पंजाब के छात्र संघ चुनाव इस बार दो माह लेट हो सकते हैं। सितंबर में होने वाले चुनाव इस बार नवंबर माह में होंगे। सितंबर से नया सेशन शुरू होगा। उसके बाद विद्यार्थी छात्रसंघ चुनाव के लिए प्रचार-प्रसार में जुटेंगे। छात्रों को यूजीसी के एकेडमिक कैलेंडर की तिथियों का पता लगते ही वह अपने काउंसिल चुनाव की तैयारियों में जुटे हैं। उनका लक्ष्य नए विद्यार्थियों को अपना बनाना है और काफी हद तक छात्र संगठन नए छात्रों को अपने पाले में करने में कामयाब हो जाते हैं।
यूजीसी ने हाल ही में एग्जामिनेशन व एकेडमिक कैलेंडर जारी किया है। इसमें नए सेशन की शुरुआत सितंबर में करने की बात सामने आई है। यानी सितंबर में कुछ एडमिशन भी होंगे और कक्षाएं लगाना भी शुरू हो जाएंगी। यह बात विद्यार्थियों को भी पता लग गई। छात्र संगठनों का कहना है कि हर साल जुलाई में नए एडमिशन की प्रक्रिया शुरू होती थी। अगस्त में कक्षाएं लगना शुरू हो जाती हैं और छह सितंबर को छात्रसंघ चुनाव होते हैं। यानी सेशन शुरू होने के लगभग 40 दिन बाद छात्रसंघ चुनाव करवाए जाते हैं। पिछले साल भी सितंबर में ही छात्रसंघ चुनाव हुए थे।
इस बार सितंबर में यूजीसी के मुताबिक नया सेशन शुरू होगा। हालांकि लॉकडाउन की स्थिति से यह घट-बढ़ भी सकता है। सितंबर में जब सेशन शुरू होगा तो अक्तूबर में कक्षाएं लगेंगी और 40 दिन के समय के मुताबिक नवंबर माह में छात्रसंघ चुनाव होंगे। छात्र संगठनों ने नवंबर में अपने चुनाव मानते हुए अभी से तैयारियां शुरू कर दी हैं। जानकारों का कहना है कि दो माह लेट जब चुनाव होंगे तो दो माह अगले साल अतिरिक्त कार्यकाल भी देना होगा।
सीनेट के चुनाव पर लग सकता है ग्रहण
पीयू में सीनेट के चुनाव इसी साल होने हैं। हर चार साल में यह चुनाव होते हैं। मार्च में वोटर बनाने की प्रक्रिया चल रही थी लेकिन लॉकडाउन के कारण प्रभावित हो गई। वोट भी सभी के नहीं बन पाए। सूत्रों का कहना है कि लॉकडाउन खुलने के बाद पहले लोगों के वोट बनाए जाएंगे और फिर चुनाव की प्रकिया शुरू होगी। जरूरी नहीं कि इस साल सीनेट के चुनाव हों भी। यह अगले साल भी हो सकते हैं। अधिकांश लोगों का तो यही मानना है कि सीनेट चुनाव पर इस साल ग्रहण लग सकता है।
पंजाब के छात्र संघ चुनाव इस बार दो माह लेट हो सकते हैं। सितंबर में होने वाले चुनाव इस बार नवंबर माह में होंगे। सितंबर से नया सेशन शुरू होगा। उसके बाद विद्यार्थी छात्रसंघ चुनाव के लिए प्रचार-प्रसार में जुटेंगे। छात्रों को यूजीसी के एकेडमिक कैलेंडर की तिथियों का पता लगते ही वह अपने काउंसिल चुनाव की तैयारियों में जुटे हैं। उनका लक्ष्य नए विद्यार्थियों को अपना बनाना है और काफी हद तक छात्र संगठन नए छात्रों को अपने पाले में करने में कामयाब हो जाते हैं।
यूजीसी ने हाल ही में एग्जामिनेशन व एकेडमिक कैलेंडर जारी किया है। इसमें नए सेशन की शुरुआत सितंबर में करने की बात सामने आई है। यानी सितंबर में कुछ एडमिशन भी होंगे और कक्षाएं लगाना भी शुरू हो जाएंगी। यह बात विद्यार्थियों को भी पता लग गई। छात्र संगठनों का कहना है कि हर साल जुलाई में नए एडमिशन की प्रक्रिया शुरू होती थी। अगस्त में कक्षाएं लगना शुरू हो जाती हैं और छह सितंबर को छात्रसंघ चुनाव होते हैं। यानी सेशन शुरू होने के लगभग 40 दिन बाद छात्रसंघ चुनाव करवाए जाते हैं। पिछले साल भी सितंबर में ही छात्रसंघ चुनाव हुए थे।
इस बार सितंबर में यूजीसी के मुताबिक नया सेशन शुरू होगा। हालांकि लॉकडाउन की स्थिति से यह घट-बढ़ भी सकता है। सितंबर में जब सेशन शुरू होगा तो अक्तूबर में कक्षाएं लगेंगी और 40 दिन के समय के मुताबिक नवंबर माह में छात्रसंघ चुनाव होंगे। छात्र संगठनों ने नवंबर में अपने चुनाव मानते हुए अभी से तैयारियां शुरू कर दी हैं। जानकारों का कहना है कि दो माह लेट जब चुनाव होंगे तो दो माह अगले साल अतिरिक्त कार्यकाल भी देना होगा।
सीनेट के चुनाव पर लग सकता है ग्रहण
पीयू में सीनेट के चुनाव इसी साल होने हैं। हर चार साल में यह चुनाव होते हैं। मार्च में वोटर बनाने की प्रक्रिया चल रही थी लेकिन लॉकडाउन के कारण प्रभावित हो गई। वोट भी सभी के नहीं बन पाए। सूत्रों का कहना है कि लॉकडाउन खुलने के बाद पहले लोगों के वोट बनाए जाएंगे और फिर चुनाव की प्रकिया शुरू होगी। जरूरी नहीं कि इस साल सीनेट के चुनाव हों भी। यह अगले साल भी हो सकते हैं। अधिकांश लोगों का तो यही मानना है कि सीनेट चुनाव पर इस साल ग्रहण लग सकता है।