गढ़वाल राइफल के 12 आरआर के ग्रेनेडर इंफैंट्री रेजीमेंट में तैनात नई टिहरी जिले के स्वाड़ी (कांडी) निवासी प्रकाश चंद कुमाईं शहीद हो गए।
परिजनों ने बताया कि 23 दिसंबर की रात को पेट्रोलिंग के दौरान प्रकाश चंद शहीद हुआ है। शहीद होने की सूचना गांव पहुंचने पर परिजनों का माहौल गमगीन हो गया है। शहीद के घर गांवों वालों को ढांढस बधाने के लिए तांता लगा हुआ है।
टिहरी जिले के जाखणीधार ब्लाक के ग्राम स्वाड़ी (कांडी) निवासी कुशाल सिंह कुमाईं का सपूत प्रकाश चंद कुमाईं ने देश सुरक्षा के लिए अपनी शहादत दी है। जम्मू कश्मीर के 12 आरआर बनिहाल द्रास सेक्टर में तैनात प्रकाश 23 दिसंबर रात को पेट्रोलिंग पर थे, जहां वह शहीद हो गए।
प्रकाश चंद किस तरह से शहीद हुआ इसकी अधिकारिक जानकारी अब तक नहीं मिल पाई है। शहीद सैनिक की इसी वर्ष 10 अक्तूबर को देहरादून निवासी कल्पना के साथ शादी हुई थी, और 19 नवंबर को वह छुट्टी पूरी कर ड्यूटी गए थे। प्रकाश चंद वर्ष 2012 में सेना में भर्ती हुए थे। शहीद का परिवार वर्तमान में गाजियाबाद में रहता है।
सेना मुख्यालय से शहादत की सूचना मिलने पर माता आषाड़ी देवी, पिता कुशाल सिंह, भाई बिजेंद्र सिंह, विनोद चंद, पत्नी कल्पना समेत अन्य परिजन रविवार को अपने पैतृक गांव स्वाड़ी पहुंच चुके हैं। प्रकाश के शहीद होने की खबर मिलते ही मां अषाड़ी देवी, पत्नी कल्पना का रो-रोकर बुरा हाल है।
गांव में भी शहादत की सूचना पर मातम छाया हुआ है। गांव के बड़े बुजुर्ग परिजनों को ढांढस बंधाकर पार्थिव शरीर का इंतजार कर रहे हैं। शहीद के भाई बिजेंद्र सिंह दुग्ध संघ के अध्यक्ष पदम सिंह कुमाई ने बताया कि सेना के अधिकारियों ने जानकारी दी कि सोमवार तड़के पार्थिक शरीर गांव पहुंचेगा। इसके बाद पैतृक घाट पर अंतिम संस्कार किया जाएगा।
गढ़वाल राइफल के 12 आरआर के ग्रेनेडर इंफैंट्री रेजीमेंट में तैनात नई टिहरी जिले के स्वाड़ी (कांडी) निवासी प्रकाश चंद कुमाईं शहीद हो गए।
परिजनों ने बताया कि 23 दिसंबर की रात को पेट्रोलिंग के दौरान प्रकाश चंद शहीद हुआ है। शहीद होने की सूचना गांव पहुंचने पर परिजनों का माहौल गमगीन हो गया है। शहीद के घर गांवों वालों को ढांढस बधाने के लिए तांता लगा हुआ है।
टिहरी जिले के जाखणीधार ब्लाक के ग्राम स्वाड़ी (कांडी) निवासी कुशाल सिंह कुमाईं का सपूत प्रकाश चंद कुमाईं ने देश सुरक्षा के लिए अपनी शहादत दी है। जम्मू कश्मीर के 12 आरआर बनिहाल द्रास सेक्टर में तैनात प्रकाश 23 दिसंबर रात को पेट्रोलिंग पर थे, जहां वह शहीद हो गए।
प्रकाश चंद किस तरह से शहीद हुआ इसकी अधिकारिक जानकारी अब तक नहीं मिल पाई है। शहीद सैनिक की इसी वर्ष 10 अक्तूबर को देहरादून निवासी कल्पना के साथ शादी हुई थी, और 19 नवंबर को वह छुट्टी पूरी कर ड्यूटी गए थे। प्रकाश चंद वर्ष 2012 में सेना में भर्ती हुए थे। शहीद का परिवार वर्तमान में गाजियाबाद में रहता है।
सेना मुख्यालय से शहादत की सूचना मिलने पर माता आषाड़ी देवी, पिता कुशाल सिंह, भाई बिजेंद्र सिंह, विनोद चंद, पत्नी कल्पना समेत अन्य परिजन रविवार को अपने पैतृक गांव स्वाड़ी पहुंच चुके हैं। प्रकाश के शहीद होने की खबर मिलते ही मां अषाड़ी देवी, पत्नी कल्पना का रो-रोकर बुरा हाल है।
गांव में भी शहादत की सूचना पर मातम छाया हुआ है। गांव के बड़े बुजुर्ग परिजनों को ढांढस बंधाकर पार्थिव शरीर का इंतजार कर रहे हैं। शहीद के भाई बिजेंद्र सिंह दुग्ध संघ के अध्यक्ष पदम सिंह कुमाई ने बताया कि सेना के अधिकारियों ने जानकारी दी कि सोमवार तड़के पार्थिक शरीर गांव पहुंचेगा। इसके बाद पैतृक घाट पर अंतिम संस्कार किया जाएगा।