आतंकी साजिश के आरोप में पकड़े गए उत्तराखंड के चारों युवकों ने अर्द्धकुंभ में मकर संक्राति के पहले स्नान पर विस्फोट की पूरी तैयारी कर ली थी लेकिन अंतिम समय इसका प्लान बदल दिया गया।
सूत्रों की माने तो मकर संक्रांति के दिन आने वाली कम भीड़ की संभावना देखते हुए आतंकी हमले का इरादा त्याग दिया गया, क्योंकि ये लोग भारत में आईएसआईएस के आतंकी हमले में ज्यादा से ज्यादा लोगों को मौत की नींद सुलाना चाहते थे।
हालांकि भारतीय खुफिया एजेंसियों को पहले से ही इसकी भनक लग गई थी और इन चारों को पहले से ही अपने रडार पर ले लिया था। आतंकी हमला टलने पर इन लोगों के आगे की गतिविधियां देखने के लिए टीम कोई कार्रवाई नहीं की। 17 जनवरी को इन लोगों के फिर से रेकी करने पर आईबी और दिल्ली स्पेशल सेल ने बिना देरी किए चारों को दबोच लिया।
अर्द्धकुंभ में विस्फोट को अंजाम देने की खिचड़ी कई माह पहले से पक रही थी। इराक और सीरिया से कॉल के जरिए इन चारों का नेटवर्क खुफिया तंत्र की पकड़ में आया। इसके बाद से इनकी घेराबंदी शुरू हुई। दिल्ली की आईबी और स्पेशल सेल ने साक्ष्य जुटाने के साथ उनकी गतिविधियों पर नजर रखनी शुरू कर दी।
अखलाकुर्रहमान के लगातार हरिद्वार चक्कर लगाने पर खुफिया को अंदेशा था कि मकार संक्रांति के पहले स्नान पर वो आतंकी गतिविधि को अंजाम दे सकते हैं, इसी कड़ी में 13 जनवरी की रात को ही आतंकियों को दबोचने की तैयारी थी। इसी बीच दिल्ली से महत्वपूर्ण इनपुट मिला कि पहले स्नान पर साजिश टाल दी गई है।
खुफिया तंत्र ने और जानकारी बढ़ाने के लिए ऑपरेशन को आगे खिसका दिया। इसी बीच 17 और 18 जनवरी को हर की पैडी और रेलवे स्टेशन पर रेकी हुई तो खुफिया तंत्र का माथा ठनक गया। मंगलवार दिन में चारों संदिग्ध को उठा लिया गया।
आतंकी साजिश के आरोप में पकड़े गए उत्तराखंड के चारों युवकों ने अर्द्धकुंभ में मकर संक्राति के पहले स्नान पर विस्फोट की पूरी तैयारी कर ली थी लेकिन अंतिम समय इसका प्लान बदल दिया गया।
सूत्रों की माने तो मकर संक्रांति के दिन आने वाली कम भीड़ की संभावना देखते हुए आतंकी हमले का इरादा त्याग दिया गया, क्योंकि ये लोग भारत में आईएसआईएस के आतंकी हमले में ज्यादा से ज्यादा लोगों को मौत की नींद सुलाना चाहते थे।
हालांकि भारतीय खुफिया एजेंसियों को पहले से ही इसकी भनक लग गई थी और इन चारों को पहले से ही अपने रडार पर ले लिया था। आतंकी हमला टलने पर इन लोगों के आगे की गतिविधियां देखने के लिए टीम कोई कार्रवाई नहीं की। 17 जनवरी को इन लोगों के फिर से रेकी करने पर आईबी और दिल्ली स्पेशल सेल ने बिना देरी किए चारों को दबोच लिया।