धाद की ओर से आयोजित अंकिता एक ज्योति कार्यक्रम के अंतर्गत दून वर्ल्ड स्कूल में बच्चों ने जीवन कौशल और जेंडर समानता के महत्व को समझा।
शुरुआत रोचक खेल संग हुआ, जिसमें बच्चों ने ही पर्चियों से लड़कों और लड़कियों के काम बांटे। इस दौरान कुशाल ने बताया कि उनकी दीदी को ज्यादा पाकेट मनी मिलती है और उन्हें कम। नियति ने बताया कि जब वह मात्र कक्षा छह में पढ़ती थी तो उनको लड़कों के साथ खेलने से रोका गया। प्रवीन ने बताया कि लड़का होने के नाते उन्हें रोने नहीं दिया जाता और हर समय मजबूत बने रहने की उम्मीद की जाती है। संयोजक अर्चना ने कहा कि आज हर स्कूल में जेंडर समानता सिखाने और पढ़ाने की जरूरत है। शिक्षक सौरव नैनवाल ने कहा कि यू तो अंतिम संस्कार बेटों द्वारा ही किया जाता है पर आज कई ऐसी लड़कियां भी हैं जो अपने माता-पिता का अंतिम संस्कार कर मिसाल कायम कर रही है। मा.सि.रि.