स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, कानपुर
Published by: स्वप्निल शशांक
Updated Wed, 24 Nov 2021 11:59 PM IST
भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेले जाने वाले पहले टेस्ट मैच की मेजबानी करने वाले ग्रीनपार्क स्टेडियम के स्थानीय क्यूरेटर शिव कुमार का कहना है कि इस मैदान की पिच पर घास नहीं है लेकिन इसके टूटने (ज्यादा दरार पड़ने) की संभावना काफी कम है। पहले कई बार टीम प्रबंधन ने कुछ विशिष्ट प्रकार की पिच तैयार करने के निर्देश दिए हैं, लेकिन कुमार ने कहा कि इस बार न तो कोच राहुल द्रविड़ और न ही कप्तान रहाणे की कोई विशेष मांग थी।
पिछले दो दशक से इस मैदान में काम रहे कुमार ने कहा,‘हमें बीसीसीआई से कोई निर्देश नहीं मिला है। न ही टीम प्रबंधन से किसी ने मुझसे संपर्क करके पूरी तरह से स्पिनरों की मददगार पिच बनाने की बात कही। मैंने अच्छी पिच को ध्यान में रखते हुए एक पिच तैयार की है। यह नवंबर का महीना है और दुनिया के इस हिस्से में इस समय पिच में थोड़ी नमी होगी। मैं आपको इस बात के लिए आश्वस्त कर सकता हूं कि यह पिच जल्दी टूटेगी नहीं।’
कानपुर में 2016 में खेला गया भारत और न्यूजीलैंड का टेस्ट मैच पांचवें दिन तक चला था। पिछले कुछ समय से ज्यादातर विदेशी टीमें स्पिनरों के अनुकूल पिचों में तीन दिन में ही घुटने टेक दे रही हैं। कुमार ने तीन दिन के अंदर मैच खत्म होने के बारे में कहा कि इसके लिए सिर्फ पिचें ही जिम्मेदार नहीं हैं। टी20 क्रिकेट के कारण बैटरों के स्पिनरों को खेलने का तरीका भी एक वजह है।
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भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेले जाने वाले पहले टेस्ट मैच की मेजबानी करने वाले ग्रीनपार्क स्टेडियम के स्थानीय क्यूरेटर शिव कुमार का कहना है कि इस मैदान की पिच पर घास नहीं है लेकिन इसके टूटने (ज्यादा दरार पड़ने) की संभावना काफी कम है। पहले कई बार टीम प्रबंधन ने कुछ विशिष्ट प्रकार की पिच तैयार करने के निर्देश दिए हैं, लेकिन कुमार ने कहा कि इस बार न तो कोच राहुल द्रविड़ और न ही कप्तान रहाणे की कोई विशेष मांग थी।
पिछले दो दशक से इस मैदान में काम रहे कुमार ने कहा,‘हमें बीसीसीआई से कोई निर्देश नहीं मिला है। न ही टीम प्रबंधन से किसी ने मुझसे संपर्क करके पूरी तरह से स्पिनरों की मददगार पिच बनाने की बात कही। मैंने अच्छी पिच को ध्यान में रखते हुए एक पिच तैयार की है। यह नवंबर का महीना है और दुनिया के इस हिस्से में इस समय पिच में थोड़ी नमी होगी। मैं आपको इस बात के लिए आश्वस्त कर सकता हूं कि यह पिच जल्दी टूटेगी नहीं।’
कानपुर में 2016 में खेला गया भारत और न्यूजीलैंड का टेस्ट मैच पांचवें दिन तक चला था। पिछले कुछ समय से ज्यादातर विदेशी टीमें स्पिनरों के अनुकूल पिचों में तीन दिन में ही घुटने टेक दे रही हैं। कुमार ने तीन दिन के अंदर मैच खत्म होने के बारे में कहा कि इसके लिए सिर्फ पिचें ही जिम्मेदार नहीं हैं। टी20 क्रिकेट के कारण बैटरों के स्पिनरों को खेलने का तरीका भी एक वजह है।