कोरोना वायरस से लोगों के बचाव के लिए देहरादून के ऐतिहासिक श्री झंडे जी मेले का समापन कर दिया है। दरबार साहिब के महंत देवेंद्र दास जी महाराज ने रविवार को मेले के समापन की घोषणा की। एक महीने तक चलने वाले इस मेले को कोरोना के चलते तीसरे दिन ही खत्म करना पड़ा है।
श्री दरबार साहिब के वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी भूपेंद्र रतूड़ी ने बताया कि कोरोना वायरस बढ़ रहा है। इस वायरस को फैलने से रोकने के लिए झंडे जी मेले का रविवार को समापन कर दिया गया है। मेले में भीड़ उमड़ रही थी।
इससे कोरोना वायरस फैलने की आशंका ज्यादा थी। इसे देखते हुए सभी स्टॉल हटा दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि ऐतिहासिक मेला 13 मार्च को झंडेजी आरोहण के साथ शुरू हुआ था। मेले को एक महीने तक चलना था, लेकिन महंत देवेंद्र दास जी महाराज ने लोगों की सुरक्षा को देखते हुए यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।
पुष्प वर्षा से हुआ नगर परिक्रमा का स्वागत
श्री झंडे जी के आरोहण के बाद रविवार को ऐतिहासिक नगर परिक्रमा निकाली गई। नगर परिक्रमा में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। नगर परिक्रमा पर जगह-जगह पुष्प वर्षा की गई और महाराज जी के जयकारे गूंजते रहे। ढोल-नगाड़ों की थाप श्रद्धालुओं में ऊर्जा का संचार करती रही।
रविवार सुबह श्री दरबार साहिब से श्री गुरु राम राय दरबार साहिब के महंत देवेंद्र दास जी महाराज की अगुवाई में नगर परिक्रमा शुरू हुई। नगर परिक्रमा में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया। शबद-कीर्तनों में गुरु की महिमा का बखान किया गया।
लाई-लाई बाबो ने फुलां दी बरखा लाई.., आज दी घड़ी बाबा जी रोज-रोज आवे.., मेला खुशियां दां आंदा हैं.., फुल बरसांदी जांवा राह तेरी आवे.., हर इक दी ओ सुणदां.. सबद गान किए। महाराज जी के जयकारो लगते रहे। कई जगहों पर शहरवासियों ने ऐतिहासिक नगर परिक्रमा का पुष्प वर्षा से स्वागत किया।
फूलों के बिछावन पर नगर परिक्रमा गुजरती रही। यहां से परिक्रमा कांवली रोड होते हुए एसजीआरआर स्कूल बिंदाल पहुंची। यहां संगतों को चने, मुरमुरे व गुड़ का प्रसाद वितरित किया। यहां से परिक्रमा तिलक रोड, टैगोर विला, घंटाघर पहुंची। यहां से लक्खीबाग होते हुए श्री दरबार साहिब में परिक्रमा संपन्न हुई। ढोल-नगाड़ों की थाप पर श्रद्धालु जमकर थिरके।
श्री दरबार साहिब के सज्जादानशीन महंत देवेंद्र दास जी महाराज ने संगतों को अतिथि देवो भव: का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि श्री झंडे जी मेले में अतिथियों को भगवान का रूप समझा जाता है। लोगों की आवभगत में कोई कमी छोड़ी नहीं जाती। महाराज जी ने श्री झंडे जी मेले को दूनवासियों से सहयोग एवं प्रेम मिलता है।
मातावाला बाग में हो सकता है श्री झंडा आरोहण
श्री झंडा मेला आयोजन समिति की ओर से रविवार को महत्वपूर्ण बैठक की गई, जिसमें पदाधिकारी, सदस्यों व संगतों ने अगले वर्ष का श्री झंडा आरोहण मातावाला बाग में कराए जाने की संभावनाओं पर विचार किया। कहा गया कि वर्तमान में श्री दरबार साहिब के परिसर में पर्याप्त स्थान न होने के कारण दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
सुरक्षा व आमजनों की सुविधाओं की दृष्टि से झंडा आरोहण का स्थान बदले जाने पर विचार किया गया। हालांकि, बैठक में इसे लेकर सहमति नहीं बन सकी है। प्रबंधन समिति ने कहा कि इसके लिए धार्मिक व आध्यात्मिक पक्ष का पूर्ण अध्ययन एवं अवलोकन करने के बाद ही किसी नतीजे पर पहुंचा जाएगा।
