किसानों के भारत बंद के आह्वान पर सेक्टर-17 स्थित प्लाजा पर पंजाब के किसान, चंडीगढ़ के वकील, ट्रेड यूनियन, छात्र संगठनों व अन्यों ने मंगलवार को नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में शामिल होने पंजाब के अकाली दल और कांग्रेस के नेता भी पहुंचे। किसानों का समर्थन करते पहुंचे इन नेताओं को विरोध का सामना करना पड़ा।
प्लाजा में कई जगह अलग-अलग संगठनों के बैनर तले प्रदर्शन हो रहे थे। प्रदर्शन में शामिल होने पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़, स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिद्धू व अकाली नेता बिक्रम सिंह मजीठिया समेत अन्य वरिष्ठ नेता पहुंचे। प्रदर्शन के दौरान कुछ संगठनों की तरफ से बार-बार इन नेताओं का नाम लिया जा रहा था और प्रदर्शन में शामिल होने के लिए उनका धन्यवाद किया जा रहा था। इस पर पंजाब स्टूडेंट यूनियन (ललकार) ने आपत्ति जताई और कहा कि जब पंजाब ने पिछले कई महीनों से किसान प्रदर्शन कर रहे हैं तो यह वहां क्यों नहीं गए।
किसानों के प्रदर्शन में इन्हें बार-बार धन्यवाद क्यों किया जा रहा है। प्रदर्शनकारियों ने इन नेताओं का विरोध किया और गो-बैक के नारे लगाये। विरोध बढ़ता देख यह नेता प्रदर्शन स्थल से चले गए। पंजाब किसान यूनियन (मोहाली) के संयोजक अमन रतिया ने कहा कि केंद्र सरकार के खिलाफ मजदूर, किसान सड़कों पर हैं। मोदी सरकार बड़े पूंजीपतियों के लाभ के लिए किसान और मजदूरों को मारने पर तुले हैं।
नतीजा यह हैं कि सभी लोग सड़कों पर उतरे हैं व किसान विरोधी कानूनों को वापस करने की मांग कर रहें हैं। उन्होंने कहा कि करीब डेढ़ साल बाद पंजाब में चुनाव हैं, जिसके चलते कांग्रेस-अकाली नेता अपना स्वार्थ दिखा रहें हैं। वहीं, प्रदर्शन में शामिल पंजाब स्टूडेंट यूनियन (ललकार) ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि ये सियासी नेता सभी एक ही थाली के चट्टे-बट्टे हैं। अब जब किसानों, आम जन समूहों में केंद्र सरकार के खिलाफ रोष हैं तो यह नेता अपनी चुनावी रोटियों के प्रबंध में किसानों के आंदोलन में पहुंच रहें हैं। इनका हम पुरजोर विरोध करते हैं।
किसानों के भारत बंद के आह्वान पर सेक्टर-17 स्थित प्लाजा पर पंजाब के किसान, चंडीगढ़ के वकील, ट्रेड यूनियन, छात्र संगठनों व अन्यों ने मंगलवार को नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में शामिल होने पंजाब के अकाली दल और कांग्रेस के नेता भी पहुंचे। किसानों का समर्थन करते पहुंचे इन नेताओं को विरोध का सामना करना पड़ा।
प्लाजा में कई जगह अलग-अलग संगठनों के बैनर तले प्रदर्शन हो रहे थे। प्रदर्शन में शामिल होने पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़, स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिद्धू व अकाली नेता बिक्रम सिंह मजीठिया समेत अन्य वरिष्ठ नेता पहुंचे। प्रदर्शन के दौरान कुछ संगठनों की तरफ से बार-बार इन नेताओं का नाम लिया जा रहा था और प्रदर्शन में शामिल होने के लिए उनका धन्यवाद किया जा रहा था। इस पर पंजाब स्टूडेंट यूनियन (ललकार) ने आपत्ति जताई और कहा कि जब पंजाब ने पिछले कई महीनों से किसान प्रदर्शन कर रहे हैं तो यह वहां क्यों नहीं गए।
किसानों के प्रदर्शन में इन्हें बार-बार धन्यवाद क्यों किया जा रहा है। प्रदर्शनकारियों ने इन नेताओं का विरोध किया और गो-बैक के नारे लगाये। विरोध बढ़ता देख यह नेता प्रदर्शन स्थल से चले गए। पंजाब किसान यूनियन (मोहाली) के संयोजक अमन रतिया ने कहा कि केंद्र सरकार के खिलाफ मजदूर, किसान सड़कों पर हैं। मोदी सरकार बड़े पूंजीपतियों के लाभ के लिए किसान और मजदूरों को मारने पर तुले हैं।
नतीजा यह हैं कि सभी लोग सड़कों पर उतरे हैं व किसान विरोधी कानूनों को वापस करने की मांग कर रहें हैं। उन्होंने कहा कि करीब डेढ़ साल बाद पंजाब में चुनाव हैं, जिसके चलते कांग्रेस-अकाली नेता अपना स्वार्थ दिखा रहें हैं। वहीं, प्रदर्शन में शामिल पंजाब स्टूडेंट यूनियन (ललकार) ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि ये सियासी नेता सभी एक ही थाली के चट्टे-बट्टे हैं। अब जब किसानों, आम जन समूहों में केंद्र सरकार के खिलाफ रोष हैं तो यह नेता अपनी चुनावी रोटियों के प्रबंध में किसानों के आंदोलन में पहुंच रहें हैं। इनका हम पुरजोर विरोध करते हैं।