माई सिटी रिपोर्टर देहरादून। बिना किसी ठोस कारण उपनलकर्मियों को सेवा से ना हटाए जाने संबंधी शासनादेश जारी होने पर प्रदेशभर के हजारों कर्मियों ने खुशी जाहिर की है। उपनल कर्मियों ने कहा कि आखिरकार लंबे संघर्ष के बाद सरकार ने उनकी गुहार सुनी सुन ली है। सोमवार को शासन ने उपनल कर्मचारियों को बिना किसी ठोस कारण ना हटाने संबंधी शासनादेश जारी किया। उपनल कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष दीपक चौहान और महामंत्री हेमंत सिंह रावत ने बताया कि कुछ दिन पूर्व उन्होंने अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी से मुलाकात कर उपनल कर्मचारियों की समस्याओं को उनके सामने रखा था। उन्होंने अनावश्यक रूप से कर्मचारियों को ना हटाने, उपनल कर्मियों को अन्य आउटसोर्सिंग एजेंसियों के कर्मियों के समान वेतन देने, समान काम के लिए समान वेतन देने और सुरक्षित भविष्य के लिए सेवा नियमावली बनाने की मांग की थी। उन्होंने कहा कि हजारों कर्मचारियों के जीवन से जुड़े इस मामले को अपर मुख्य सचिव ने बेहद सरकार ने करीब 21 हजार कर्मियों के हित में फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि सरकार को उपनल कर्मचारियों की वेतन बढ़ोतरी और समान काम के लिए समान वेतन भी लागू करना चाहिए। इससे उपनल कर्मचारियों के 21 हजार परिवारों को फायदा मिलेगा।
माई सिटी रिपोर्टर देहरादून। बिना किसी ठोस कारण उपनलकर्मियों को सेवा से ना हटाए जाने संबंधी शासनादेश जारी होने पर प्रदेशभर के हजारों कर्मियों ने खुशी जाहिर की है। उपनल कर्मियों ने कहा कि आखिरकार लंबे संघर्ष के बाद सरकार ने उनकी गुहार सुनी सुन ली है। सोमवार को शासन ने उपनल कर्मचारियों को बिना किसी ठोस कारण ना हटाने संबंधी शासनादेश जारी किया। उपनल कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष दीपक चौहान और महामंत्री हेमंत सिंह रावत ने बताया कि कुछ दिन पूर्व उन्होंने अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी से मुलाकात कर उपनल कर्मचारियों की समस्याओं को उनके सामने रखा था। उन्होंने अनावश्यक रूप से कर्मचारियों को ना हटाने, उपनल कर्मियों को अन्य आउटसोर्सिंग एजेंसियों के कर्मियों के समान वेतन देने, समान काम के लिए समान वेतन देने और सुरक्षित भविष्य के लिए सेवा नियमावली बनाने की मांग की थी। उन्होंने कहा कि हजारों कर्मचारियों के जीवन से जुड़े इस मामले को अपर मुख्य सचिव ने बेहद सरकार ने करीब 21 हजार कर्मियों के हित में फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि सरकार को उपनल कर्मचारियों की वेतन बढ़ोतरी और समान काम के लिए समान वेतन भी लागू करना चाहिए। इससे उपनल कर्मचारियों के 21 हजार परिवारों को फायदा मिलेगा।