न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चंडीगढ़
Published by: निवेदिता वर्मा
Updated Thu, 11 Nov 2021 11:39 AM IST
पंजाब में भारत-पाक सीमा से पंजाब के भीतर 50 किमी तक बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र बढ़ाने संबंधी केंद्र सरकार के फैसले को पंजाब विधानसभा ने सर्वसम्मति से रद्द कर दिया। साथ ही सरकार ने एलान किया कि वह जल्द ही केंद्र के नोटिफिकेशन को पहले हाईकोर्ट में और फिर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी। 45 मिनट चली बहस के बाद यह प्रस्ताव सर्वसम्मति से सदन में पास हो गया। बीएसएफ के मुद्दे पर भाजपा विधायकों ने पूरी तरह से चुप्पी साधे रखी।
बुधवार को सदन में प्रस्ताव पेश करते हुए पंजाब के गृह मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि पंजाब पुलिस की देशभक्ति पर कोई भी सवाल खड़े नहीं कर सकता। केंद्र ने बीएसएफ का राज्य के भीतर दायरा बढ़ाकर पंजाब पुलिस समेत अन्य राज्यों की पुलिस पर भी अविश्वास जताया है। केंद्र सरकार तुरंत बीएसएफ संबंधी नोटिफिकेशन को वापस ले, अन्यथा पंजाब सरकार जल्द ही केंद्र के फैसले के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाएगी।
आम आदमी पार्टी के कंवर संधू ने कहा कि प्रस्ताव समर्थन योग्य है लेकिन इसमें कुछ सुधार की गुंजाइश है। उन्होंने कहा कि पंजाब में 2011-12 में बीएसएफ का दायरा 15 किमी किया गया था और तब गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखा था लेकिन तब पंजाब सरकार ने इस मामले में एतराज नहीं जताया।
अकाली नेता परमिंदर सिंह ढींढसा ने बहस में हिस्सा लेते हुए आरोप लगाया कि सीएम चन्नी गृह मंत्री से मिले थे और उन्हें जो चिट्ठी वह देकर आए हैं, उसे सार्वजनिक किया जाए। ढींढसा ने कहा कि उन्हें संदेह है कि बार्डर के हालात की जानकारी सीएम चन्नी ने ही गृहमंत्री को दी, जिस कारण बीएसएफ संबंधी फैसला लागू हुआ है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को मिलने के मुद्दे पर चन्नी ने बताया कि दोनों शख्सियतों के साथ उनकी मुलाकात एक शिष्टाचार मुलाकात थी। शायद अकाली इस बात को भूल गए हैं कि मैंने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर श्री करतारपुर साहिब गलियारा फिर खोलने पर जोर दिया है और इसके साथ-साथ तीन काले कृषि कानूनों को वापस लेने की बार-बार विनती की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सुरक्षा के मुद्दों पर केंद्र सरकार के साथ बैठकों के दौरान उन्होंने हमेशा यह एक स्वर में स्टैंड लिया है कि अंतरराष्ट्रीय सरहदों को सील किया जाना चाहिए, जिससे नशा पंजाब में दाखिल न हो सके। उन्होंने कहा कि मैंने कभी भी उनको राज्य में बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र बढ़ाने के लिए नहीं कहा, जिसके बारे में मेरे ऊपर झूठे दोष लगाए जा रहे हैं। मैं भारत सरकार के इस कदम का सख्त विरोध करता हूं।
सरकार का प्रस्ताव देश की सुरक्षा का राजनीतिकरण करना है: भाजपा
पंजाब भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अश्वनी शर्मा ने कहा है कि यह प्रस्ताव राजनीतिक अवसरवादिता और देश की सुरक्षा का राजनीतिकरण करने के बराबर है। उपमुख्यमंत्री द्वारा सदन में दिया गया बयान राष्ट्र की सीमाओं की सुरक्षा की समझ की कमी और उस चुनौती के प्रति असंवेदनशीलता को दर्शाता है।
बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र के विस्तार के साथ, राज्य पुलिस वास्तव में अपने कर्तव्यों का पालन करने की और बेहतर स्थिति में होगी, क्योंकि उसे बीएसएफ से और भी खुफिया जानकारी मिलेगी और अपराध को रोकने में भी सहायता मिलेगी। कांग्रेस द्वारा इसे भी राजनीतिक अवसरवाद लिए प्रयोग किया जाना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। इससे भी अधिक गंभीर बात यह है कांग्रेस का यह कदम राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बन गया है।
विस्तार
पंजाब में भारत-पाक सीमा से पंजाब के भीतर 50 किमी तक बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र बढ़ाने संबंधी केंद्र सरकार के फैसले को पंजाब विधानसभा ने सर्वसम्मति से रद्द कर दिया। साथ ही सरकार ने एलान किया कि वह जल्द ही केंद्र के नोटिफिकेशन को पहले हाईकोर्ट में और फिर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी। 45 मिनट चली बहस के बाद यह प्रस्ताव सर्वसम्मति से सदन में पास हो गया। बीएसएफ के मुद्दे पर भाजपा विधायकों ने पूरी तरह से चुप्पी साधे रखी।
बुधवार को सदन में प्रस्ताव पेश करते हुए पंजाब के गृह मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि पंजाब पुलिस की देशभक्ति पर कोई भी सवाल खड़े नहीं कर सकता। केंद्र ने बीएसएफ का राज्य के भीतर दायरा बढ़ाकर पंजाब पुलिस समेत अन्य राज्यों की पुलिस पर भी अविश्वास जताया है। केंद्र सरकार तुरंत बीएसएफ संबंधी नोटिफिकेशन को वापस ले, अन्यथा पंजाब सरकार जल्द ही केंद्र के फैसले के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाएगी।
आम आदमी पार्टी के कंवर संधू ने कहा कि प्रस्ताव समर्थन योग्य है लेकिन इसमें कुछ सुधार की गुंजाइश है। उन्होंने कहा कि पंजाब में 2011-12 में बीएसएफ का दायरा 15 किमी किया गया था और तब गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखा था लेकिन तब पंजाब सरकार ने इस मामले में एतराज नहीं जताया।
अकाली नेता परमिंदर सिंह ढींढसा ने बहस में हिस्सा लेते हुए आरोप लगाया कि सीएम चन्नी गृह मंत्री से मिले थे और उन्हें जो चिट्ठी वह देकर आए हैं, उसे सार्वजनिक किया जाए। ढींढसा ने कहा कि उन्हें संदेह है कि बार्डर के हालात की जानकारी सीएम चन्नी ने ही गृहमंत्री को दी, जिस कारण बीएसएफ संबंधी फैसला लागू हुआ है।