पंजाब यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन यानी पुटा के चुनाव को प्रशासन ने 8 और 9 अक्तूबर को कराने को हरी झंडी दे दी है। इसी के साथ चुनाव की तैयारियां तेज हो गई हैं। वहीं इस बार पुटा चुनाव में गलतियां ही गलतियां हो रही हैं। शुरू से लेकर आखिर तक यही हाल है। अब बैलेट पेपर प्रकाशन में बड़ी गलती सामने आई है। ग्रुप थ्री से चुनाव लड़ने वाले आठ प्रत्याशियों की सूची में पिछले साल चुनाव लड़ी निधि गौतम का नाम शामिल कर दिया गया।
उन्हें यूआईएचटीएम विभाग को बताया गया है जबकि वह यूआईएएमएस विभाग की हैं। यही नहीं इसी ग्रुप से चुनाव लड़ रहे नीरज अग्रवाल यूआईएचटीएम विभाग के शिक्षक हैं जबकि उन्हें यूआईईटी विभाग का दर्शा दिया गया। इसके अलावा कुछ अन्य गलतियां भी बताई जा रही हैं।
सूत्रों का कहना है कि यह बड़ी गलती सामने आई है। ऐसे में कैसे उम्मीद की जा सकती है कि चुनाव की प्रक्रिया बेहतर होगी? हालांकि यह बैलेट पेपर देर रात जांच में पकड़ा गया। अब यह गलतियां ठीक की जा रही हैं। इस बारे में चुनाव अधिकारी प्रो. विजय नागपाल का कहना है कि कोई गलती बैलेट पेपर में नहीं हुई है। निधि गौतम चुनाव ही नहीं लड़ रही तो उनका नाम कहां से आएगा।
कोरोना से पीड़ित शिक्षक नहीं दे पाएंगे वोट
पुटा के चुनाव में कोरोना से पीड़ित शिक्षक वोट नहीं दे पाएंगे। इन शिक्षकों के लिए ऑनलाइन या अन्य व्यवस्थाएं की जा सकती थी ताकि यह अपने मतों का प्रयोग कर सकें, लेकिन ऐसा नहीं किया। चुनाव अधिकारी को पत्र भेजा गया था लेकिन उन्होंने इस पर काम नहीं किया। इसके लिए एक मंच बनाया जाना चाहिए था क्योंकि वोट देने का हक सबका है।
सूत्रों का कहना है कि अगर चुनाव में जीत-हार पांच से दस वोटों से हुई तो इस आधार पर चुनाव के बाद शिक्षक हाईकोर्ट भी जा सकते हैं। उन्हें वहां से राहत भी मिल सकती है। हालांकि पुटा पंजीकृत संस्था नहीं है। दूसरी ओर कोरोना के चलते वोट देने वाले शिक्षकों की संख्या भी कम रहने की उम्मीद है। हालांकि प्रत्याशी सभी शिक्षकों से कह रहे हैं कि वे अपने वोट देने जरूर आएं। इस दौरान अपना पेन साथ लाएं ताकि कोरोना संक्रमण की संभावना ही न रहे।
पुटा चुनाव में वोटों की गिनती के लिए 12 लोगों को लगाया जाएगा। दोनों ग्रुपों से छह-छह लोगों के नाम मांगे गए हैं जो वोटों की गिनती करेंगे। दो दिन चुनाव होंगे। ऐसे में आठ अक्तूबर को पड़ने वाले वोटों की सुरक्षा रात को चौकस होगी। इस बार मुकाबला दोनों ही ग्रुपों में जबरदस्त है। एक तरफ जहां दिग्गज खुद चुनाव लड़ रहे हैं तो दूसरी तरफ दिग्गज अपने ग्रुप को चुनाव लड़ा रहे हैं।
इंजीनियरिंग विभाग तय करेगा प्रत्याशियों का भविष्य
पीयू का इंजीनियरिंग विभाग प्रत्याशियों का भविष्य तय करेगा। इस विभाग के पास 91 वोट हैं। खालिद ग्रुप ने अपने टॉप पदों के लिए इस ग्रुप से शिक्षकों को मैदान में उतारा है। वहीं मृत्युंजय ग्रुप ने दूसरे पदों के लिए इस विभाग के एक शिक्षक को जगह दी है। सूत्रों का कहना है कि इस विभाग में जिस ग्रुप की पकड़ मजबूत होगी। उसी की किस्मत का ताला खुल सकता है। हालांकि यूआईएलएस, फिजिक्स, इवनिंग स्टडीज आदि विभागों में भी वोटरों की संख्या काफी है।
