ऑस्ट्रेलिया ने टी-20 विश्वकप के फाइनल में न्यूजीलैंड को हराकार पहली बार टी-20 वर्ल्डकप की ट्राफी पर कब्जा जमाया। इस टूर्नामेंट की शुरुआत में ऑस्ट्रेलिया की टीम को कमजोर माना जा रहा था और कई अहम खिलाड़ी फॉर्म में नहीं थे। शुरुआत में कोई भी यह मानने के लिए तैयार नहीं था कि यह टीम फाइनल जीत सकती है। इसके बाद डेविड वार्नर सहित कई खिलाड़ियों ने अपनी लय पकड़ी और कंगारु टीम को कई अहम मैच जिताए। यहां हम ऐसे ही पांच खिलाड़ियों के बारे में बता रहे हैं, जिनकी बदौलत ऑस्ट्रेलिया ने यह ट्राफी जीती है।
बल्लेबाजी में डेविड वार्नर और मिशेल मार्श का योगदान सबसे ज्यादा रहा है तो गेंदबाजी में जोश हेजलवुड और एडम जाम्पा ने सबसे ज्यादा योगदान दिया। वहीं सेमीफाइनल में मैथ्यू वेड की एक पारी ने उन्हें ऑस्ट्रेलिया का नया स्टार बना दिया।
डेविड वार्नर
आईसीसी टी-20 विश्व कप में डेविड वार्नर ने अपनी टीम के लिए शानदार प्रदर्शन किया। वो वर्ल्ड कप में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले दूसरे बल्लेबाज हैं। इस विश्व कप में उन्होंने 14, 65, 1, 18, 89, 49 और 53 रनों की पारियां खेलते हुए कुल 289 रन बनाए। उनके इस बेहतरीन परफॉर्मेंस के देखते हुए उन्हें प्लेयर ऑफ द सीरीज का खिताब भी दिया गया। खासकर नॉकआउट मैचों में उन्होंने दो अहम पारियां खेली और अपनी टीम की जीत की नींव रखी।
मिशेल मार्श
ऑस्ट्रेलिया ने इस टूर्नामेंट में ऑलराउंडर मिशेल मार्श को तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने का मौका दिया। मार्श ने इस टूर्नामेंट में उसी अंदाज में बल्लेबाजी भी की। उन्होंने पांच पारियों में 61 के औसत और 146 के स्ट्राइक रेट से 185 रन बनाए। फाइनल मैच में भी उन्होंने शानदार बल्लेबाजी की और 50 गेंद में 77 रनों की नाबाद पारी खेली। इस शानदार प्रदर्शन की बदौलत उन्हें फाइनल मैच में प्लेयर ऑफ द मैच का खिताब भी दिया गया।
एडम जाम्पा
यह टी-20 वर्ल्डकप लेग स्पिन गेंदबाजों के नाम रहा है। क्वालीफाइंग राउंड से लेकर सुपर-12 तक लेग स्पिन गेंदबाजों ने खूब विकेट चटकाए हैं। ऑस्ट्रेलिया के एडम जाम्पा का नाम भी इनमें शामिल है। उन्होंने सात मैचों में 13 विकेट अपने नाम किए हैं और इस टूर्नामेंट संयुक्त रूप से दूसरे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं। न्यूजीलैंड के ट्रेंड बोल्ट ने भी 13 विकेट लिए हैं। वहीं जाम्पा की इकोनॉमी 5.81 की रही है। उन्होंने हर 13वीं गेंद पर विकेट निकाला है। इस वजह से बीच के ओवरों में विपक्षी बल्लेबाज न तो रन बना पाए और न ही क्रीज पर टिककर बल्लेबाजी कर सके।
जोश हेजलवुड
ऑस्ट्रेलिया की टीम में जोश हेजलवुड को तीसरे तेज गेंदबाज के रूप में शामिल किया गया था। हालांकि जब वो मैदान में उतरे तो उन्होंने यह साबित किया कि वो टीम के प्रमुख तेज गेंदबाज हैं। उन्होंने आईपीएल 2021 में भी शानदार गेंदबाजी की थी और उस लय को बरकरार रखते हुए सात मैचों में 11 विकेट अपने नाम किए। उन्होंने 7.29 की इकोनॉमी से रन दिए, लेकिन हर 13वीं गेंद पर विकेट भी निकाला। उन्होंने कई मैचों में विपक्षी टीम को शुरुआती झटके दिए और पावरप्ले में उन्हें बड़ा स्कोर बनाने से रोका।
मैथ्यू वेड
वेड ने इस टूर्नामेंट में सिर्फ 74 रन ही बनाए, लेकिन उनका औसत भी 74 का ही रहा। इससे साफ होता है कि उन्हें ज्यादा बल्लेबाजी करने का मौका नहीं मिला। तीन पारियों में वेड ने सिर्फ 45 गेंद खेली, लेकिन इतने में ही उन्होंने कमाल की बल्लेबाजी की। सेमीफाइनल मैच में उन्होंने 41 रनों की बेहतरीन पारी खेली और शाहीन अफरीदी की तीन गेंद में लगातार तीन छक्के लगाकर पाकिस्तान के मुंह से जीत छीन ली। वेड की बदौलत ही कंगारू टीम फाइनल में जगह बना पाई थी।
