चंडीगढ़। 1971 के भारत-पाक युद्ध में विजय के 50 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में 22 सितंबर को शहर भारतीय वायु के साथ जीत का जश्न मनाएगा। वायु सेना की सूर्यकिरण टीम सुखना लेक के पास शाम 4.30 बजे आसमान में करतब दिखाएगी। एयरफोर्स विमानों की तेज गड़गड़ाहट शहरवासियों को रोमांचित करेगी। इस वर्ष चंडीगढ़ एयर फोर्स स्टेशन को 50 साल हो जाएंगे, इसलिए भी ये एयर शो बेहद खास होगा।
सुखना लेक पहुंचकर भी लोग इस एयर शो का आनंद ले सकते हैं। हालांकि कोरोना के दिशा-निर्देशों को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने लोगों से आग्रह किया है कि शहरवासी इसे अपने घर की छत से ही देखें। सूर्य किरण भारतीय वायुसेना की एक एयरोबैटिक्स प्रदर्शन टीम है। साल 1996 में सूर्य किरण एयरोबैटिक्स टीम (स्कैट) की स्थापना हुई थी और यह वायुसेना की 52वें स्कवाड्रन का हिस्सा है। यह टीम कई बार 9 विमानों वाले फॉर्मेशन का प्रदर्शन कर चुकी है। विमान में डीजल का इस्तेमाल सफेद धुएं के लिए और डीजल के साथ रंग मिलाकर उसका इस्तेमाल रंगीन धुएं के लिए किया जाता है। भारतीय वायु सेना के अधिकारियों ने शुक्रवार को भी सुखना लेक का दौरा कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। चंडीगढ़ के बाद 26 सितंबर को सूर्यकिरण की यही टीम कश्मीर, 8 अक्तूबर को हिंडन और 16 अक्टूबर को पुणे में भी आसमान में करतब दिखाएगी।
तीन-तीन के समूहों में उड़ान भरेंगे 9 विमान
स्कैट टीम में 13 पायलट होते हैं, जिसमें से केवल 9 किसी भी समय उड़ान भरते हैं। स्कैट टीम का मुखिया कमांडर अधिकारी होता हो जो फॉर्मेशन का भी नेतृत्व करता है। पायलटों के अलावा टीम में फ्लाइट कमांडर, एक प्रशासक और क्वालिफाइड फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर होते हैं। आमतौर पर यह टीम एक साल में 30 शो करती है। 9 विमान तीन-तीन के समूहों में उड़ान भरते हैं और और 150 से 650 किलोमीटर प्रति घंटे रफ्तार के बीच युद्धाभ्यास करते हैं। प्रशासन की तरफ से लोगों को सलाह दी गई है कि वे कोई भी खाने योग्य वस्तु साथ न लाएं, जो पक्षियों को आकर्षित कर सकें। ये भाग लेने वाले विमानों के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं।
चंडीगढ़। 1971 के भारत-पाक युद्ध में विजय के 50 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में 22 सितंबर को शहर भारतीय वायु के साथ जीत का जश्न मनाएगा। वायु सेना की सूर्यकिरण टीम सुखना लेक के पास शाम 4.30 बजे आसमान में करतब दिखाएगी। एयरफोर्स विमानों की तेज गड़गड़ाहट शहरवासियों को रोमांचित करेगी। इस वर्ष चंडीगढ़ एयर फोर्स स्टेशन को 50 साल हो जाएंगे, इसलिए भी ये एयर शो बेहद खास होगा।
सुखना लेक पहुंचकर भी लोग इस एयर शो का आनंद ले सकते हैं। हालांकि कोरोना के दिशा-निर्देशों को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने लोगों से आग्रह किया है कि शहरवासी इसे अपने घर की छत से ही देखें। सूर्य किरण भारतीय वायुसेना की एक एयरोबैटिक्स प्रदर्शन टीम है। साल 1996 में सूर्य किरण एयरोबैटिक्स टीम (स्कैट) की स्थापना हुई थी और यह वायुसेना की 52वें स्कवाड्रन का हिस्सा है। यह टीम कई बार 9 विमानों वाले फॉर्मेशन का प्रदर्शन कर चुकी है। विमान में डीजल का इस्तेमाल सफेद धुएं के लिए और डीजल के साथ रंग मिलाकर उसका इस्तेमाल रंगीन धुएं के लिए किया जाता है। भारतीय वायु सेना के अधिकारियों ने शुक्रवार को भी सुखना लेक का दौरा कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। चंडीगढ़ के बाद 26 सितंबर को सूर्यकिरण की यही टीम कश्मीर, 8 अक्तूबर को हिंडन और 16 अक्टूबर को पुणे में भी आसमान में करतब दिखाएगी।
तीन-तीन के समूहों में उड़ान भरेंगे 9 विमान
स्कैट टीम में 13 पायलट होते हैं, जिसमें से केवल 9 किसी भी समय उड़ान भरते हैं। स्कैट टीम का मुखिया कमांडर अधिकारी होता हो जो फॉर्मेशन का भी नेतृत्व करता है। पायलटों के अलावा टीम में फ्लाइट कमांडर, एक प्रशासक और क्वालिफाइड फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर होते हैं। आमतौर पर यह टीम एक साल में 30 शो करती है। 9 विमान तीन-तीन के समूहों में उड़ान भरते हैं और और 150 से 650 किलोमीटर प्रति घंटे रफ्तार के बीच युद्धाभ्यास करते हैं। प्रशासन की तरफ से लोगों को सलाह दी गई है कि वे कोई भी खाने योग्य वस्तु साथ न लाएं, जो पक्षियों को आकर्षित कर सकें। ये भाग लेने वाले विमानों के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं।