न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चंडीगढ़
Published by: निवेदिता वर्मा
Updated Fri, 13 May 2022 04:30 PM IST
चंडीगढ़ यूटी प्रशासन को बड़ा झटका देते हुए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने सेक्टर-25 की जनता कॉलोनी में बनी झुग्गियां गिराने पर रोक लगा दी है। स्थानीय निवासियों द्वारा झुग्गियां गिराने के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ के डीसी, चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड व केंद्रीय आवास एवं शहरी मंत्रालय को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
जनता कॉलोनी के दविंदर और अन्य स्थानीय निवासियों की ओर से एडवोकेट संजीव कुमार यादव के माध्यम से याचिका दाखिल करते हुए बताया गया कि चंडीगढ़ प्रशासन ने 3 मई को नोटिस जारी करते हुए उन्हें कॉलोनी खाली करने को कहा है। याची ने बताया कि कॉलोनी में 2000 से 2500 कच्चे घर और झुग्गियां है। इनमें करीब 4 से 6 हजार लोग रह रहे हैं। सभी करीब दो दशक से यहां रहते हैं और सबका रोजगार दिहाड़ी से चलता है। याची ने कहा कि उन्हें बिजली के कनेक्शन, सीवर व पानी आदि के कनेक्शन देकर प्रशासन इस कॉलोनी को एक तरह से मान्यता देता रहा है। यहां के निवासियों के राशन कार्ड, वोटर कार्ड, आधार कार्ड और पैन कार्ड भी इसी पते पर जारी किए हैं। इसके बावजूद अब उन्हें हटाने की तैयारी की जा रही है।
याचिकाकर्ताओं ने कहा कि उन्हें हटाने से पहले उनके रहने की वैकल्पिक व्यवस्था की जाए। जैसे अन्य कालोनियों को हटाते हुए वहां के निवासियों का पुनर्वास किया गया वैसे ही यहां के लोगों का भी पुनर्वास हो। इसपर हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ प्रशासन से पूछा कि क्या यहां से जिन लोगों को हटाया जा रहा है उनका प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पुनर्वास किया जाएगा। इस पर प्रशासन ने कहा कि इन सभी का पुनर्वास किया जाएगा। इस जवाब के बाद हाईकोर्ट ने यूटी प्रशासन को याचिका में उठाए गए हर सवाल का जवाब सौंपने का आदेश दिया है। साथ ही 1 जून तक इस कॉलोनी को गिराने पर भी रोक लगा दी है।
विस्तार
चंडीगढ़ यूटी प्रशासन को बड़ा झटका देते हुए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने सेक्टर-25 की जनता कॉलोनी में बनी झुग्गियां गिराने पर रोक लगा दी है। स्थानीय निवासियों द्वारा झुग्गियां गिराने के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ के डीसी, चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड व केंद्रीय आवास एवं शहरी मंत्रालय को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
जनता कॉलोनी के दविंदर और अन्य स्थानीय निवासियों की ओर से एडवोकेट संजीव कुमार यादव के माध्यम से याचिका दाखिल करते हुए बताया गया कि चंडीगढ़ प्रशासन ने 3 मई को नोटिस जारी करते हुए उन्हें कॉलोनी खाली करने को कहा है। याची ने बताया कि कॉलोनी में 2000 से 2500 कच्चे घर और झुग्गियां है। इनमें करीब 4 से 6 हजार लोग रह रहे हैं। सभी करीब दो दशक से यहां रहते हैं और सबका रोजगार दिहाड़ी से चलता है। याची ने कहा कि उन्हें बिजली के कनेक्शन, सीवर व पानी आदि के कनेक्शन देकर प्रशासन इस कॉलोनी को एक तरह से मान्यता देता रहा है। यहां के निवासियों के राशन कार्ड, वोटर कार्ड, आधार कार्ड और पैन कार्ड भी इसी पते पर जारी किए हैं। इसके बावजूद अब उन्हें हटाने की तैयारी की जा रही है।
याचिकाकर्ताओं ने कहा कि उन्हें हटाने से पहले उनके रहने की वैकल्पिक व्यवस्था की जाए। जैसे अन्य कालोनियों को हटाते हुए वहां के निवासियों का पुनर्वास किया गया वैसे ही यहां के लोगों का भी पुनर्वास हो। इसपर हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ प्रशासन से पूछा कि क्या यहां से जिन लोगों को हटाया जा रहा है उनका प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पुनर्वास किया जाएगा। इस पर प्रशासन ने कहा कि इन सभी का पुनर्वास किया जाएगा। इस जवाब के बाद हाईकोर्ट ने यूटी प्रशासन को याचिका में उठाए गए हर सवाल का जवाब सौंपने का आदेश दिया है। साथ ही 1 जून तक इस कॉलोनी को गिराने पर भी रोक लगा दी है।