न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चंडीगढ़
Published by: निवेदिता वर्मा
Updated Thu, 04 Feb 2021 01:47 PM IST
बहुचर्चित रंजीत सिंह हत्याकांड मामले की सीबीआई कोर्ट में सुनवाई टालने की अपील वाली याचिका पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने राम रहीम को राहत देने से इनकार कर दिया है। हाईकोर्ट के इस रुख के चलते राम रहीम ने अपनी याचिका को वापस ले लिया।
राम रहीम ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर डेरा के पूर्व प्रबंधक रंजीत सिंह की हत्या के मामले की सीबीआई कोर्ट में सुनवाई चार सप्ताह तक टालने की अपील की थी। पंचकूला सीबीआई कोर्ट में इस मामले में अंतिम बहस होनी है।
राम रहीम ने याचिका में कहा कि उसका वकील गंभीर बीमारी से ग्रस्त है और उसकी कोरोना रिपोर्ट भी पॉजिटिव है। ऐसे में वह उनकी ओर से पैरवी करने में फिलहाल असमर्थ है। इसलिए उसके मामले की सुनवाई चार सप्ताह तक टाली जाए। इस बारे में याची ने सीबीआई कोर्ट में भी अर्जी दाखिल की थी लेकिन उस पर विचार नहीं किया गया।
हाईकोर्ट बार द्वारा काम निलंबित रखने के चलते दिल्ली के एक वकील ने राम रहीम की पैरवी की। कोर्ट का रुख देखने के बाद उन्होंने हाईकोर्ट से याचिका वापस लेने की छूट मांगी। हाईकोर्ट ने याचिका वापस लेने की छूट देते हुए खारिज कर दी। हाईकोर्ट ने सीबीआई कोर्ट से कहा कि यदि संभव हो तो पहले सह आरोपियों की दलीलें सुनें।
बहुचर्चित रंजीत सिंह हत्याकांड मामले की सीबीआई कोर्ट में सुनवाई टालने की अपील वाली याचिका पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने राम रहीम को राहत देने से इनकार कर दिया है। हाईकोर्ट के इस रुख के चलते राम रहीम ने अपनी याचिका को वापस ले लिया।
राम रहीम ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर डेरा के पूर्व प्रबंधक रंजीत सिंह की हत्या के मामले की सीबीआई कोर्ट में सुनवाई चार सप्ताह तक टालने की अपील की थी। पंचकूला सीबीआई कोर्ट में इस मामले में अंतिम बहस होनी है।
राम रहीम ने याचिका में कहा कि उसका वकील गंभीर बीमारी से ग्रस्त है और उसकी कोरोना रिपोर्ट भी पॉजिटिव है। ऐसे में वह उनकी ओर से पैरवी करने में फिलहाल असमर्थ है। इसलिए उसके मामले की सुनवाई चार सप्ताह तक टाली जाए। इस बारे में याची ने सीबीआई कोर्ट में भी अर्जी दाखिल की थी लेकिन उस पर विचार नहीं किया गया।
हाईकोर्ट बार द्वारा काम निलंबित रखने के चलते दिल्ली के एक वकील ने राम रहीम की पैरवी की। कोर्ट का रुख देखने के बाद उन्होंने हाईकोर्ट से याचिका वापस लेने की छूट मांगी। हाईकोर्ट ने याचिका वापस लेने की छूट देते हुए खारिज कर दी। हाईकोर्ट ने सीबीआई कोर्ट से कहा कि यदि संभव हो तो पहले सह आरोपियों की दलीलें सुनें।