इस ईद पर वाराणसी की शबाना, उसके भाई और नानी ने ईद पर नए कपड़े पहने। घर में सेवई बनाई। काफी लोग शबाना से मिलने भी आए। यह सब हुआ वाराणसी के डीएम के कारण। शबाना ने मोबाइल मैसेज के जरिए इस ईद पर डीएम से मदद मांगी थी।
इस संदेश पर डीएम ने जब शबाना के घर ईदी भेजी तो उसे सहसा विश्वास नहीं हुआ। शबाना की आंखों से खुशियों के आंसू निकल पड़े। शबाना ने जिस मोबाइल नंबर से डीएम को मैसेज किया था, उस मोबाइल नंबर से शबाना के घर का लोकेशन लेकर मंडुवाडीह पुलिस के साथ एसडीएम उसके घर पहुंचे।
शबाना के लिए सलवार सूट उसकी नानी के लिए साड़ी एवं उसके छोटे भाई के लिए जींस और टीशर्ट और मिठाईयां दीं। यह देख शबाना के खुशी का ठिकाना ना रहा।
उसे विश्वास ही नहीं हो रहा था कि जिलाधिकारी को मोबाइल मेसेज से अपनी व्यथा सुनाने के क्षण भर में ही उसकी समस्याओं को सुलझाने के लिए जिलाधिकारी के हाथ उसके सामने होंगे।
अब शबाना धन्यवाद कहने के लिए डीएम से मिलने जाएगी। स्नातक कर चुकी शबाना पुलिस में भर्ती होना चाहती है। वह घर पर रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही है। उसके माता-पिता का निधन हो चुका है।
दरअसल शबाना ने रविवार को डीएम योगेश्वर राम मिश्रा को मैसेज भेज कर घर की माली हालत बताई थी। कहा था कि गरीबी की वजह से उसका परिवार त्योहार नहीं मना पाएगा।
डीएम ने उसके घर एसडीएम सदर सुशील कुमार गौड़ और मंडुवाडीह पुलिस को भेजकर शबाना, उसके भाई और नानी को नए कपड़े और मिटाइयां भेजवाई।
शबाना का कहना है कि उसकी डीएम से अभी कोई बात नहीं हुई है। मोहल्ले के ही एक अधिवक्ता से उनका नंबर मिला था। अब शबाना धन्यवाद कहने के लिए डीएम से मिलने जाएगी।
इस ईद पर वाराणसी की शबाना, उसके भाई और नानी ने ईद पर नए कपड़े पहने। घर में सेवई बनाई। काफी लोग शबाना से मिलने भी आए। यह सब हुआ वाराणसी के डीएम के कारण। शबाना ने मोबाइल मैसेज के जरिए इस ईद पर डीएम से मदद मांगी थी।
इस संदेश पर डीएम ने जब शबाना के घर ईदी भेजी तो उसे सहसा विश्वास नहीं हुआ। शबाना की आंखों से खुशियों के आंसू निकल पड़े। शबाना ने जिस मोबाइल नंबर से डीएम को मैसेज किया था, उस मोबाइल नंबर से शबाना के घर का लोकेशन लेकर मंडुवाडीह पुलिस के साथ एसडीएम उसके घर पहुंचे।
शबाना के लिए सलवार सूट उसकी नानी के लिए साड़ी एवं उसके छोटे भाई के लिए जींस और टीशर्ट और मिठाईयां दीं। यह देख शबाना के खुशी का ठिकाना ना रहा।
उसे विश्वास ही नहीं हो रहा था कि जिलाधिकारी को मोबाइल मेसेज से अपनी व्यथा सुनाने के क्षण भर में ही उसकी समस्याओं को सुलझाने के लिए जिलाधिकारी के हाथ उसके सामने होंगे।
अब शबाना धन्यवाद कहने के लिए डीएम से मिलने जाएगी। स्नातक कर चुकी शबाना पुलिस में भर्ती होना चाहती है। वह घर पर रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही है। उसके माता-पिता का निधन हो चुका है।