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Ravi Shastri on Virat Kohli: Former coach Ravi Shastri defends Kohli, compares him with Ganguly and Dravid for not winning the World Cup
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Ravi Shastri on Kohli: पूर्व कोच रवि शास्त्री ने विराट कोहली का किया बचाव, गांगुली-द्रविड़ से भी की तुलना
स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, मस्कट
Published by: स्वप्निल शशांक
Updated Tue, 25 Jan 2022 11:54 AM IST
सार
शास्त्री ने ओमान के मस्कट में खेले जा रहे लीजेंड्स क्रिकेट लीग के दौरान कहा कि सचिन तेंदुलकर जैसे महान खिलाड़ी ने भी छह विश्व कप खेले थे, तब जाकर एक में जीत मिली थी।
रवि शास्त्री और विराट कोहली
- फोटो : सोशल मीडिया
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पिछले चार-पांच महीने में भारतीय क्रिकेट में बड़े बदलाव देखने को मिले हैं। विराट कोहली ने तीनों प्रारूप की कप्तानी छोड़ दी। साथ ही टी-20 विश्व कप के बाद हेड कोच रवि शास्त्री ने भी कोच पद से इस्तीफा दे दिया। रोहित शर्मा वनडे और टी-20 के नए कप्तान बने। वहीं राहुल द्रविड़ को हेड कोच बनाया गया। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) अब टेस्ट में भी नए कप्तान की तलाश कर रहा है।
तेंदुलकर को सातवें विश्व कप में मिली जीत
हालांकि, पूर्व कोच रवि शास्त्री नहीं चाहते थे कि विराट कोहली टेस्ट की कप्तानी छोड़ें। उन्होंने इस बात का जिक्र रविवार को अपने बयान में भी किया था। अब उन्होंने कोहली की कप्तानी में कोई भी आईसीसी ट्रॉफी नहीं जीत पाने पर भी बचाव किया है। शास्त्री ने ओमान के मस्कट में खेले जा रहे लीजेंड्स क्रिकेट लीग के दौरान कहा कि सचिन तेंदुलकर जैसे महान खिलाड़ी ने भी छह विश्व कप खेले थे, तब जाकर एक में जीत मिली थी। शास्त्री लीजेंड्स क्रिकेट लीग के कमिश्नर हैं। इस टी-20 लीग में संन्यास ले चुके खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं।
गांगुली-द्रविड़ कभी विश्व कप नहीं जीत पाए
शास्त्री ने कहा- कई पूर्व भारतीय दिग्गज खिलाड़ी जैसे सौरवा गांगुली, अनिल कुंबले, राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण कभी अपने करियर में विश्व कप नहीं जीत सके। इसका यह मतलब नहीं कि वह खराब खिलाड़ी थे। आप इस विषय पर किसी को निशाना नहीं बना सकते। हमारे पास विश्व कप जीतने वाले सिर्फ दो कप्तान हैं- कपिल देव और एमएस धोनी। इसके साथ ही शास्त्री ने किसी खिलाड़ी पर कोई टिप्पणी करने से भी इनकार कर दिया।
किसी भी खिलाड़ी पर टिप्पणी से किया इनकार
यह पूछे जाने पर कि क्या कप्तानी छोड़ने के बाद कोहली के खेल में परिवर्तन आया है। शास्त्री ने कहा- मैंने दक्षिण अफ्रीका सीरीज का कोई भी मैच नहीं देखा, लेकिन मुझे नहीं लगता कि इससे विराट कोहली में कुछ बदलाव आएगा। मैं टीम के साथ सात साल रहा हूं और मैं एक बात साफ करना चाहता हूं कि मैं सार्वजनिक तौर पर कुछ बोलकर विवाद नहीं खड़ा करना चाहता। मेरा जो काम था मैंने कर दिया। जिस दिन मेरा काम खत्म हुआ, उस दिन कुछ बोलना भी बंद। मैं अपने किसी भी खिलाड़ी के बारे में कुछ भी सार्वजनिक तौर पर नहीं बोलना चाहता।
शास्त्री सात साल तक टीम इंडिया से जुड़े रहे