विस्तार
ऑस्ट्रेलिया ने टी-20 विश्वकप के फाइनल में न्यूजीलैंड को हराकार पहली बार टी-20 वर्ल्डकप की ट्राफी पर कब्जा जमाया। इस टूर्नामेंट की शुरुआत में ऑस्ट्रेलिया की टीम को कमजोर माना जा रहा था और कई अहम खिलाड़ी फॉर्म में नहीं थे। शुरुआत में कोई भी यह मानने के लिए तैयार नहीं था कि यह टीम फाइनल जीत सकती है। इसके बाद डेविड वार्नर सहित कई खिलाड़ियों ने अपनी लय पकड़ी और कंगारु टीम को कई अहम मैच जिताए। यहां हम ऐसे ही पांच खिलाड़ियों के बारे में बता रहे हैं, जिनकी बदौलत ऑस्ट्रेलिया ने यह ट्राफी जीती है।
बल्लेबाजी में डेविड वार्नर और मिशेल मार्श का योगदान सबसे ज्यादा रहा है तो गेंदबाजी में जोश हेजलवुड और एडम जाम्पा ने सबसे ज्यादा योगदान दिया। वहीं सेमीफाइनल में मैथ्यू वेड की एक पारी ने उन्हें ऑस्ट्रेलिया का नया स्टार बना दिया।
डेविड वार्नर
आईसीसी टी-20 विश्व कप में डेविड वार्नर ने अपनी टीम के लिए शानदार प्रदर्शन किया। वो वर्ल्ड कप में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले दूसरे बल्लेबाज हैं। इस विश्व कप में उन्होंने 14, 65, 1, 18, 89, 49 और 53 रनों की पारियां खेलते हुए कुल 289 रन बनाए। उनके इस बेहतरीन परफॉर्मेंस के देखते हुए उन्हें प्लेयर ऑफ द सीरीज का खिताब भी दिया गया। खासकर नॉकआउट मैचों में उन्होंने दो अहम पारियां खेली और अपनी टीम की जीत की नींव रखी।
मिशेल मार्श
ऑस्ट्रेलिया ने इस टूर्नामेंट में ऑलराउंडर मिशेल मार्श को तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने का मौका दिया। मार्श ने इस टूर्नामेंट में उसी अंदाज में बल्लेबाजी भी की। उन्होंने पांच पारियों में 61 के औसत और 146 के स्ट्राइक रेट से 185 रन बनाए। फाइनल मैच में भी उन्होंने शानदार बल्लेबाजी की और 50 गेंद में 77 रनों की नाबाद पारी खेली। इस शानदार प्रदर्शन की बदौलत उन्हें फाइनल मैच में प्लेयर ऑफ द मैच का खिताब भी दिया गया।
एडम जाम्पा
यह टी-20 वर्ल्डकप लेग स्पिन गेंदबाजों के नाम रहा है। क्वालीफाइंग राउंड से लेकर सुपर-12 तक लेग स्पिन गेंदबाजों ने खूब विकेट चटकाए हैं। ऑस्ट्रेलिया के एडम जाम्पा का नाम भी इनमें शामिल है। उन्होंने सात मैचों में 13 विकेट अपने नाम किए हैं और इस टूर्नामेंट संयुक्त रूप से दूसरे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं। न्यूजीलैंड के ट्रेंड बोल्ट ने भी 13 विकेट लिए हैं। वहीं जाम्पा की इकोनॉमी 5.81 की रही है। उन्होंने हर 13वीं गेंद पर विकेट निकाला है। इस वजह से बीच के ओवरों में विपक्षी बल्लेबाज न तो रन बना पाए और न ही क्रीज पर टिककर बल्लेबाजी कर सके।
जोश हेजलवुड
ऑस्ट्रेलिया की टीम में जोश हेजलवुड को तीसरे तेज गेंदबाज के रूप में शामिल किया गया था। हालांकि जब वो मैदान में उतरे तो उन्होंने यह साबित किया कि वो टीम के प्रमुख तेज गेंदबाज हैं। उन्होंने आईपीएल 2021 में भी शानदार गेंदबाजी की थी और उस लय को बरकरार रखते हुए सात मैचों में 11 विकेट अपने नाम किए। उन्होंने 7.29 की इकोनॉमी से रन दिए, लेकिन हर 13वीं गेंद पर विकेट भी निकाला। उन्होंने कई मैचों में विपक्षी टीम को शुरुआती झटके दिए और पावरप्ले में उन्हें बड़ा स्कोर बनाने से रोका।
मैथ्यू वेड
वेड ने इस टूर्नामेंट में सिर्फ 74 रन ही बनाए, लेकिन उनका औसत भी 74 का ही रहा। इससे साफ होता है कि उन्हें ज्यादा बल्लेबाजी करने का मौका नहीं मिला। तीन पारियों में वेड ने सिर्फ 45 गेंद खेली, लेकिन इतने में ही उन्होंने कमाल की बल्लेबाजी की। सेमीफाइनल मैच में उन्होंने 41 रनों की बेहतरीन पारी खेली और शाहीन अफरीदी की तीन गेंद में लगातार तीन छक्के लगाकर पाकिस्तान के मुंह से जीत छीन ली। वेड की बदौलत ही कंगारू टीम फाइनल में जगह बना पाई थी।