न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चंडीगढ़
Published by: निवेदिता वर्मा
Updated Wed, 23 Mar 2022 01:23 PM IST
कोरोना के कहर के चलते दो साल बाद सुनवाई के लिए पहुंचे चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट के मामले में अब पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने सभी पक्षों से पूछा है कि एयरपोर्ट पर कैट-3, साउथ टैक्सी ट्रैक और चंडीगढ़ से सीधे एयरपोर्ट के लिए सड़क बनाने की दिशा में क्या कदम उठाए गए हैं।
हाईकोर्ट में आखिरी बार 2 मार्च, 2020 को इस मामले की सुनवाई हुई थी। तब हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर कैट-3 इंस्टाल करने में देरी और लटके पड़े साउथ टैक्सी ट्रैक के मामले में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ को सभी पक्षों के साथ बैठक कर निर्णय लेने का आदेश दिया था। केंद्र सरकार ने हाईकोर्ट को बताया था कि साउथ टैक्सी ट्रैक को रक्षा मंत्रालय स्वीकृति दे चुका है। कैट-3 बी इंस्टाल करने के लिए कुछ ढांचे हटाना जरूरी है, लेकिन एयरफोर्स सुरक्षा कारणों के चलते इन्हें नहीं हटा सकती। साथ ही यह भी बताया कि साल भर में 10 से 15 दिन तक वह भी केवल 2 से 3 घंटे के बीच कैट-3 आईएलएस की जरूरत पड़ती है। ऐसे में इस पर बात की जा रही है और जल्द ही निर्णय ले लिया जाएगा।
कोर्ट मित्र के रूप में सहयोग दे रहे सीनियर एडवोकेट एमएल सरीन ने हाईकोर्ट को बताया कि हाईकोर्ट के मार्च, 2020 के आदेश के बाद अप्रैल 2020 में एक रिपोर्ट दी गई थी। इसमें बताया गया था कि तत्कालीन चीफ और डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत के साथ हुई बैठक में कैट-3 लगाने पर बात हुई थी और इसके लिए मना किया गया था। बैठक के दौरान जल्द से जल्द कैट-2 को अपग्रेड करने पर जोर दिया गया था और साउथ टैक्सी ट्रैक को जल्द पूरा करने के लिए कदम उठाने की बात हुई थी। उन्होंने कहा था कि मामले को दो साल बीत चुके हैं और ऐसे में आगे सुनवाई तब ही सही है जब यह पता चले कि अब तक क्या-क्या कदम उठाए गए हैं। इस पर हाईकोर्ट ने अब केंद्र सरकार, पंजाब सरकार, यूटी प्रशासन, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया, रक्षा मंत्रालय व अन्य पक्षों को स्टेटस रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है।
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कोरोना के कहर के चलते दो साल बाद सुनवाई के लिए पहुंचे चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट के मामले में अब पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने सभी पक्षों से पूछा है कि एयरपोर्ट पर कैट-3, साउथ टैक्सी ट्रैक और चंडीगढ़ से सीधे एयरपोर्ट के लिए सड़क बनाने की दिशा में क्या कदम उठाए गए हैं।
हाईकोर्ट में आखिरी बार 2 मार्च, 2020 को इस मामले की सुनवाई हुई थी। तब हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर कैट-3 इंस्टाल करने में देरी और लटके पड़े साउथ टैक्सी ट्रैक के मामले में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ को सभी पक्षों के साथ बैठक कर निर्णय लेने का आदेश दिया था। केंद्र सरकार ने हाईकोर्ट को बताया था कि साउथ टैक्सी ट्रैक को रक्षा मंत्रालय स्वीकृति दे चुका है। कैट-3 बी इंस्टाल करने के लिए कुछ ढांचे हटाना जरूरी है, लेकिन एयरफोर्स सुरक्षा कारणों के चलते इन्हें नहीं हटा सकती। साथ ही यह भी बताया कि साल भर में 10 से 15 दिन तक वह भी केवल 2 से 3 घंटे के बीच कैट-3 आईएलएस की जरूरत पड़ती है। ऐसे में इस पर बात की जा रही है और जल्द ही निर्णय ले लिया जाएगा।
कोर्ट मित्र के रूप में सहयोग दे रहे सीनियर एडवोकेट एमएल सरीन ने हाईकोर्ट को बताया कि हाईकोर्ट के मार्च, 2020 के आदेश के बाद अप्रैल 2020 में एक रिपोर्ट दी गई थी। इसमें बताया गया था कि तत्कालीन चीफ और डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत के साथ हुई बैठक में कैट-3 लगाने पर बात हुई थी और इसके लिए मना किया गया था। बैठक के दौरान जल्द से जल्द कैट-2 को अपग्रेड करने पर जोर दिया गया था और साउथ टैक्सी ट्रैक को जल्द पूरा करने के लिए कदम उठाने की बात हुई थी। उन्होंने कहा था कि मामले को दो साल बीत चुके हैं और ऐसे में आगे सुनवाई तब ही सही है जब यह पता चले कि अब तक क्या-क्या कदम उठाए गए हैं। इस पर हाईकोर्ट ने अब केंद्र सरकार, पंजाब सरकार, यूटी प्रशासन, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया, रक्षा मंत्रालय व अन्य पक्षों को स्टेटस रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है।