शास्त्री 2014 में डायरेक्टर के तौर पर टीम इंडिया से जुड़े थे। इसके बाद 2017 में वह हेड कोच बने। शास्त्री और कोहली के रहते टीम इंडिया कोई भी आईसीसी ट्रॉफी नहीं जीत पाई। हालांकि, टीम टेस्ट में विश्व नंबर एक जरूर बनी। 2019 वनडे विश्व कप में टीम सेमीफाइनल में बाहर हो गई थी। वहीं, 2021 में विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में न्यूजीलैंड ने भारत को हराया था। पिछले साल ही हुए टी-20 विश्व कप में भारत को सुपर-12 राउंड से बाहर होना पड़ा था। कोहली ने टी-20 विश्व कप के बाद इस फॉर्मेट की कप्तानी से इस्तीफा दे दिया था। वहीं, वनडे में उन्हें कप्तानी से हटाया गया। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज के बाद कोहली ने टेस्ट कप्तानी भी छोड़ दी।
कोहली अपनी बैटिंग पर ध्यान देना चाहते हैं
टेस्ट सीरीज में हार पर शास्त्री ने कहा कि जब भी टीम एक सीरीज हारती है, लोग आलोचना करने लगते हैं। कोई भी टीम सारे मैच नहीं जीत सकती। हार और जीत इस खेल का हिस्सा है। कोहली के कप्तानी छोड़ने पर शास्त्री ने कहा- यह उनका निजी फैसला है और हमें इसका सम्मान करना चाहिए। हर चीज का एक समय होता है। कई पूर्व कप्तानों ने अपने पद से इस्तीफा दिया और बल्लेबाजी पर पूरा ध्यान लगाया। चाहे वह सुनील गावस्कर हों या सचिन तेंदुलकर या एमएस धोनी। अब विराट का समय है।
कोहली-बीसीसीआई मुद्दे पर कोई टिप्पणी नहीं
शास्त्री ने कोहली और बीसीसीआई के बीच हुए विवाद पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि संवाद बहुत जरूरी है। मुझे नहीं पता दोनों के बीच क्या मामला है। मैं इस संवाद का हिस्सा नहीं था। मैं इस मामले पर दोनों से बातचीत करने से पहले कुछ भी नहीं कह सकता। इसलिए अगर मेरे पास पूरी जानकारी नहीं है, तो बेहतर है कि मैं अपना मुंह बंद रखूं। जब पूरी जानकारी मिल जाएगी, तब इस पर कुछ बोल सकूंगा।
बतौर हेड कोच रवि शास्त्री की उपलब्धियां
ऑस्ट्रेलिया को उनकी जमीन पर टेस्ट में दो बार हराया।
40 महीने तक टेस्ट रैंकिंग में नंबर-1 रही भारतीय टीम।
टेस्ट में टीम इंडिया की रिकॉर्ड सात लगातार जीत।
दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया में व्हाइट बॉल सीरीज में जीत।
लगातार चार टेस्ट मैचों में पारी से जीत हासिल करने वाली पहली टीम बनी भारत।
विस्तार
पिछले चार-पांच महीने में भारतीय क्रिकेट में बड़े बदलाव देखने को मिले हैं। विराट कोहली ने तीनों प्रारूप की कप्तानी छोड़ दी। साथ ही टी-20 विश्व कप के बाद हेड कोच रवि शास्त्री ने भी कोच पद से इस्तीफा दे दिया। रोहित शर्मा वनडे और टी-20 के नए कप्तान बने। वहीं राहुल द्रविड़ को हेड कोच बनाया गया। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) अब टेस्ट में भी नए कप्तान की तलाश कर रहा है।
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तेंदुलकर को सातवें विश्व कप में मिली जीत
हालांकि, पूर्व कोच रवि शास्त्री नहीं चाहते थे कि विराट कोहली टेस्ट की कप्तानी छोड़ें। उन्होंने इस बात का जिक्र रविवार को अपने बयान में भी किया था। अब उन्होंने कोहली की कप्तानी में कोई भी आईसीसी ट्रॉफी नहीं जीत पाने पर भी बचाव किया है। शास्त्री ने ओमान के मस्कट में खेले जा रहे लीजेंड्स क्रिकेट लीग के दौरान कहा कि सचिन तेंदुलकर जैसे महान खिलाड़ी ने भी छह विश्व कप खेले थे, तब जाकर एक में जीत मिली थी। शास्त्री लीजेंड्स क्रिकेट लीग के कमिश्नर हैं। इस टी-20 लीग में संन्यास ले चुके खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं।
गांगुली-द्रविड़ कभी विश्व कप नहीं जीत पाए
