतीय कमेटी सदस्य हाकम सिंह झुनीर, क्रांतिकारी किसान यूनियन भजन सिंह घुम्मण और तोता सिंह हीरके ने भी धरने को संबोधित किया। मंच का संचालन पंजाब किसान यूनियन के प्रांतीय प्रेस सचिव एडवोकेट बलकरण सिंह बल्ली और भारतीय किसान यूनियन क्रांतिकारी के नेता गुरमेल सिंह असपाल कोठे ने किया।