अटल आयुष्मान योजना में प्रदेश के तीन लाख कर्मचारियों व पेंशनरों को निशुल्क कैशलेस इलाज की सुविधा के लिए प्रतिमाह अंशदान देना होगा। योजना में राजकीय सेवा में कार्यरत कार्मिकों व पेंशनरों को इलाज के लिए कोई व्यय सीमा नहीं होगा।
बड़ी बीमारी का इलाज करने पर जितना भी खर्च आएगा, उसका भुगतान योजना से किया जाएगा। 25 दिसंबर से कर्मचारियों व पेंशनरों के भर्ती होने पर आयुष्मान योजना में निशुल्क इलाज की सुविधा मिलेगी। वहीं डाइग्नोस्टिक व अन्य जांच कराने की सुविधा एक माह के भीतर शुरू हो जाएगी।
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद् व उत्तराखंड कार्मिक शिक्षक आउटसोर्स मोर्चा के प्रतिनिधिमंडल ने कर्मचारियों व पेंशनरों के लिए आयुष्मान योजना लागू करने के लिए अपर सचिव एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन निदेशक युगल किशोर पंत से मुलाकात की।
आयुष्मान योजना के सहायक निदेशक डा. अमितेश कुमार ने बताया कि राजकीय सेवा में कार्यरत कर्मचारियों व पेंशनरों को योजना में निशुल्क इलाज की सुविधा लेने के लिए प्रति माह अंशदान देना होगा।
कार्यरत कार्मिक पदों के लिए श्रेणीवार प्रति माह अंशदान निर्धारित किया गया। सेवानिवृत्त पेंशनरों के लिए एक समान अंशदान रखा है। कर्मचारियों व पेंशनरों को योजना में इलाज कराने पर असीमित व्यय की सुविधा रहेगी।
कर्मचारियों के आश्रित को योजना में निशुल्क इलाज मिलेगा। जबकि अन्य लोगों को योजना में पांच लाख तक ही निशुल्क इलाज की सुविधा है। अधिकारियों ने प्रतिनिधिमंडल को अवगत कराया कि कर्मचारियों व उनके परिवार का डाटा कोषागार व आहरण वितरण अधिकारियों से एकत्रित किया जा रहा है।
उधर, कर्मचारी संयुक्त परिषद् व मोर्चा ने चेतावनी दी कि 25 दिसंबर से योजना शुरू नहीं की गई तो जनवरी से कर्मचारी आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। प्रतिनिधिमंडल में परिषद् अध्यक्ष ठाकुर प्रहलाद सिंह, प्रदीप कोहली, नंद किशोर त्रिपाठी, शक्ति प्रसाद भट्ट, अंजू बडोला, प्रताप रावत, बीएस सजवाण, विनोद तिवारी, इंद्र मोहन कोठारी, कुलदीप पंवार, डीपीएस रावत, ललिता नेगी आदि मौजूद थे।
स्तर अंशदान रुपये में
1 से 5 श्रेणी (चतुर्थ) 100
श्रेणी -6 व समतुल्य (तृतीय) 200
7 से 11 श्रेणी (द्वितीय) 300
12 से श्रेणी से ऊपर (अधिकारी) 400
सेवानिवृत्त पेंशनर 200
अटल आयुष्मान योजना में प्रदेश के तीन लाख कर्मचारियों व पेंशनरों को निशुल्क कैशलेस इलाज की सुविधा के लिए प्रतिमाह अंशदान देना होगा। योजना में राजकीय सेवा में कार्यरत कार्मिकों व पेंशनरों को इलाज के लिए कोई व्यय सीमा नहीं होगा।
बड़ी बीमारी का इलाज करने पर जितना भी खर्च आएगा, उसका भुगतान योजना से किया जाएगा। 25 दिसंबर से कर्मचारियों व पेंशनरों के भर्ती होने पर आयुष्मान योजना में निशुल्क इलाज की सुविधा मिलेगी। वहीं डाइग्नोस्टिक व अन्य जांच कराने की सुविधा एक माह के भीतर शुरू हो जाएगी।
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद् व उत्तराखंड कार्मिक शिक्षक आउटसोर्स मोर्चा के प्रतिनिधिमंडल ने कर्मचारियों व पेंशनरों के लिए आयुष्मान योजना लागू करने के लिए अपर सचिव एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन निदेशक युगल किशोर पंत से मुलाकात की।