शास्त्री ने कहा- कई पूर्व भारतीय दिग्गज खिलाड़ी जैसे सौरवा गांगुली, अनिल कुंबले, राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण कभी अपने करियर में विश्व कप नहीं जीत सके। इसका यह मतलब नहीं कि वह खराब खिलाड़ी थे। आप इस विषय पर किसी को निशाना नहीं बना सकते। हमारे पास विश्व कप जीतने वाले सिर्फ दो कप्तान हैं- कपिल देव और एमएस धोनी। इसके साथ ही शास्त्री ने किसी खिलाड़ी पर कोई टिप्पणी करने से भी इनकार कर दिया।
किसी भी खिलाड़ी पर टिप्पणी से किया इनकार
यह पूछे जाने पर कि क्या कप्तानी छोड़ने के बाद कोहली के खेल में परिवर्तन आया है। शास्त्री ने कहा- मैंने दक्षिण अफ्रीका सीरीज का कोई भी मैच नहीं देखा, लेकिन मुझे नहीं लगता कि इससे विराट कोहली में कुछ बदलाव आएगा। मैं टीम के साथ सात साल रहा हूं और मैं एक बात साफ करना चाहता हूं कि मैं सार्वजनिक तौर पर कुछ बोलकर विवाद नहीं खड़ा करना चाहता। मेरा जो काम था मैंने कर दिया। जिस दिन मेरा काम खत्म हुआ, उस दिन कुछ बोलना भी बंद। मैं अपने किसी भी खिलाड़ी के बारे में कुछ भी सार्वजनिक तौर पर नहीं बोलना चाहता।
शास्त्री सात साल तक टीम इंडिया से जुड़े रहे
शास्त्री 2014 में डायरेक्टर के तौर पर टीम इंडिया से जुड़े थे। इसके बाद 2017 में वह हेड कोच बने। शास्त्री और कोहली के रहते टीम इंडिया कोई भी आईसीसी ट्रॉफी नहीं जीत पाई। हालांकि, टीम टेस्ट में विश्व नंबर एक जरूर बनी। 2019 वनडे विश्व कप में टीम सेमीफाइनल में बाहर हो गई थी। वहीं, 2021 में विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में न्यूजीलैंड ने भारत को हराया था। पिछले साल ही हुए टी-20 विश्व कप में भारत को सुपर-12 राउंड से बाहर होना पड़ा था। कोहली ने टी-20 विश्व कप के बाद इस फॉर्मेट की कप्तानी से इस्तीफा दे दिया था। वहीं, वनडे में उन्हें कप्तानी से हटाया गया। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज के बाद कोहली ने टेस्ट कप्तानी भी छोड़ दी।
कोहली अपनी बैटिंग पर ध्यान देना चाहते हैं
टेस्ट सीरीज में हार पर शास्त्री ने कहा कि जब भी टीम एक सीरीज हारती है, लोग आलोचना करने लगते हैं। कोई भी टीम सारे मैच नहीं जीत सकती। हार और जीत इस खेल का हिस्सा है। कोहली के कप्तानी छोड़ने पर शास्त्री ने कहा- यह उनका निजी फैसला है और हमें इसका सम्मान करना चाहिए। हर चीज का एक समय होता है। कई पूर्व कप्तानों ने अपने पद से इस्तीफा दिया और बल्लेबाजी पर पूरा ध्यान लगाया। चाहे वह सुनील गावस्कर हों या सचिन तेंदुलकर या एमएस धोनी। अब विराट का समय है।
कोहली-बीसीसीआई मुद्दे पर कोई टिप्पणी नहीं
शास्त्री ने कोहली और बीसीसीआई के बीच हुए विवाद पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि संवाद बहुत जरूरी है। मुझे नहीं पता दोनों के बीच क्या मामला है। मैं इस संवाद का हिस्सा नहीं था। मैं इस मामले पर दोनों से बातचीत करने से पहले कुछ भी नहीं कह सकता। इसलिए अगर मेरे पास पूरी जानकारी नहीं है, तो बेहतर है कि मैं अपना मुंह बंद रखूं। जब पूरी जानकारी मिल जाएगी, तब इस पर कुछ बोल सकूंगा।
बतौर हेड कोच रवि शास्त्री की उपलब्धियां
ऑस्ट्रेलिया को उनकी जमीन पर टेस्ट में दो बार हराया।
40 महीने तक टेस्ट रैंकिंग में नंबर-1 रही भारतीय टीम।
टेस्ट में टीम इंडिया की रिकॉर्ड सात लगातार जीत।
दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया में व्हाइट बॉल सीरीज में जीत।
लगातार चार टेस्ट मैचों में पारी से जीत हासिल करने वाली पहली टीम बनी भारत।
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