भाजपाई रणनीति बनाने में जुटे
भाजपा से जुड़े शिक्षक पुटा चुनाव के लिए रणनीति बनाने में जुटे हैं। सूत्रों का कहना है कि इनका साथ खालिद ग्रुप को मिल सकता है। भाजपा ग्रुप के पास वोटरों की संख्या 50 से अधिक है। ऐसे में यह वोट भी जीत का आधार बनेंगे। असिस्टेंट प्रोफेसरों की संख्या सर्वाधिक है। वह पास्ट सर्विस काउंट के मुद्दे पर वोट डाल सकते हैं। सीनियर प्रोफेसरों का रुख किधर होगा, यह अभी नहीं दिख रहा है। एसोसिएट प्रोफेसरों की संख्या कम है।
पंजाब यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन यानी पुटा के चुनाव को प्रशासन ने 8 और 9 अक्तूबर को कराने को हरी झंडी दे दी है। इसी के साथ चुनाव की तैयारियां तेज हो गई हैं। वहीं इस बार पुटा चुनाव में गलतियां ही गलतियां हो रही हैं। शुरू से लेकर आखिर तक यही हाल है। अब बैलेट पेपर प्रकाशन में बड़ी गलती सामने आई है। ग्रुप थ्री से चुनाव लड़ने वाले आठ प्रत्याशियों की सूची में पिछले साल चुनाव लड़ी निधि गौतम का नाम शामिल कर दिया गया।
उन्हें यूआईएचटीएम विभाग को बताया गया है जबकि वह यूआईएएमएस विभाग की हैं। यही नहीं इसी ग्रुप से चुनाव लड़ रहे नीरज अग्रवाल यूआईएचटीएम विभाग के शिक्षक हैं जबकि उन्हें यूआईईटी विभाग का दर्शा दिया गया। इसके अलावा कुछ अन्य गलतियां भी बताई जा रही हैं।
सूत्रों का कहना है कि यह बड़ी गलती सामने आई है। ऐसे में कैसे उम्मीद की जा सकती है कि चुनाव की प्रक्रिया बेहतर होगी? हालांकि यह बैलेट पेपर देर रात जांच में पकड़ा गया। अब यह गलतियां ठीक की जा रही हैं। इस बारे में चुनाव अधिकारी प्रो. विजय नागपाल का कहना है कि कोई गलती बैलेट पेपर में नहीं हुई है। निधि गौतम चुनाव ही नहीं लड़ रही तो उनका नाम कहां से आएगा।
कोरोना से पीड़ित शिक्षक नहीं दे पाएंगे वोट
पुटा के चुनाव में कोरोना से पीड़ित शिक्षक वोट नहीं दे पाएंगे। इन शिक्षकों के लिए ऑनलाइन या अन्य व्यवस्थाएं की जा सकती थी ताकि यह अपने मतों का प्रयोग कर सकें, लेकिन ऐसा नहीं किया। चुनाव अधिकारी को पत्र भेजा गया था लेकिन उन्होंने इस पर काम नहीं किया। इसके लिए एक मंच बनाया जाना चाहिए था क्योंकि वोट देने का हक सबका है।
सूत्रों का कहना है कि अगर चुनाव में जीत-हार पांच से दस वोटों से हुई तो इस आधार पर चुनाव के बाद शिक्षक हाईकोर्ट भी जा सकते हैं। उन्हें वहां से राहत भी मिल सकती है। हालांकि पुटा पंजीकृत संस्था नहीं है। दूसरी ओर कोरोना के चलते वोट देने वाले शिक्षकों की संख्या भी कम रहने की उम्मीद है। हालांकि प्रत्याशी सभी शिक्षकों से कह रहे हैं कि वे अपने वोट देने जरूर आएं। इस दौरान अपना पेन साथ लाएं ताकि कोरोना संक्रमण की संभावना ही न रहे।