अष्टधातु के ध्वज दंड पर भी विचार
श्री झंडे जी का ध्वज दंड खंडित होने के कारण अब श्री दरबार साहिब में श्री झंडे जी के ध्वज दंड की मजबूती पर जोर दिया जाने लगा है। इसे लेकर रविवार को हुई बैठक में 87 वर्षीय सेवादार जगतार सिंह ने कहा कि मौसम की विषम परिस्थितियों के कारण श्री झंडे जी का ध्वज दंड बारिश से भीग गया था, जिस कारण उसमें लचक आ गई।
उन्होंने कहा कि हमें प्रकृति में हो रहे परिवर्तन को देखते हुए श्री झंडे जी के ध्वज दंड को अष्टधातु से निर्मित करना होगा, ताकि किसी भी विषम परिस्थितियों में ध्वज दंड मजबूत रहे। इसे लेकर अन्य सदस्यों ने भी सकारात्मक प्रतिक्रिया दी।
पंचमी तिथि की चर्चाओं को नकारा
महंत देवेंद्र दास जी महाराज ने इस बार होली के पांचवें दिन श्री झंडे जी का आरोहण न होने की चर्चाओं को अफवाह बताया। उन्होंने कहा कि देश के विद्वान व राजपुरोहितों से विचार-विमर्श कर श्री झंडे जी का आरोहण 13 मार्च को कराने का निर्णय लिया। विद्वानों ने ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, 13 मार्च को पंचमी की वास्तविक तिथि बताई।
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कोरोना वायरस से लोगों के बचाव के लिए देहरादून के ऐतिहासिक श्री झंडे जी मेले का समापन कर दिया है। दरबार साहिब के महंत देवेंद्र दास जी महाराज ने रविवार को मेले के समापन की घोषणा की। एक महीने तक चलने वाले इस मेले को कोरोना के चलते तीसरे दिन ही खत्म करना पड़ा है।
श्री दरबार साहिब के वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी भूपेंद्र रतूड़ी ने बताया कि कोरोना वायरस बढ़ रहा है। इस वायरस को फैलने से रोकने के लिए झंडे जी मेले का रविवार को समापन कर दिया गया है। मेले में भीड़ उमड़ रही थी।
इससे कोरोना वायरस फैलने की आशंका ज्यादा थी। इसे देखते हुए सभी स्टॉल हटा दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि ऐतिहासिक मेला 13 मार्च को झंडेजी आरोहण के साथ शुरू हुआ था। मेले को एक महीने तक चलना था, लेकिन महंत देवेंद्र दास जी महाराज ने लोगों की सुरक्षा को देखते हुए यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।
पुष्प वर्षा से हुआ नगर परिक्रमा का स्वागत
श्री झंडे जी के आरोहण के बाद रविवार को ऐतिहासिक नगर परिक्रमा निकाली गई। नगर परिक्रमा में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। नगर परिक्रमा पर जगह-जगह पुष्प वर्षा की गई और महाराज जी के जयकारे गूंजते रहे। ढोल-नगाड़ों की थाप श्रद्धालुओं में ऊर्जा का संचार करती रही।
रविवार सुबह श्री दरबार साहिब से श्री गुरु राम राय दरबार साहिब के महंत देवेंद्र दास जी महाराज की अगुवाई में नगर परिक्रमा शुरू हुई। नगर परिक्रमा में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया। शबद-कीर्तनों में गुरु की महिमा का बखान किया गया।
लाई-लाई बाबो ने फुलां दी बरखा लाई.., आज दी घड़ी बाबा जी रोज-रोज आवे.., मेला खुशियां दां आंदा हैं.., फुल बरसांदी जांवा राह तेरी आवे.., हर इक दी ओ सुणदां.. सबद गान किए। महाराज जी के जयकारो लगते रहे। कई जगहों पर शहरवासियों ने ऐतिहासिक नगर परिक्रमा का पुष्प वर्षा से स्वागत किया।
फूलों के बिछावन पर नगर परिक्रमा गुजरती रही। यहां से परिक्रमा कांवली रोड होते हुए एसजीआरआर स्कूल बिंदाल पहुंची। यहां संगतों को चने, मुरमुरे व गुड़ का प्रसाद वितरित किया। यहां से परिक्रमा तिलक रोड, टैगोर विला, घंटाघर पहुंची। यहां से लक्खीबाग होते हुए श्री दरबार साहिब में परिक्रमा संपन्न हुई। ढोल-नगाड़ों की थाप पर श्रद्धालु जमकर थिरके।