पिथौरागढ़ के सीमांत क्षेत्र में मूसलाधार बारिश से बंगापानी तहसील के धामीगांव में हुए भूस्खलन से एक मकान जमींदोज हो गया है। मलबे में दबने से मां-बेटे और तेजम तहसील के गूंठी गांव में पहाड़ी से हुए भूस्खलन की चपेट में आने से एक महिला की मौत हो गई। एनडीआरएफ और पुलिस की टीम ने मलबे में दबे शवों को बाहर निकाल लिया है। मौसम के कहर से मुनस्यारी और धारचूला विकासखंडों के लोग भयभीत हैं। जिले में बारिश से 21 सड़कें बंद चल रही हैं।
Uttarakhand Weather Update : आगामी 30 जुलाई तक राज्य में ऐसा रहेगा मौसम का मिजाज
रविवार रात पहाड़ी से हुए भूस्खलन से बंगापानी के धामीगांव के भ्यूला तोक में विशन देवी का मकान मलबे के साथ बह गया। इस घटना में 55 वर्षीय विशना देवी पत्नी हयात सिंह और जवाहर सिंह पुत्र हयात सिंह मलबे में दबने से मौत हो गई।
40 बकरियां, दो भैंस, दो बैल, दो गाय और एक कुत्ता भी मलबे में दफन हो गए। तेज बारिश के शोर के कारण रात को घटना का पता नहीं चल सका। सुबह होने पर जब लोग घरों से बाहर निकले तो मकान की जगह खाई बनी हुई थी।
क्षेत्र पंचायत सदस्य भगत सिंह मेहरा और प्रधान कुमेर राम आर्या ने इसकी सूचना पुलिस और तहसील प्रशासन को दी। मलबे के कारण सड़कें बंद होने से एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवानों को पैदल गांव तक जाना पड़ा। पुलिस टीम के साथ एनडीआरएफ के जवान सुबह 10 बजे धामी गांव पहुंचे।
इसके बाद मौके पर रेस्क्यू चलाया गया। काफी मशक्कत के बाद जवाहर सिंह का शव बरामद हो सका, जबकि विशना देवी की मलबे में तलाश जारी थी। धारचूला के उपजिलाधिकारी एके शुक्ला ने मौके पर पहुंचकर आपदा से हुए नुकसान का जायजा लिया।
उधर, सोमवार सुबह बांसबगड़ घाटी के गूंठी गांव में पहाड़ी से भूस्खलन की चपेट में आने से घर से कुछ दूर पानी भरने जा रही जानकी देवी (37 वर्ष) पत्नी भूपाल सिंह की मलबे और बोल्डर की चपेट में आने से मौत हो गई।
वहीं उत्तरकाशी जिले के बड़कोट में मां यमुना के शीतकालीन मंदिर खरसालीगांव के परिसर की दीवार क्षतिग्रस्त हो गई है। साथ ही यहां यमुनोत्री हाईवे ओजरी डबरकोटी के पास मलबा आने से रविवार रात से बंद पड़ा है।
मसूरी में पेड़ गिरने से विद्युत सेवाएं ठप
देर रात भारी बारिश के दौरान मसूरी हैप्पी वैली एकेडमी के पास एक बड़ा पेड़ धराशायी हो गया। जिस कारण विद्युत सेवाएं ठप हो गईं। दूसरी ओर गनहिल में भी एक पेड़ गिरने की सूचना है। मसूरी वन विभाग की टीम द्वारा पेड़ काटकर हटाने का काम किया जा रहा है।
पिथौरागढ़ के सीमांत क्षेत्र में मूसलाधार बारिश से बंगापानी तहसील के धामीगांव में हुए भूस्खलन से एक मकान जमींदोज हो गया है। मलबे में दबने से मां-बेटे और तेजम तहसील के गूंठी गांव में पहाड़ी से हुए भूस्खलन की चपेट में आने से एक महिला की मौत हो गई। एनडीआरएफ और पुलिस की टीम ने मलबे में दबे शवों को बाहर निकाल लिया है। मौसम के कहर से मुनस्यारी और धारचूला विकासखंडों के लोग भयभीत हैं। जिले में बारिश से 21 सड़कें बंद चल रही हैं।
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रविवार रात पहाड़ी से हुए भूस्खलन से बंगापानी के धामीगांव के भ्यूला तोक में विशन देवी का मकान मलबे के साथ बह गया। इस घटना में 55 वर्षीय विशना देवी पत्नी हयात सिंह और जवाहर सिंह पुत्र हयात सिंह मलबे में दबने से मौत हो गई।
40 बकरियां, दो भैंस, दो बैल, दो गाय और एक कुत्ता भी मलबे में दफन हो गए। तेज बारिश के शोर के कारण रात को घटना का पता नहीं चल सका। सुबह होने पर जब लोग घरों से बाहर निकले तो मकान की जगह खाई बनी हुई थी।
क्षेत्र पंचायत सदस्य भगत सिंह मेहरा और प्रधान कुमेर राम आर्या ने इसकी सूचना पुलिस और तहसील प्रशासन को दी। मलबे के कारण सड़कें बंद होने से एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवानों को पैदल गांव तक जाना पड़ा। पुलिस टीम के साथ एनडीआरएफ के जवान सुबह 10 बजे धामी गांव पहुंचे।
इसके बाद मौके पर रेस्क्यू चलाया गया। काफी मशक्कत के बाद जवाहर सिंह का शव बरामद हो सका, जबकि विशना देवी की मलबे में तलाश जारी थी। धारचूला के उपजिलाधिकारी एके शुक्ला ने मौके पर पहुंचकर आपदा से हुए नुकसान का जायजा लिया।
उधर, सोमवार सुबह बांसबगड़ घाटी के गूंठी गांव में पहाड़ी से भूस्खलन की चपेट में आने से घर से कुछ दूर पानी भरने जा रही जानकी देवी (37 वर्ष) पत्नी भूपाल सिंह की मलबे और बोल्डर की चपेट में आने से मौत हो गई।