भारतीय क्रिकेट टीम के हेड कोच रवि शास्त्री ने माना है कि टी-20 विश्व कप के दौरान भारतीय टीम मानसिक और शारीरिक रूप से परेशान थी और बड़े मैचों में दबाव के समय टीम जीत के लिए बेहतर प्रयास नहीं कर सकी। नामीबिया के खिलाफ मैच के बाद शास्त्री का हेड कोच के रूप में कार्यकाल खत्म हो रहा है। शास्त्री ने कहा कि उनके बाद नए कोच राहुल द्रविड़ अपने रुत्बे और अनुभव के साथ टीम को नए स्तर पर ले जाएंगे।
मानसिक रूप से थक गए हैं शास्त्री
शास्त्री से जब पूछा गया कि वह टी-20 विश्व कप के बाद क्या करेंगे? इसके जवाब में उन्होंने कहा- फिलहाल तो मैं आराम के बारे में सोच रहा हूं। मानसिक रूप से थक गया हूं। मेरी उम्र के हिसाब से ऐसा हो सकता है। खिलाड़ी भी छह महीने बायो बबल में रहने के बाद मानसिक और शारीरिक रूप से थक गए हैं। भारतीय टीम में खिलाड़ी हैं मशीन नहीं। आप मशीन में पेट्रोल डालकर चला सकते हैं, लेकिन हमारे खिलाड़ी इंसान हैं।
आईपीएल और विश्व कप में अंतराल होना चाहिए था
शास्त्री ने कहा- आईपीएल और विश्व कप के बीच में अंतराल होना चाहिए था। इन हालात में जब आप पर दबाव आता है तो आप उतना बेहतर नहीं कर पाते जितना आपको करना चाहिए। यह कोई बहाना नहीं है और हम हार से नहीं डरते। कई बार जीत के प्रयास में हार जाते हैं, लेकिन यहां तो हम जीत के पूरे प्रयास ही नहीं कर पाए, क्योंकि एक्स फैक्टर की कमी थी। आईसीसी को टूर्नामेंट को शेड्यूल करने से पहले ये सोचना चाहिए था।
ऑस्ट्रेलिया से टेस्ट सीरीज जीत बड़ी उपलब्धि
यह पूछने पर कि उनके कोचिंग की बड़ी उपलब्धियां क्या रहीं? इस पर शास्त्री ने कहा- ऑस्ट्रेलिया में दो बार टेस्ट सीरीज जीतना और इंग्लैंड के खिलाफ उनके ही घर में जाकर दबाव बनाना शानदार रहा। 70 साल में कोई भी टीम ऑस्ट्रेलिया में ऐसा नहीं कर सकी थी।
2017 में बने थे टीम इंडिया के कोच
रवि शास्त्री साल 2017 में टीम इंडिया के हेड कोच बने थे। उनकी कोचिंग में भारतीय टीम ने 2019 के वनडे वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल और 2021 के वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल तक का सफर तय किया था। हालांकि, वह कभी टीम इंडिया को आईसीसी ट्रॉफी नहीं दिला सके।
विस्तार
भारतीय क्रिकेट टीम के हेड कोच रवि शास्त्री ने माना है कि टी-20 विश्व कप के दौरान भारतीय टीम मानसिक और शारीरिक रूप से परेशान थी और बड़े मैचों में दबाव के समय टीम जीत के लिए बेहतर प्रयास नहीं कर सकी। नामीबिया के खिलाफ मैच के बाद शास्त्री का हेड कोच के रूप में कार्यकाल खत्म हो रहा है। शास्त्री ने कहा कि उनके बाद नए कोच राहुल द्रविड़ अपने रुत्बे और अनुभव के साथ टीम को नए स्तर पर ले जाएंगे।
मानसिक रूप से थक गए हैं शास्त्री
शास्त्री से जब पूछा गया कि वह टी-20 विश्व कप के बाद क्या करेंगे? इसके जवाब में उन्होंने कहा- फिलहाल तो मैं आराम के बारे में सोच रहा हूं। मानसिक रूप से थक गया हूं। मेरी उम्र के हिसाब से ऐसा हो सकता है। खिलाड़ी भी छह महीने बायो बबल में रहने के बाद मानसिक और शारीरिक रूप से थक गए हैं। भारतीय टीम में खिलाड़ी हैं मशीन नहीं। आप मशीन में पेट्रोल डालकर चला सकते हैं, लेकिन हमारे खिलाड़ी इंसान हैं।
आईपीएल और विश्व कप में अंतराल होना चाहिए था
शास्त्री ने कहा- आईपीएल और विश्व कप के बीच में अंतराल होना चाहिए था। इन हालात में जब आप पर दबाव आता है तो आप उतना बेहतर नहीं कर पाते जितना आपको करना चाहिए। यह कोई बहाना नहीं है और हम हार से नहीं डरते। कई बार जीत के प्रयास में हार जाते हैं, लेकिन यहां तो हम जीत के पूरे प्रयास ही नहीं कर पाए, क्योंकि एक्स फैक्टर की कमी थी। आईसीसी को टूर्नामेंट को शेड्यूल करने से पहले ये सोचना चाहिए था।
ऑस्ट्रेलिया से टेस्ट सीरीज जीत बड़ी उपलब्धि
यह पूछने पर कि उनके कोचिंग की बड़ी उपलब्धियां क्या रहीं? इस पर शास्त्री ने कहा- ऑस्ट्रेलिया में दो बार टेस्ट सीरीज जीतना और इंग्लैंड के खिलाफ उनके ही घर में जाकर दबाव बनाना शानदार रहा। 70 साल में कोई भी टीम ऑस्ट्रेलिया में ऐसा नहीं कर सकी थी।
2017 में बने थे टीम इंडिया के कोच
रवि शास्त्री साल 2017 में टीम इंडिया के हेड कोच बने थे। उनकी कोचिंग में भारतीय टीम ने 2019 के वनडे वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल और 2021 के वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल तक का सफर तय किया था। हालांकि, वह कभी टीम इंडिया को आईसीसी ट्रॉफी नहीं दिला सके।